जाट नम्बरदार
Brashbhanpur गांव
बृषभानपुर बनियाखेड़ा इगलास, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश स्थित एक गाँव है। गांव बृषभानपुर बनियाखेड़ा उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ जिले की तहसील इगलास , ब्लॉक गोण्डा में स्थित है । अलीगढ़ शहर से बृषभानपुर बनियाखेड़ा गांव की दूरी लगभग 28 किलोमीटर है । और तहसील इगलास से दूरी 18 किलोमीटर है । यह गांव ब्रज क्षेत्र में स्थित है । श्री वृंदावन धाम इस गांव से लगभग 45 किलोमीटर दूरी पर है । इस गांव का इतिहास मोहन बाबा से शुरू होता है । इस गांव के सबसे बड़े जमींदार नम्बरदार दौलतराम जी थे जिन्हें अंग्रेजों द्वारा जमींदारी सौंपी गई थी । जो कि बहुत ही सज्जन व्यक्ति थे । गांव में जाट , ब्राह्मण ,बढ़ई , पुजारी ,नाई , जाटव और बाल्मीक जाति के लोग रहते हैं । इस गांव में बच्चों की पढ़ाई के लिए 2 स्कूल हैं । जिनमे कक्षा 8 तक की शिक्षा दी जाती है । गांव की शिक्षा बहुत अच्छे स्तर की है । गांव में बहुत ही प्रेमभाव से लोग अपना जीवन जीते हैं । गांव में हिन्दू धर्म के लोग निवास करते हैं । गांव में 5 पूजा स्थल हैं । जिनमे 4 प्राचीन काल से ही हैं और एक नए मंदिर का निर्माण गांव के सभी लोगों ने मिलकर करवाया है । 4 पूजा स्थलों में से 2 गांव के कुल मंदिर हैं जो गांव से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित हैं
बृषभानपुर बनियाखेड़ा
— गाँव —
Map of उत्तर प्रदेश with बृषभानपुर बनियाखेड़ा marked
भारत के मानचित्र पर उत्तर प्रदेश अंकित
बृषभानपुर बनियाखेड़ा की भारत में स्थिति
Location of बृषभानपुर बनियाखेड़ा
बृषभानपुर बनियाखेड़ा
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश
Flag of India.svg भारत
राज्य
उत्तर प्रदेश
ज़िला
अलीगढ़
जनसंख्या
610
आधिकारिक भाषा(एँ)
हिन्दी, अवधी, बुंदेली, भोजपुरी, ब्रजभाषा, पहाड़ी, उर्दु, अंग्रेज़ी
विभिन्न कोड
• पिनकोड • 202123
• गाड़ियां • UP
आधिकारिक जालस्थल: http://aligarh.nic.in
गांव में माता चामुंडा देवी और माता शेरावाली के दो पूजा स्थल हैं , वहीं निकट ही शीतला माता की पूज्यनीय स्थली गांव में है ।
गांव में रोजगार- गांव के अधिकतर लोग खेती करते हैं खेती के लिए उपजाऊ जमीन गांव के लोगों के लिए भगवान का वरदान है यहां के लोग बहुत अच्छे से फसल उगाते हैं और अपना जीवन यापन करते हैं । गांव में नवयुवक सेना और पुलिस में भी हैं जो देशसेवा में लगे हैं।इस गांव में लगभग 35 सरकारी नौकरी वाले लोग हैं। अर्थात गांव की आर्थिक स्थिति सही दिशा में है । इस गांव का इतिहास बहुत ही गौरवशाली है । इसी गांव से किसान पुत्र डॉक्टर मुख्तार सिंह अपने मेहनत के दम पर आगरा कॉलेज आगरा के प्रिंसिपल बने जिन्होंने इस गांव का मान गांव से शहर तक बढ़ाया । गांव की खेती की सिंचाई की अगर बात करें तो इस गांव में सिंचाई के लिए दो छोटी नहर हैं । गांव में सिंचाई की व्यवस्था बहुत ही अच्छी है । गांव में एक भी घर कच्चा नहीं है । गांव हर दिन प्रगति कर रहा है ।