संपत्ति कर
संपत्ति कर या संपदा कर (अंग्रेज़ी:प्रॉपर्टी टैक्स), वह प्रत्यक्ष कर राशि होती है, जो किसी अचल संपत्ति के स्वामी द्वारा उस संपत्ति के मूल्य के अनुसार अदा किया जाता है। इस कर का अनुमान संपत्ति मूल्य के आधार पर लगता है।[1] इसमें यह महत्त्वपूर्ण नहीं होता कि उस संपत्ति से स्वामी को कोई लाभ हुआ है या नहीं।[2] इस प्रकार मूल परिभाषा अनुसार संपत्ति कर नगर पालिकाओं द्वारा अपने अधिकारक्षेत्र में स्थित अचल सम्पत्ति के स्वामियों पर लगाया गया सामान्य कर होता है, जो उस संपत्ति के मूल्य पर आधारित होता है। यह कर मुख्यत: भूमि, भूमि सुधार, मानव द्वारा निर्मित चल वस्तु जैसे घर, मकान, दुकान, भवन इत्यादि पर लागू होता है। इस कर के स्वरूप विभिन्न देशों में भिन्न प्रकार के हो सकते हैं।
विभिन्न देशों में
संपादित करेंभारत
संपादित करेंभारत में संपत्ति कर का कराधान संपत्ति कर अधिनियम, १९५७ के तहत किया गया है। आय कर विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार में राजस्व विभाग के तहत संपत्ति कर अधिनियम १९५६ तथा उसके अधीन बना कर संपत्ति कर नियमों का प्रशासन करता है।[1] भारत में संपत्ति का वास्तविक स्वामी ही इस कर को जमा करता है जबकि यूनाइटेड किंगडम में किराएदार भी यह कर भरने के उत्तरदाई होते हैं। भारत में संपत्ति कर वार्षिक आधार पर लिया जाता है। सामान्यत: यह कर उचित किराए के आधार पर लगाया जाता है। उचित किराया वास्तविक किराया ही होता है, यदि इसे सही पाया जाता है। प्रायः लोग संपत्ति कर और निर्धारण कर को एक समझते हैं, लेकिन यह दोनों भिन्न-भिन्न होते हैं। गैर-किराये वाली संपत्ति होने की स्थिति में संपत्ति के मूल्य का आकलन स्थानीय कर की दर के आधार पर निकाला जाता है।
- प्रभारित व्यक्ति
भारतीय अधिनियम के तहत निम्नलिखित व्यक्तियों द्वारा निर्धारण वर्ष के दौरान धारित संपत्ति पर कर प्रभारित किया जाता है :-
- व्यक्ति
- हिन्दू अविभाजित परिवार (एचयूएफ)
- कंपनी
- परिस्थितियां
कर की कराधेयता भी निर्धारिती की रिहायशी आकलन पर आयकर अधिनियम के प्रयोजन के लिए रिहायशी स्थिति की तरह निर्भर करता है। उत्पादकता परिसंपत्तियों पर संपत्ति कर नहीं लगाया जाता हैं अत: शेयर डिबेंचर, यूटीआई, म्यूचुअल फंड आदि में निवेश को इससे छूट दी जाती है। जिन परिस्थितियों पर धन कर लगाया जाता है, वे निम्नलिखित हैं :-
- गेस्ट हाउस, आवासीय मकान, वाणिज्यिक भवन
- मोटर कार
- जेवरात, बुलियन, सोने चांदी आदि के बर्तन
- पाल, बोट और वायुयान
- शहरी भूमि
- हाथ में नकदी (५०,००० रुपए तक), केवल व्यक्ति एवं हिन्दू अविभाजित परिवार के लिए
निम्नलिखित को परिसम्पत्तियों में शामिल नहीं किया जाएगा :-
- उपर्युक्त में से कोई यदि व्यापार में स्टॉक के रूप में धारित हो
- व्यापार या व्यवसाय के लिए धारित मकान
- वाणिज्यिक परिसर की प्रकृति की कोई संपत्ति
- मकान जिसे वर्ष में ३०० दिन से अधिक छोड़ दिया गया।
- स्वर्ण जमा बांड
- कर्मचारी को कंपनी द्वारा या अधिकारी या पूर्णकालिक. निदेशक आबंटित अवासीय मकान (सकल वेतन अर्थात ऐसे कर्मचारी, अधिकारी, निदेशक के लिए पूर्वापेक्षा मानक कटौती के पहले को छोड़कर 5,00,000 से कम हो)।
- छूट
धन कर से छूट दी जाने वाली परिसम्पत्तियां निम्नलिखित हैं :-
- न्यास के अधीन धारित संपत्ति
- एचयूएफ की संपत्ति में निर्धारिती का ब्याज जिसका वह सदस्य है।
- भूतपूर्व शासक का रिहायशी भवन
- भारतीय स्वदेश भेजे गए लोगों की परिसंपत्तियां
- व्यक्ति और हिन्दू अविभाजित परिवार निर्धारिती का एक मकान या मकान का हिस्सा या मकान का हिस्सा या भू-खण्ड जो 500 वर्ग मीटर से कम हो।
धनकर उस निवल धन पर लगाया जाता हैं जो मूल्यनिर्धारण की तारीख को होता है (निवल धन का अर्थ है ऋण को घटाकर सभी परिसंपत्तियां जो उन परिसंपत्तियों की खरीद के लिए लिया गया है। मूल्य निर्धारण की तिथि का अर्थ है निर्धारण वर्ष के तुरन्त पहले 31 मार्च) दूसरे शब्दों में मूल्य निर्धारण की तारीख को कराधेय से मिला से मिला दिया जाता है और निर्धारिती द्वारा लिए गए ऋण से घटाई जाती है। प्राप्त निवल धन पर विनिर्दिष्ट दर पर कर लगाया जाता है। धन कर १ प्रतिशत की दर पर १५ लाख से अधिक राशि पर लगाया जाता है।
अन्य देश
संपादित करेंअमेरिका में संपत्ति कर वसूलने का अधिकार राज्य का होता है। संपत्ति की मॉनीटरी वैल्यू का आकलन संबंधित प्राधिकारी द्वारा किया जाता है, जो सामान्यत: नगरपालिका के आधीन काम नहीं करती। दिल्ली में संपत्ति कर को ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। अपने इलाके में सुविधाएं देने के लिए नई दिल्ली में नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) क्षेत्र में स्थित सभी संपत्तियों से कर वसूलती हैं। कुछ महीनों पहले दिल्ली के दिल्ली नगर निगम ने राजधानी की ग्रामीण आबादी को उनकी आवासीय भूमि पर संपत्ति कर न अदा करने की छूट दी है। हाल में भारत में कई स्थानों पर संपत्ति कर ऑनलाइन जमा करने की सुविधा भी चालू की गई है।[3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ प्रॉपर्टी टैक्स Archived 2015-06-26 at the वेबैक मशीन|हिन्दुस्तान लाइव। २३ दिसम्बर २००९
- ↑ कराधान- संपदा कर Archived 2010-12-07 at the वेबैक मशीन। व्यापार ज्ञान संसाधन की भारत सरकार की वेबसाइट पर
- ↑ ऑनलाइन जमा करें संपत्ति कर Archived 2009-08-30 at the वेबैक मशीन। दैनिक भास्कर। २९ अगस्त २००९
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- संपत्ति कर: खर्च के मुकाबले वसूली होगी महज दोगुनी[मृत कड़ियाँ]। इकोनॉमिक टाइम्स