संत महिपति
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संत कवि महिपति सोलाहवीं सदी के संत कवि जिन्होंने भारतीय संतों का पद्यमय परिचय संत लिलामृत, भक्ति विजय आदि ग्रंथों के द्वारा दिया है। संत तुकाराम के आदेशानुसार उन्होंने संत परिचय संबंधित ग्रंथों की रचना की। मराठी कवि मोरोपंत ने संत महिपति के कार्य पर कविता लिखी है। उनका समाधि स्थल महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के राहूरी तहसील स्थित ताहराबाद गांव है। यही उनकी कर्म भूमि है। उनका कुलनाम कांबळे है जो कर्नाटक की सीमा से राहूरी आए थे। देशस्थ ऋवेदी ब्राह्मण वसिष्ठ गोत्र जो कुलकर्णी अर्थात पटवारी का काम देखते थें। संत साहित्य पर अभ्यास करते समय संत महिपति की रचनाओं का आधार लिया जाता है। संत महिपति की कर्म भूमि ताहराबाद जहा आज महाराष्ट्र सरकारने तीर्थ क्षेत्र का दर्जा बहाल किया है। ताहराबाद में भक्त निवास का निर्माण किया गया है। ताहराबाद से पंढरपुर तक संत महिपति पैदल विठ्ठल भगवान के दर्शन हेतु जाते थे। आज यह परंपरा बरकरार है।