सकाल्दा
Sakalda राजस्थान राज्य के उदयपुर जिले की लसाड़िया तहसील में एक गाँव है।
सकालदा SAKALDA | |
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एक प्रसिद्ध गाँव | |
निर्देशांक: 24°18′14″N 74°13′58″E / 24.303951°N 74.232773°Eनिर्देशांक: 24°18′14″N 74°13′58″E / 24.303951°N 74.232773°E | |
देश | भारत |
राज्य | राजस्थान |
ज़िला | सलूंबर |
तहसील | लसाड़िया |
वाया | कानोड़ |
ग्राम पंचायत | कुण |
क्षैत्र | मेवाड़ |
समय मण्डल | आईएसटी (यूटीसी+5:30) |
पिन कोड | 313604 |
धर्म | हिन्दु |
जाति | पटेल, मीणा, राजपूत |
जनसंख्या | 596 |
अधिकारित भाषा | हिन्दी |
बोली जाने वाली भाषा | मेवाड़ी |
स्थिति एवं स्वरूप
संपादित करेंमेवाड़ का यह गाँव वनों, वनस्पतियो एवं हरियाली से गिरा हुआ, नदी के किनारे बसा हुआ, सभी सुख सुविधाओं से सम्पन्न, विकासशील, कच्चे पक्के घरो, मंदिरो, भवनो, पहाड़ो, मैदानो, घाटियों, छोटे बड़े मोहल्लो वाला गाँव है।
व्यवसाय
संपादित करेंयहाँ का मूल व्यवसाय कृषि है। तथा यहाँ लोग अन्य उद्योग करते है।
भाषाशैली
संपादित करेंयहाँ की बोली जाने वाली भाषा मेवाड़ी है। तथा अधिकारित भाषा हिंदी है।
वेशभूषा
संपादित करेंयहाँ के वृद्ध पुरुष धोती, कुरता पहनते है तथा यहाँ के युवा पुरूष पेंट, टी शर्ट, कुर्ता पहनते है। यहाँ की महिला साड़ी, लेहँगा पहनती है।
मोहल्लें एवं भाग
संपादित करेंसकाल्दा को अनेक भागों या मोहल्लों में बाटा गया है।
- मध्यभाग
यह सकाल्दा का मध्य क्षेत्र है। इसमें पेलाफ़ला, होलीवाड़ा, पिपलामंगरा, मंडी आदि इलाके आते है।
- शिवक्षैत्र
यह सकालदा के पूर्व में स्थित है। इस इलाके में भगवान महादेव का मंदिर हैं जो देवनिया महादेव के नाम से प्रसिद्ध है। यह पर्वतीय क्षेत्र है जिसमें डोळा, तलाब, वेहळा, महादेव मंदिर, वेगडीवेळी आदि इलाके प्रसिद्ध है।
- सहमेलिया
यह मोहल्ला भी पूर्वी सकालदा में स्थित है। जिसमें मूल रुप से समेलिया, नाथूडियावेलि आते है।
- पेलाढ़ावा
नदी के पश्चिमी व ऊपरी भाग मे है। इस इलाके मे हिगोडिमंगरी, हरापाणी, टावरघाटी आते है।
- कलिंगाटी
मध्यभाग के दक्षिण-पूर्व में एक मोहल्ला है। जिसमें कलीमंगरी, हनुमानमंदिर, ढूँड़ आते है।
- खन्निघाटी
यह मध्यभाग के उत्तर पश्चिम में स्थित भाग है। जिसमें खन्निघाटी तथा खेजड़िवाळा आता है।
- पश्चिमभाग
पश्चिमी भाग में पनवावाला, वांदरामंगरा, टावरवालीघाटी आते है। यह भाग अर्नियो का गुडा तक फैला हुआ है।
- वनक्षैत्र
यह क्षेत्र दक्षिण में स्थित है। इसमें वन आते है। यह सबसे लम्बा व नदी का तटीय क्षेत्र है। यह पेलाढावा से सहमेलिया तक विस्तृत है।
- अन्य भाग
पूर्व में फूटीतराई, हज़ारीमंज़ील, कालादो , गुंदावाला, वारावाला है। प्रमुख पहाड़ी इलाके है - पिपलामंगरा, बिलीमंगरी, हालरमंगरा, नवतोड़, वारावालामंगरा, काळीमंगरी आदि।
त्यौहार एवं उत्सव
संपादित करेंसकालदा में अनेक त्यौहार, पर्व व उत्सव मनाए जाते है।
दिवाली
संपादित करेंसकालदा में दीपावली का त्यौहार बड़े धूम धाम से मनाया जाता है।
होली
संपादित करेंरंगो का त्यौहार होली उत्साह और उमंग का त्यौहार है।
रक्षाबन्धन
संपादित करेंभाई बहिन का त्यौहार रक्षाबंधन सकालदा में स्नेह से मनाया जाता है। इस त्यौहार में बहिन अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधती है।
नवरात्रि
संपादित करेंनवरात्रि के नौ दिन में यहाँ दुर्गा पूजा भजन कीर्तन किए जाते है।
महाशिव रात्रि
संपादित करेंयह कार्यक्रम सकालदा के देवनिया महादेव मंदिर में रखा जाता है।
श्रीकृष्णजन्माष्टमी
संपादित करेंगणपतीविसर्जन
संपादित करेंमकरसंक्रांति
संपादित करेंराष्ट्रीय पर्व
संपादित करेंहरियाली अमावस्या
संपादित करेंस्थानीय व्रत
संपादित करेंगवरी
संपादित करेंखेल आयोजन
संपादित करेंनृत्य आयोजन
संपादित करेंशादी ब्याह
संपादित करेंप्रकृति एवं पर्यटन
संपादित करेंयह गाँव राजस्थान के मेवाड क्षेत्र में स्थित है।
नदी
संपादित करेंसकालदा में एक नदी बहती है जिसका नाम 🏞️ नदी है। इस नदी पर अनेक एनाकट कुँए पुल बने हुए है। इसका पानी निर्मल, स्वच्छ, सुंदर है।
पर्वत
संपादित करेंयह गाँव अरावली पर्वत श्रेणी में आता है इसलिए इस गाँव में अनेक पर्वत है। जिसमें सबसे उच्चा पर्वत का नाम है पीपलामंगरा
मंदिर
संपादित करेंसकालदा में महादेव का प्रसिद्ध मंदिर है। जिसका नाम देवनिया महादेव मंदिर सकालदा है। यहाँ लोग दुर दूर से दर्शन करने के लिए आते है।