संवेग (भौतिकी)
किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को संवेग (momentum) कहते हैं:
संवेग एक सदिश राशि है क्योंकि इसका एक परिमाण होता है और एक दिशा भी होती है। एक संबंधित राशि कोणीय संवेग है।
संवेग एक संरक्षित राशि है। अर्थात किसी वियुक्त निकाय में कुल संवेग स्थिर रहता है।
रेखीय संवेग का संरक्षण
संपादित करेंरेखीय संवेग का संरक्षण का नियम (law of conservation of linear momentum) प्रकृति का मूलभूत सिद्धान्त है। इसके अनुसार,
- पिण्डों के किसी बन्द निकाय (सिस्टम) पर कोई वाह्य बल न लगाया जाय तो उस निकाय का कुल संवेग नियत बना रहता है। इस नियम का एक परिणाम यह है कि वस्तुओं के किसी भी निकाय का द्रव्यमान केन्द्र (center of mass) एक नियत वेग से चलता रहेगा जब तक उस पर कोई वाह्य बल न लगाया जाय।
संवेग की एक विशेष बात यह है कि यह सभी स्थितियों में संरक्षित रहता है - यहाँ तक कि संघट्टों (collisions) में, तथा विस्फोटक बलों के कारण होने वाली गति की दशा में भी। जबकि गतिज ऊर्जा संघट्ट की दशा में संरक्षित नहीं होती है यदि संघट्ट अप्रत्यास्थ (inelastic) होंगे। चूंकि संवेग संरक्षित रहता है, इस तथ्य का उपयोग संघट्ट के उपरान्त वस्तुओं के वेग ज्ञात करने के लिये किया।
क्रिया प्रतिक्रिया नियम के एग्जांपल:-
(1) नाव की गति
(2) तैरना
(3) चोट लगना
(4) चलना
(5) बंदूक की गोली चलाने पर हाथ में पीछे की और झटका लगना
(6) रॉकेट की गति
(7) हाई जंप लोंग जंप
इन्हें भी देखें
संपादित करें- कोणीय संवेग
- गतिज ऊर्जा
- आवेग (इम्पल्स)