श्रीश चंद्र वसु (1861–1918) संस्कृत एवं गणित के विद्वान, न्यायधीश, लेखक और अनुवादक थे। उन्होने योग के प्रमुख ग्रन्थों जैसे योगशास्त्र, घेरण्ड संहिता, और शिवसंहिता का अंग्रेजी में अनुवाद किया। इसके अतिरिक्त अष्टाध्यायी तथा अनेक अन्य संस्कृत ग्रन्थों का अंग्रेजी अनुवाद किया। इसके लिये उन्होंने प्रयागराज में 'पाणिनि ऑफिस' नाम से अपनी एक प्रकाशन व्यवस्था बना ली थी।

श्रीश चन्द्र वसु
जन्म 20 मार्च 1861[1][2][3][4][5]
मौत 23 जून 1918[3][5] Edit this on Wikidata
पेशा अनुवादक, न्यायधीश Edit this on Wikidata


जीवन परिचय

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श्रीश चन्द्र बसु, श्याम चरन बसु के सबसे बड़े पुत्र थे जो लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय की स्थापना में सम्मिलित थे। जब वे केवल छः वर्ष के थे तभी उनके पिता का देहान्त हो गया। अतः बच्चों के पालन पोषण का सारा दायित्व उनकी माँ पर आ गया। वामनदास वसु उनके छोटे भाई थे।

श्रीश चन्द्र बसु की शिक्षा लाहौर मिशन स्कूल में हुई जहाँ उनके पिता पहले प्रधानाचार्य थे। लाहौर के गवर्नमेन्ट कॉलेज में शिक्षा के लिये उनको छात्रवृत्ति प्राप्त हुई थी। वहाँ से उन्होंने एफ ए किया जिसमें अरबी उनकी द्वितीय भाषा थी। उसके बाद उन्होंने बीए किया। इसके साथ ही वे धार्मिक कार्यों में भी रुचि लेने लगे।

बाहरी कड़ियाँ

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  1. एकीकृत प्राधिकरण फ़ाइल https://d-nb.info/gnd/102791376. अभिगमन तिथि 12 अगस्त 2015. गायब अथवा खाली |title= (मदद)
  2. "Srisa Chandra Vasu". गरन्थालया. अभिगमन तिथि 9 अक्टूबर 2017.
  3. "Srisa Chandra Vasu". अभिगमन तिथि 9 अक्टूबर 2017.
  4. "Srisa Chandra Vasu".
  5. "Srisa Chandra Vasu". अभिगमन तिथि 9 अक्टूबर 2017.