राहुलदादा इप्पर
राजकीय विचारधारा भारतीय जनता पार्टी के गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि सचिन तेंदुलकर को पहले भारतरत्न दिया जाना चाहिए। गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि सचिन तेंदुलकर का सम्मान ही करना था तो उन्हें राज्यसभा सीट देने के बजाय भारतरत्न दिया जाना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी ने मुम्बई में रेलवे के आन्दोलन मोटरमैनों की मांगों का समर्थन करते हुए रेलमंत्रालय से उन्हें पूरा करने की मांग की। भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा में उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने आज यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में यह मांग की। उन्होंने कहा कि मुम्बई में लोकल ट्रेन वहां की ‘लाइफ लाइन’ है। जिसके कल छह बजे से बन्द होने पर शहर के लाखों नौकरपेशा लोगों के समक्ष भारी दिक्कत पैदा हो गयी है। उन्होंने मोटरमैनों से इसे देखते हुए अपनी हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इन मोटरमैनों को न तो रेलवे ड्राइवरों का ग्रेड मिला है और न ही छठे वेतन आयोग की लागू सिफारिशों के अनुसार नया वेतनमान। उन्होंने इसे उनके साथ सरासर अन्याय बताते हुए रेल मंत्रालय से उनकी मांगे तत्काल पूरी करने की मांग की। उन्होंने आन्दोलनरत मोटरमैनों को भरोसा दिलाया कि भारतीय जनता पार्टीउनकी मांगों को पूरा कराने के लिये सरकार से बातचीत करेगी। मुंडे ने सरकार से भी मोटरमैनों की हड़ताल को लेकर संसद में बयान देने की भी मांग की। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के उस बयान को एक सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें राज ने मुंबई बम धमाकों के लिए परप्रांतियों को जिम्मेदार ठहराया था। मुंडे ने कहा है कि इस दर्दनाक घड़ी में वोट बैंक की सियासत नहीं होनी चाहिए। सारा भारत एक है। हम सभी को एकजुट होकर आतंक का सामना करना चाहिए। हम सभी भारतीय हैं। भाषा, प्रांत, धर्म से ऊपर उठकर हमें मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे सहमत नहीं कि आतंकी हमले परप्रातियों की भीड़ से होते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री पी.चिदंबरम का वह बयान हैरानी भरा है जिसमें उन्होंने गुप्तचर एंजेसियों की नाकामी से इनकार किया। २६-११ हमले के बाद बड़े-बड़े वादे और आश्वासन दिए गए थे, लेकिन इस हमले ने सरकार की लापरवाहियों की पोल खोल दी है। राहुल गांधी का बयान बेशर्मीभरा था। ४८ घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। मुंडे के मुताबिक पांच वर्ष पहले लोकल ट्रेन में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के फरार 12 आरोपियों की गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। २६-११ हमले के बाद गठित की गई राम प्रधान समिति की सिफारिशों पर राज्य सरकार ने कितना अमल किया है? इस संबंध में श्वेत पत्र जारी होना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी नेता गोपीनाथ मुंडे ने बीएमसी चुनाव में रिश्तेदारों को चुनावी टिकट देने का जोरदार विरोध किया है। साथ ही मजबूरी जताई कि ५० प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण देने से बड़े व दिग्गजों को दूसरी जगहों पर अडजस्ट भी करना पड़ेगा। रविवार को घाटकोपर में मुंडे ने कहा कि देश में विदेशी दुकानें कतई नहीं खुलने दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि यहां विदेशी दुकानें खोले जाने का भारतीय जनता पार्टी पुरजोर विरोध करेगी। चुनावों के दौरान नात-रिश्तेदारों को टिकट देने का उन्होंने डटकर विरोध किया। मुंडे ने ऐसे लोगों को चुनावी टिकट देने का समर्थन किया जिन लोगों ने पार्टी को बढ़ाने के लिए पसीना बहाया है और लोगों के लिए कुछ काम किया है। मुंडे ने कहा कि दरअसल, स्थानीय निकायों में ५० प्रतिशत महिला आरक्षण लागू किया गया है। इससे कई लोगों को पत्ते कट जाएंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है उस क्षेत्र के नगरसेवक या पार्टी पदाधिकारी के बहन, पत्नी, या फिर घर के ही किसी सदस्या या फिर रिश्तेदार को चुनावी टिकट दिया जाए, लेकिन मुंडे दिग्गजों को कहीं न कहीं सेट करने का समर्थन किया। मुंडे ने किसी कंपनी विशेष का नाम लिए बगैर कहा कि अपने देश में विदेशी दुकानें कतई नहीं खोलने दी जाएंगी। