कुशराज झाँसी बुंदेलखंडी सामाजिक कार्यकर्त्ता, छात्रनेता, लेखक एवं ब्लॉगर हैं। इनका वास्तविक नाम किसान गिरजाशंकर कुशवाहा है। इन्हें सतेंद सिंघ किसान नाम से भी जाना जाता है। ये हिन्दी में कुशराज झाँसी और कछियाई - बुन्देली में सतेंद सिंघ किसान उपनाम से लिखते हैं। इनका जन्म 30 जून सन 1999 को जरबौ गाँव, बरूआसागर, जिला - झाँसी बुन्देलखण्ड में बुन्देली कुशवाहा किसान परिवार में हुआ। इन्होंने हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से बी० ए० हिन्दी ऑनर्स की डिग्री की है और हंसराज कॉलेज छात्र संघ में 2019-20 में सचिव पद हेतु चुनाव लड़ चुके हैं। इनकी पहली किताब 'पंचायत' (हिन्दी कहानी एवं कविता संग्रह) सन 2022 में बुंदेलखंड साहित्य उन्नयन समिति झाँसी की पहल गुमनाम से नाम की ओर के तहत अनामिका प्रकाशन, प्रयागराज से प्रकाशित हुई है। कुशराज ने झाँसी के बुंदेलखंड कॉलेज (बीकेडी) से कानून की डिग्री एलएलबी ली है और वहीं से एम०ए० हिन्दी की डिग्री कर रहे हैं।[1][2]