सकल सन्नादी विरूपण
किसी आवर्ती संकेत (पेरिऑडिक सिग्नल) का सकल संनादी विरूपण (total harmonic distortion, या THD) बताता है कि वह संकेत पूर्णतः साइन-आकारी संकेत की तुलना में कितना 'विरूपित' है। इसकी परिभाषा निम्नलिखित है-[1]
जहाँ Vn, nवें हार्मोनिक (सन्नादी) का RMS वोल्टता है, तथा n = 1 मूल आवृत्ति (fundamental frequency) है।
उदाहरण
संपादित करेंउपरोक्त परिभाषा के अनुसार, बहुत से मानक संकेतों के लिये सकल सन्नादी विरूपण का मान सीधे निकाला जा सकता है। उदाहरण के लिये,
(१) शुद्ध वर्गाकार तरंग (square wave) के लिये THDF का मान यह होगा-
(२) इसी तरह, आरादन्त संकेत (sawtooth signal) के लिये,
(३) पूर्णतः सममित त्रिभुजाकार तरंग (pure symmetrical triangle wave) का THDF निम्नलिखित होगा-
(४) किसी आयताकार पल्स-शृंखला, जिसकी ड्यूटी सायकिल μ हो, (rectangular pulse train with the duty cycle μ) इसकी THDF निम्नलिखित होगी-
ध्यान दें कि जब संकेत सममित (symmetrical) हो जायेगा, अर्थात् μ=0.5, तब इस संकेत का THD न्यूनतम (≈0.483) होगा।
उपयोग
संपादित करें- किसी प्रवर्धक की गुणवत्ता बताने के लिये,
- शक्ति इलेक्ट्रॉनिकी में, विद्युत शक्ति की गुणवत्ता (पॉवर क्वालिटी) के सन्दर्भ में[2]
- इन्वर्टर से प्राप्त विद्युत शक्ति की गुणवत्ता के सन्दर्भ में।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Iaroslav Blagouchine and Eric Moreau. Analytic Method for the Computation of the Total Harmonic Distortion by the Cauchy Method of Residues. IEEE Transactions on Communications, vol. 59, no. 9, pp. 2478–2491, September 2011". मूल से 9 जून 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 अप्रैल 2020.
- ↑ "Recommended Practice and Requirements for Harmonic Control in Electric Power Systems". मूल से 16 अप्रैल 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 अप्रैल 2020.