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने मालेगांव विस्फोटों की न्यायिक या सीबीआई जांच की मांग करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री आर. आर. पाटिल के इस्तीफे की मांग की। पूर्व उपमुख्यमंत्री मुंडे ने कहा कि हाई कोर्ट के मौजूदा जज से इन धमाकों की जांच कराई जानी चाहिए, जिनका मकसद राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था। आतंकवादी निरोधक दस्ते (एटीएस) के बजाय सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि एटीएस ११ जुलाई को मुंबई में हुए धमाकों की जांच करने में नाकाम रही है। उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर गृह मंत्री पाटिल के इस्तीफे की भी मांग की। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने मुंबई में हुए सीरीयल ब्लास्ट पर केंद्र की यूपीए सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि देश में आतंकवाद के खिलाफ कड़ाई से निपटने की जरूरत है। मौजूदा समय में केंद्र सरकार के पास कोई पुख्ता नीति नहीं हैं। मुंडे ने कहा कि अगर अमेरिका आतंकियों के खिलाफ किसी और देश में जाकर कार्रवाई कर सकता है तो भारत को भी इस दिशा में सोचना चाहिए। मुंडे ने कहा कि भारत को पहले अपने ही खुफिया तंत्र को मजबूत करना होगा। आज देश में हालात बिल्कुल भिन्न हो गए हैं। देश को एक पुख्ता और मजूबत खुफिया तंत्र की जरूरत है। मुंबई में सीरियल ब्लाभस्टए पर भारतीय जनता पार्टी नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस कायराना हमले की कड़ी निंदा करती है। मुंडे ने कहा कि भारत विरोधी ताकतों की ओर से मुंबई पर यह जानबूझकर किया गया हमला है। उन्होंने कहा कि इस हमले ने साबित कर दिया है कि भारत पर आतंकी हमले अभी भी जारी है। भारतीय जनता पार्टी के नेता गोपीनाथ मुंडे ने आरोप लगाया है कि 26 नवम्बर को आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिसकर्मियों एवं अधिकारियों को महाराष्ट्र सरकार ने 25 लाख नहीं, सिर्फ 12 लाख रुपये दिए है। इस विषय पर चर्चा करने के लिए मुंडे ने विधानसभा में गृह मंत्री जयंत पाटील के खिलाफ विशेषाधिकार भंग प्रस्ताव रखा था। हमले के बाद मुख्यमंत्री ने शहीद हुए 14 पुलिसकर्मियों को 25 लाख रुपये और सेवानिवृत्ति के कालावधि तक वेतन देने का ऐलान किया था। मुंडे के अनुसार, एक दिसम्बर को राज्य के राजस्व सचिव रमेश कुमार द्वारा जारी जीआर में यह बताया गया कि चूंकि शहीदों को सरकार की ओर से 25 लाख रुपये मिलने वाले है अत: ड्यूटी पर मारे जाने वाली पुलिसकर्मियों को सानुग्रह अनुदान नहीं दिया जाएगा। इस मुद्दे पर हंगामा करते हुए मुंडे ने कहा कि वर्कमेन कॉम्पन्सेशन ऐक्ट के तहत ये कर्मी 13 लाख रुपये पाने के अधिकारी है। इससे घोषित 25 लाख रुपये मुआवजे का सरोकार नहीं है। वह अलग से दिए जाने चाहिए। इसका अर्थ यही हुआ कि सरकार उन्हें 25 लाख नहीं, 12 लाख ही देगी। मुंडे ने सरकार से यह भी जानना चाहा कि एटीएस के अधिकारियों का बीमा प्रीमियम क्या सरकार ने अदा कर दिया है? 