पात्र :- निर्मला- मुन्शी जी की पत्नी मुन्शी जी- तोताराम मन्साराम- मुन्शी जी का बड़ा बेटा रुक्मिणी- मुन्शी जी की बहन जियाराम, सियाराम- मुन्शी जी के छोटे बेटे भुङ्गी- महरी कृष्णा= निर्मला की बहिन सारांश :- प्रेमचंद का एक आलोच्य उपन्यास है जिसमें हास्य का सुंदर प्रयोग हुआ हैं। निर्मला में अनमेल विवाह और दहेज प्रथा की दुखान्त व मार्मिक कहानी है। उपन्यास का लक्ष्य अनमेल-विवाह तथा दहेज़ प्रथा के बुरे प्रभाव को अंकित करता है। निर्मला के माध्यम से भारत की मध्यवर्गीय युवतियों की दयनीय हालत का चित्रण हुआ है। यदि इस उपन्यास का गहनता पूर्वक अध्ययन करे तो हमें ज्ञान होता है :- १. पुरूषों के अहं की पुष्टि २. दहेजप्रथा और पुनर्विवाह का प्रचलन ३. बालविवाह औऱ बेजोड विवाह का प्रचलन उपन्यास की भाषा :- उपन्यास में उर्दू भाषा के साथ संस्कृत औऱ अग्रेजी भाषा की शब्दावली का भी सुंदर प्रयोग किया हैं।