संख्या सिद्धान्त में, संख्या ज्यामिति या संख्याओं की ज्यामिति (geometry of numbers), n-विमीय अंतरिक्ष में उत्तल पिण्डों तथा पूर्णांक सदिशों (integer vectors) का अध्ययन करती है। इस अध्ययन का आरम्भ हरमन मिंकोवस्की ने १९१० में किया था।

संख्या ज्यामिति का गणित के कई अन्य क्षेत्रों से निकट सम्बन्ध है, विशेष रूप से फलन विश्लेषण (funtional analysis) और डायोफैण्टाइन सन्निकटन से। डायोफैन्टाइन सन्निकटन के द्वारा किसी अपरिमेय संख्या के सन्निकट मान वाली परिमेय संख्या प्राप्त की जाती है।

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