8 जुलाई 2005 को सरकार ने एटीएस के पुलिस अधिकारियों का ग्रुप बीमा करने का आदेश दिया था पर उसक प्रीमियम नहीं भरा गया है नतीजतन शहीद हुए पुलिसकर्मी बीमा क्लेम से वंचित रह गए है। मुंडे ने इस बात पर भी कड़ी आपत्ति की कि पुलिस अधिकारी मीडिया को वह सारी जानकारी देते हैं जो सदन में बताई नहीं जाती। उन्होंने कहा पुलिस कस्टडी में बंद अजमल कसब की तस्वीरें मीडिया में कैसे छप रही हैं? मुंडे ने मंत्री पर भी सदन से पहले मीडिया में बयान करने का आरोप लगाया। इसीलिए उन्होंने विशेषाधिकार भंग प्रस्ताव की नोटिस दी है। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों के लिए भाजपा प्रचारकों की सूची में लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के उपनेता गोपीनाथ मुंडे का नाम शामिल हैं। संसदभवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में भारतीय जनता पार्टी नेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि विपक्षी पार्टी के रूप में सरकार की आलोचना करना भारतीय जनता पार्टी का अधिकार है। मुंडे ने कहा, "लोकतंत्र में विपक्ष का यह कर्तव्य है कि वह सरकार की खामियां उजागर करे। लेकिन ऐसा बयान देकर कांग्रेस अध्यक्ष अपनी पार्टी की हताशा प्रदर्शित कर रही हैं क्योंकि कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और इसके बाद महाराष्ट्र एवं दिल्ली के निकाय चुनावों को हार चुकी है।" भारतीय जनता पार्टी ने रेल बजट २००९ की आलोचना करते हुए इसे दिशाहीन बताया है।भारतीय जनता पार्टी नेता गोपीनाथ मुंडे का कहना था कि बजट फास्ट ट्रैक रेल की तरह थी जो ग़रीबों के स्टेशनों पर बिना रुके आगे बढ़ गई। भारतीय जनता पार्टी नेता गोपीनाथ मुंडे ने रेल बजट २०१२ की आलोचना करते कहा कि सरकार ने बड़ी चालाकी से एनेक्सचर की आड़ में ब्यौरा छिपाया। आम आदमी जहां राहत की उम्मीद कर रहा था, वहां रेल मंत्री ने लोगों को महंगाई की एक और सौगात दी है।
रेल यात्री को कुछ नहीं मिला। चालाकी से रेल किराया बढ़ाया गया। मुंबई को कुछ नहीं मिला। लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि रेल मंत्री ने बेहद चालाकी से किराए की ऐसी मार मारी है कि आम आदमी इससे कभी नहीं उबर सकेगा। बजट में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े राज्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि मुंबई में हर रोज लाखों यात्री रेल में सफर करते हैं लेकिन रेल मंत्री ने उनकी सीधे-सीधे उपेक्षा की है।
भारतीय जनता पार्टीने सूखे को लेकर केंद्र पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि महाराष्ट्र में सूखे की स्थिति बेहद खराब है। दो दर्जन से ज्यादा जिलों में पीने का पानी तक नहीं है। विदर्भ और मराठवाड़ा के आठ जिलों में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। तीन माह में सौ से ज्यादा किसान खुदकुशी कर चुके हैं, लेकिन केंद्र की ओर से अब तक सूखा प्रभावित जिलों में कोई राहत कार्य शुरू नहीं किए गए हैं। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने सिर्फ दर्जन भर जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया है, जबकि यह संख्या दो दर्जन से भी ज्यादा है। केंद्र सरकार को राजनीति से ऊपर उठकर सूखा प्रभावित जिलों का सर्वेक्षण कराकर राहत कार्य शुरू करने चाहिए। सूखा प्रभावित क्षेत्रों में चारा, पीने के पानी और अनाज उपलब्ध कराने का प्रबंध किया जाना चाहिए। स्थिति की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि किसान और कामगार अपने जानवरों को कत्लगाहों के हवाले कर कर्नाटक पलायन कर रहे हैं। उन्होंने भारत के सबसे बड़े घोटाले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य के रूप में बहुत दमदारी के साथ हिन्दी की आवाज बुलंद की और अपने आक्रामक तेवर से ये भी साबित किया है कि देश के अधिकांश लोग सरलता से हिन्दी समझ सकते है। टू जी आवंटन घोटाले की जांच के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य मुंडे ने इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज हिन्दी में उपलब्ध करने की मांग की। उन्होंने