शिवाजी जयंती
छत्रपति शिवाजी महाराज जयन्ती भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक त्योहार और सार्वजनिक अवकाश है। यह त्यौहार 19 फरवरी (जूलियन तिथि के अनुसार), शिवाजी महाराज की जयंती, मराठा साम्राज्य के पहले छत्रपति और संस्थापक के रूप में मनाया जाता है।[1][2]
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती | |
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चित्र:Shiv Jayanti celebration in Chatrapati Sambhajinagar, Maharashtra.jpg छत्रपति संभाजी नगर में शिव जयन्ती मनाते लोग | |
अनुयायी | सामुदायिक, ऐतिहासिक उत्सव |
प्रकार | सामाजिक |
उद्देश्य | शिवाजी महाराज का जन्म उत्सव |
उत्सव | 1 दिन |
तिथि | 19 फरवरी (जूलियन तिथि के अनुसार) |
आवृत्ति | सालाना |
=छत्रपती शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों कि सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किए तथा छापामार युद्ध (Guerilla Warfare) की नयी शैली (शिवसूत्र) विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। वे भारतीय स्वाधीनता संग्राम में नायक के रूप में स्मरण किए जाने लगे। बाल गंगाधर तिलक ने राष्ट्रीयता की भावना के विकास के लिए शिवाजीराजे जन्मोत्सव की शुरुआत की।
मालोजीराजे भोसले (1552–1597) अहमदनगर सल्तनत के एक प्रभावशाली जनरल थे, पुणे चाकण और इंदापुर के देशमुख थे। मालोजीराजे के बेटे शहाजीराजे भी विजापुर सुल्तान के दरबार में बहुत प्रभावशाली राजनेता थे। शहाजी राजे अपने पत्नी जिजाबाई से शिवाजी का जन्म हुवा ।
आरम्भिक जीवन शासनावधि-1674 – 1680 राज्याभिषेक-6 जून 1674 पूर्ववर्ती-शहाजीराजे उत्तरवर्ती-सम्भाजीराजे जन्म-19 फरवरी 1630-शिवनेरी दुर्ग निधन-3 अप्रैल 1680 रायगढ़-समाधि-रायगढ़- संतान-सम्भाजी, राजाराम, राणुबाई आदि. घराना-भोंसले कुर्मी पिता-शहाजीराजे माता-जिजाबाई
छत्रपती शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों कि सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किए तथा छापामार युद्ध (Guerilla Warfare) की नयी शैली (शिवसूत्र) विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। वे भारतीय स्वाधीनता संग्राम में नायक के रूप में स्मरण किए जाने लगे। बाल गंगाधर तिलक ने राष्ट्रीयता की भावना के विकास के लिए शिवाजीराजे जन्मोत्सव की शुरुआत की।
मालोजीराजे भोसले (1552–1597) अहमदनगर सल्तनत के एक प्रभावशाली जनरल थे, पुणे चाकण और इंदापुर के देशमुख थे। मालोजीराजे के बेटे शहाजीराजे भी विजापुर सुल्तान के दरबार में बहुत प्रभावशाली राजनेता थे। शहाजी राजे अपने पत्नी जिजाबाई से शिवाजी का जन्म हुवा ।=सन्दर्भ==
- ↑ Pagadi, Shivaji 1983, पृष्ठ 98: "It was a bid for Hindawi Swarajya (Indian rule), a term in use in Marathi sources of history."
- ↑ Smith, Wilfred C. (1981), On Understanding Islam: Selected Studies, Walter de Gruyter, पृ॰ 195, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-3-11-082580-0
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