संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा

मनोचिकित्सकीय दृष्टिकोण जो बेकार भावनाओं, व्यवहारों और अनुभूतियों को संबोधित करता है

संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा (cognitive behavioral therapy या CBT) मनोचिकित्सा की वह पद्धति है मनोरोगी के सोचने (संज्ञान) तथा उनके व्यवहार पर ध्यान केन्द्रित करती है।यह व्यवहार चिकित्सा का ही एक रूप है इस पद्धति की मान्यता है कि किसी परिस्थिति के बारे में हमारी सोच ही तय करती है कि उस परिस्थिति में हमे कैसा लगेगा और हम क्या आचरण करेंगे। दो लोग किसी एक ही घटना को दो बिलकुल अलग रूप में ले सकते हैं। अतः इस पद्धति में व्यक्ति के सोचने के तरीके या आचरण अथवा दोनो (सोच और आचरण) को बदलने पर बल दिया जाता है। इस चिकित्सा पद्धति में व्यक्ति के प्रेक्षणीय व्यवहार तथा प्रेक्षणीय पुनर्बलन मैं संबंध जोड़कर कुसुम आयोजन व्यवहार को तथा समायोजित व्यवहार को सिखाने की की कोशिश की जाती है संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा में इस गलत संज्ञान या चिंतन को दूर करके उसके स्थान पर सही संज्ञान या चिंतन को विकसित किया जाता है संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा में योगात्मक व्यवहार का कारण गलत संज्ञान माना जाता है संज्ञानात्मक चिकित्सा के प्रकार- १-रेशनल इमोटिव चिकित्सा २-बेक का संज्ञानात्मक चिकित्सा ३-तनाव टीका चिकित्सा ४-सामाजिक समस्या समाधान ५-बहुआयामी चिकित्सा इन सभी चिकित्सा पद्धतियों के द्वारा व्यक्ति के गलत चिंतन या संज्ञान को परिवर्तित कर लिया जाता है

यह मनोचिकित्सा पद्धति निम्नलिखित मनोरोगों में कारगर सिद्ध हुआ है-

  • चिन्ता (anxiety)
  • अवसाद (depression)
  • पैनिक
  • एगोराफोबिया
  • सोशल फ़ोबिया
  • बुलिमिया
  • आब्सेसिव कम्पल्सिव डिसार्डर
  • पोस्ट ट्रामेटिक डिसार्डर
  • मनोविदलता
  • स्कीजोफ़्रीनिच

बाहरी कड़ियाँ

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