कहा कि समिति के सभी सदस्यों को ठीक समय पर हिन्दी में दस्तावेज उपलब्ध कराए जाने चाहिए ताकि वे गवाहों का परीक्षण करने की तैयारी कर सकें. हिन्दी की आवाज बुलंद करते हुए मुंडे ने ये भी कहा कि यदि उन्हें हिन्दी में कागज़ उपलब्ध नहीं कराए गए तो वो समिति की बैठक में नहीं आएँगे। हिन्दी के पक्ष में आक्रामक तेवरों से गोपीनाथ मुंडे ने एक बहुत बड़ी बात कह दी। मुंडे ने जो कहा वही बात पूरे विश्व में फैला हिन्दी भाषी समाज एक अर्से से कहता आ रहा है। जिसे कारपोरेट जगत तो समझ चुका है लेकिन सत्ता प्रतिष् नों में बैठे लोग और भाषाई आधुनिकता के कथित मोह के शिकार लोग नहीं समझना चाहते। मुंडे की इस बात का मतलब एकदम साफ़ है। इसका मतलब ये है कि देश के एक बड़े तबके के लिए – जिसमें अहिन्दी भाषी लोग भी शामिल है और सैकड़ों सांसद भी – हिन्दी लिखना, पढना और बोलना अंग्रेजी की तुलना में ज्यादा आसान है। हिन्दी के लिए संसदीय समिति की बैठक के बहिष्कार की बात किसी हिन्दी भाषी ने नहीं बल्कि महाराष्ट्र के एक सांसद ने कही मगर हैरानी की बात है कि मुंडे की ये बात हिन्दी के किसी अखबार को रास नहीं आई, शायद यही कारण है कि हिन्दी के किसी भी अखबार ने इसे जगह नहीं दी। हिन्दी के अखबारों के लिए भले ही ये खबर न हो लेकिन हिन्दी से अनुराग रखने वाले लोगों के लिए ये बहुत बड़ी खबर है। तो हिन्दी को कोसने के लिए जो लोग राज आकरे की बुराई करते है उन्हें उससे भी ज़्यादा ताकत के साथ मुंडे की पीठ थपथपाना चाहिए ताकि और भी लोग हिन्दी के पक्ष में सच बोलने की हिम्मत जुटा सके। लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि पानीपत की तीसरी लड़ाई में शहीद मराठा सैनिकों की स्मृति में युद्ध स्थल पर भव्य स्मारक बनवाया जाएगा। इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा। निराशा मिलने पर जनता के बीच जाकर सहायतार्थ धनराशि एकत्रित कर इस काम को अंजाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्मारक को ऐसे स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां पहुंचकर आने वाली पीढ़ियां हिंदुस्तान के गौरवशाली इतिहास को जानकार गौरवान्वित हो उठेंगी। मुंडे शुक्रवार को पानीपत की तीसरी लड़ाई के २५० साल पूरे होने पर एसडी विद्या मंदिर स्कूल के आडिटोरियम में आयोजित शौर्य अभिवादन समारोह में बोल रहे थे। समारोह का आयोजन संयुक्त रूप से पानीपत रण संग्राम और महाराष्ट्रची शौर्य गाथा समिति ने किया। भाजपा नेता ने कहा कि यह मराठा जनमानुष की नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान की लड़ाई थी। इस लड़ाई में भले ही हार मिली हो मगर इसके परिणामस्वरूप ही अगली जीत हासिल हुई। छत्रपति शिवाजी और महाराणा प्रताप जैसे योद्धाओं ने आम आदमी को लेकर जो संघर्ष किया वह सदियों तक हमें प्रेरणा देता रहेगा। समारोह के शुरू होने से पहले मुंडे ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने काला आंब पहुंच थे। महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री मुंडे ने कहा कि युवा इस गौरवशाली इतिहास से वंचित रहें। इसीलिए भव्य स्मारक बनवाने का संकल्प लिया गया है। उनका मानना है कि लड़ाई का इतिहास हिंदुस्तान की जनता के सामने आना चाहिए। इसके लिए स्मारक एक बढ़िया माध्यम साबित होगा। स्मारक बनने के बाद लोग लालकिला और अन्य ऐतिहासिक स्मारकों की तरह इसे भी देखने पहुंचेंगे। एक ओर जहाँ भारतीय जनता पार्टी ने गोपीनाथ मुंडे को राजस्थान भेजा है और वे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से चर्चा कर रहे हैं।
