सङ्कल्प का अर्थ है कार्य करने की वह इच्छा जो मन में उत्पन्न हो, अर्थात् विचार या इरादा । दान, पुण्य या और कोई देवकार्य आरम्भ करने से पहले एक निश्चित मन्त्र का उच्चारण करते हुए अपना दृढ़ निश्चय या विचार प्रकट करना भी संकल कहलाता है। इस मंत्र में प्राय: संवत्, मास, तिथि, वार, स्थान, दाता या कर्ता का नाम, उपलक्ष और दान या कृत्य आदि का उल्लेख होता है ।