सईद-उर-रहमान आजमी नदवी
सईद-उर-रहमान आजमी नदवी (जन्म: १४ मई १९३४) एक भारतीय इस्लामी विद्वान हैं। वह दारुल उलूम नदवतुल उलमा के प्रिंसिपल के रूप में कार्य कर रहे हैं। वह अल-बा’सुल इस्लामी के संपादक हैं।
जीवनी
संपादित करेंउनका जन्म १४ मई १९३४ को हुआ था। वह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी~फारसी विश्वविद्यालय से मानद डी.लिट प्राप्त की है।[1]
नदवी अल-बासुल इस्लामी के प्रधान संपादक हैं।[2] वह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य हैं।[3]
१५ फरवरी, १०१५ को उन्हें इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जेक्टिव स्टडीज, नई दिल्ली द्वारा लाइफटाइम अवार्ड से सम्मानित किया गया था।[4]
रचनाएं
संपादित करें- इस्लाम और मगरिब
संदेश
संपादित करें- ↑ "RSS leader, Shia cleric and others to be honoured at Urdu varsity convocation". Hindustan Times (अंग्रेज़ी में). 2019-11-19. अभिगमन तिथि 2022-02-25.
- ↑ "British rulers sowed seeds of communalism in India: Justice Markanday Katju | ummid.com". www.ummid.com. अभिगमन तिथि 2022-02-25.
- ↑ Mar 12, Manjari Mishra / TNN /; 2010; Ist, 03:58. "'Muslim women can't discard purdah for politics' | India News - Times of India". The Times of India (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-02-25.
- ↑ TwoCircles.net (2013-02-13). "IOS to present lifetime achievement award to Maulana Saeed-ur-Rahman Azmi Nadvi". TwoCircles.net (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-02-25.