गूजर अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की माँग कर रहे हैं। गूजर इस समय अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल हैं लेकिन उनका मानना है कि अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलने पर वे नौकरियों और शिक्षा में मिलने वाली आरक्षण की सुविधा का बेहतर फ़ायदा उठा पाएँगे। गुरुवार को बातचीत का संकेत भारतीय जनता पार्टी के राजस्थान प्रभारी गोपीनाथ मुंडे की ओर से आया जब उन्होंने कहा, "हम गूजर नेताओं से हर हाल में बात करना चाहते हैं।" हालांकि गूजर नेताओं ने इन प्रस्तावों पर कोई जवाब नहीं दिया है लेकिन ये संकेत रहे हैं कि गूजर भी इसके लिए सहमति बना रहे हैं। [70] पहले आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजन शव माँग रहे थे कि उनका अंतिम संस्कार किया जा सके और सरकार इसके लिए तैयार नहीं दिख रही थी। अब मामला उलट गया है। अब सरकार चाहती है कि आंदोलन में मारे गए लोगों के शव का पोस्टमार्टम करवा दिया जाए और उन्हें परिजनों को सौंप दिया जाए लेकिन अब गूजर तैयार नहीं हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के प्रभारी गोपीनाथ मुंडे कह चुके हैं कि यदि गूजर तैयार हो जाएँ तो सरकार शवों का पोस्टमार्टम करवाकर उसे सौंपने के लिए तैयार है।
भारतीय जनता पार्टी सांसद गोपीनाथ मुंडे ने संवाददाताओं से कहा, भ्रष्टाचार और बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सरकार बलप्रयोग नहीं कर सकती। इसीलिए चिदंबरम को इस्तीफ़ा देना चाहिए।इसके साथ ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं पर किए गए लाठीचार्ज पर सरकार से सफ़ाई भी मांगी भारतीय जनता पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं पर मंगलवार को किए गए पुलिस लाठीचार्ज के ख़िलाफ़ पार्टी संसदों ने प्रश्नकाल नहीं चलने दिया। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी नेता गोपीनाथ मुंडे ने यह आशंका जताई कि देश में एक बार फिर आपातकाल लागू किया जा सकता है, क्योंकि यहां के मौजूदा हालात वर्ष 1974 के आपातकाल के पूर्व के दिनों जैसे ही हैं। उन्होंने कहा, 'वर्ष 1974 जैसे हालात पैदा कर दिए गए हैं।' मुंडे ने कहा, 'उस समय बेरोजगारी व गरीबी की समस्या थी। सरकार इन परिस्थितियों पर नियंत्रण नहीं कर पाई और उसने वर्ष 1975 में देश पर आपातकाल थोप दिया।' उन्होंने कहा, 'उसी तरह की स्थिति आज भी पैदा हो गई है। सरकार महंगाई, भ्रष्टाचार, नक्सलवाद तथा आतंकवाद को काबू नहीं कर पा रही है।' कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन भाजपा ने एक राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया जिसमें आरोप लगाया गया है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की नीतयां पंगु हो गई हैं। प्रस्ताव में कहा गया है, 'यदि आम आदमी महसूस करता है कि उसके साथ धोखा हुआ है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, औद्योगिक उत्पादन कम हो रहा है, बेरोजगारी बढ़ रही है, भ्रष्टाचार जारी है, संप्रग के कुशासन के कारण अनिश्चितता तथा निराशा बढ़ रही है तो यह भारतीय जनता पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह लोगों की इन चिंताओं को दूर करे और पार्टी ऐसा करती रहेगी।' भारतीय जनता पार्टी के महासचिव गोपीनाथ मुंडे द्वारा पेश इस प्रस्ताव में कहा गया कि जिस विदर्भ में यह अधिवेशन हो रहा है वहां इस योजना के लागू होने के बाद अप्रैल 2008 से 1200 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। प्रस्ताव में कहा गया पिछले साल सरकार ने किसानों की कर्ज माफी की जो घोषणा की उसका फायदा पांच एकड़ से ज्यादा भूमि वाले किसानों को नहीं मिला। खासकर सिंचाई का लाभ न पाने वाले किसान सूखे रह गए और जिसने एक भी किस्त जमा की उन्हें भी इससे वंचित रखा गया। कांग्रस नीत सरकार की कर्जमाफी की योजना को किसानों के साथ की गई धोखाधड़ी बताते हुए कहा है कि यह परियोजना 80 फीसदी किसानों तक पहुंचने में नाकाम रही है। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में यहां कृषि पर पारित प्रस्ताव में कहा गया जो योजना ईमानदार और भरोसेमंद किसानों को दंड देती है वह सैद्धांतिक रूप से गलत है। यह देश के गरीब किसानों के साथ की गई धोखाधड़ी है। इस योजना से करीब 80 फीसदी किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बूटा सिंह को उनके पद से बर्खास्त करने की मांग की है। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि बूटा सिंह खुल्लम खुल्ला भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। गोपीनाथ मुंडे ने कहा, 'बूटा सिंह ने पाटिल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नोटिस जारी किया और मामले को रफा-दफा करने के लिए रिश्वत स्वीकार की। यह खुलेआम भ्रष्टाचार का मामला है और हम मांग करते हैं कि बूटा सिंह को उनके पद से हटाया जाना चाहिए।' लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के उपनेता गोपीनाथ मुंडे का कहना है, शक होता है कि केंद्रीय कृषिमंत्री शरद पवार अपनी वह बुलंद छवि फिर कैसे हासिल करेंगे जो कई साल पहले थी-ऐसे व्यक्ति की, जो कृषि में क्रांति ला सकता था, ऐसा व्यक्ति जो प्रधानमंत्री बन सकता था। कई लोगों ने उनका सम्मान करना छोड़ दिया है। इसतथ्य के सामने यह बात गौण है कि उन पर अभियोग लगेगा या नहीं। मुंडे ने लोकसभा में एक बार यह सबूत पेश करने का प्रस्ताव रखा था कि पवार ने अपने सरकारी विमान में दाऊद इब्राहिम के कथित शार्पशूटरों शर्मा बंधुओं (अनिल अमर सिंह शर्मा और अनिल निर्भय सिंह शर्मा) को बैठाया था। शर्मा बंधु सनसनीखेज जेजे हॉस्पिटल गोलीबारी में शामिल थे। लेकिन चतुर पवार ने यह कहकर अपनी चमड़ी बचा ली कि जब शर्मा बंधुओं ने उनके साथ यात्रा की थी तब उनके खिलाफ एक भी मामला दर्ज नहीं था। केंद्र सरकार की ओर से जारी पुरस्कार विजेताओं की सूची में अनिवासी उद्योगपति संत सिंह चटवाल का भी नाम है, जिन्हें पद्म भूषण पुरस्कार के लिए चुना गया है। प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने पत्रकारों को बताया कि लोकसभा में पार्टी के उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने इस पत्र में प्रतिष्ठित पद्म भूषण पुरस्कार चटवाल को दिए जाने के फ़ैसले पर आपत्ति जताई है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि चटवाल अपने विवादित वित्तीय लेन-देन के कारण इस पुरस्कार के हक़दार नहीं हैं। पार्टी ने तत्काल ये पुरस्कार वापस लेने की मांग की है। भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा में उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर में शांति नहीं है और वहां कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं है जिससे स्थिति गंभीर रूप ले रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कानून व्यवस्था को बनाये रखने में विफल रही है। भाजपा नेता ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के बाद अब वहां अल्पसंख्यक सिखों को धमकी दी जा रही है और घाटी छोड़ने के लिए कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी सिखों को धमकी दे रहे हैं कि यदि उन्हें जम्मू कश्मीर में रहना है तो इस्लाम धर्म अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा संसद के दोनों सदनों में भी उठाया गया। मुंडे ने कहा कि कश्मीर की स्थिति को लोगों को बताने और सरकार पर इस मामले में दबाव बनाने के लिए पार्टी कल देश भर में कश्मीर बचाआ॓ दिवस मनायेगी। इसके तहत अलग अलग प्रदेशों में कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे जिनमें पार्टी के केन्द्रीय नेता अपना संबोधन करेंगे। भारतीय जनता पार्टी के उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा था कि वह इसरो-देवास सौदे पर स्पष्टीकरण दें. पार्टी ने आरोप लगाया था कि अंतरिक्ष विभाग के प्रभारी होने के नाते इस सौदे में हुई अनियमितताओं के लिए वह सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। गोपीनाथ मुंडे ने कहा, देवास सौदा 2जी स्पेक्ट्रम से भी ब़डा घोटाला है। मुंडे ने इस मामले को संसद में उठाने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष विभाग प्रधानमंत्री के अधीन है इसलिए उन्हें संसद में स्पष्टीकरण देना चाहिए. भाजपा संसदीय दल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई और यह फैसला किया गया था। उन्होंने कहा, राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में अनियमितताएं. आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले, महंगाई, आंतरिक सुरक्षा, सेना का राशन घोटाला, विदेश में जमा काला धन, चीनी घुसपैठ और सीबीआई के कामकाज जैसे मुद्दे भी प्रमुखता से उठाए जाएंगे भारतीय जनता पार्टी सीनियर लीडर गोपीनाथ मुंडे ने कहा है कि विधानसभाओं और लोकसभा में ओबीसी महिलाओं के लिए अलग कोटा होना चाहिए। हालांकि मुंडे ने इसे अपनी निजी राय बताया। उन्होंने कहा कि मैं कोशिश करूंगा कि मेरी पार्टी भी इस नजरिये को माने। महाराष्ट्र में ओबीसी लीडर्स की एक सभा को संबोधित करते हुए मुंडे ने कहा कि ओबीसी समाज की ओर से विमिंस रिजर्वेशन बिल में ओबीसी कोटा देने की मांग आ रही है। मैंने यह बता दिया है कि इस मामले में बीजेपी की राय अलग है, लेकिन मैंने उन्हें भरोसा दिलाया है कि मैं पार्टी तक उनकी मांग जरूर पहुंचाऊंगा। महाराष्ट्र में महिला रिजर्वेशन विधेयक पर पार्टी के ओबीसी वर्ग के नेताओं की बैठक में पार्टी के आधिकारिक रूख से अलग राय व्यक्त करते हुए गोपीनाथ मुंडे ने कहा था कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए कोटे पर विचार करने के लिए वह पार्टी पर दबाव बनाएंगे। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने यह कह कर महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में चर्चा छेड़ दी है कि ओबीसी के अधिकारों के लिए वह एनसीपी नेता छगन भुजबल के नेतृत्व में काम करने को इच्छुक हैं। मुंडे ने एक समारोह में कहा कि वह ओबीसी के राष्ट्रीय आंदोलन मंि भुजबल के नेतृत्व में काम करने को इच्छुक हैं। इसे बीजेपी नेतृत्व के भुजबल को राज्य में ओबीसी का नेता स्वीकार करने के तौर पर देखा जा रहा है। एक मंच से बोलते हुए मुंडे ने मुखर तौर पर ओबीसी की गणना को वर्तमान जनगणना में शामिल करने की बात कही। मुंडे ने कहा कि अन्य पिछड़े वर्गों की गणना जनगणना में शामिल होनी चाहिए। ऐसा नहीं किया गया, क्योंकि कुछ लोगों को भय है कि अपनी असली क्षमता जानने के बाद ओबीसी एकजुट हो जाएंगे। मुंडे ने कहा कि पहली बार ऐसा हो रहा है, जब ओबीसी जातियों की गिनती जनगणना में जगह नहीं की जा रही है। बीजेपी नेता ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत राय है कि विधानसभाओं और लोकसभा में महिला आरक्षण में ओबीसी के लिए भी आरक्षण होना चाहिए और वे प्रयास करेंगे कि उनकी पार्टी (भारतीय जनता पार्टी) यह रुख अपनाए। लोकसभा में विपक्षी उपनेता गोपीनाथ मुंडे के आग्रह को लेकर भारतीय जनता पार्टी में असमंजस है। ओबीसी को आरक्षण देने के बारे में भी मुंडे ने खुले आम एनसीपी के नेता छगन भुजबल से हाथ मिलाया है। इसीलिए मुंडे ने कोल्हापुर में हुई राज्य कार्यकारिणी की बैठक में इस बात पर जोर दिया कि जाति के आधार पर जनगणना करने की मांग करने का निर्णय उनका नहीं, पार्टी का था। पार्टी के दो दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक का समापन करते हुए उन्होंने कहा कि सर्व समाज को सामाजिक न्याय दिलाने की छत्रपति शाहू महाराज की भूमिका से बीजेपी सहमत है। संसद में उसी का समर्थन उन्होंने किया और आखिरी दम तक करते रहेंगे। लोकसभा में लोकपाल बिल पर संसद में नियम 184 के तहत चर्चा की मांग गोपीनाथ मुंडेजी ने की। अन्ना हजारे के समर्थन में गोपीनाथ मुंडे रामलीला मैदान पहुंचे।