शशिकांत मिश्र
सूर्य प्रताप मिश्र की कुशीनगर से Mount Kilimanjaro पर भारतीय तिरंगा फहराने की यात्रा।
श्री सूर्य प्रताप मिश्रा पुत्र श्री महेंद्र प्रताप मिश्रा, उत्तर प्रदेश, भारत के एक (मानव अधिकार संरक्षक) सामाजिक कार्यकर्ता है , जिन्होंने कार्यक्रम कार्यान्वयन, सरकारी साझेदारी निर्माण, टीम प्रबंधन, बाल दासता के विभिन्न रूपों के उन्मूलन, जबरन श्रम, मानव संघर्ष में 7 वर्षों से अधिक योगदान दिया है। तस्करी मैंने मानव संसाधन प्रबंधन में विशेषज्ञता के साथ लखनऊ विश्वविधालय के समाज कार्य में स्नातक और समाज कार्य विषय से प्रसनातक किया है, 2 मार्च "2020" से श्री कैलाश सत्यार्थी (नोबल शांति पुरस्कार विजेता 2014) (बीबीए) के साथ उत्तर प्रदेश में राज्य समन्वयक के रूप में काम करते रहे है। बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के क्षेत्र में, तस्करी रोकथाम, बाल श्रम के विभिन्न रूपों का उन्मूलन, राष्ट्रीय/राज्य मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय/राज्य संरक्षण आयोग के सहयोग से छापेमारी और बचाव अभियान की योजना बनाना और संचालन करना। बाल अधिकार, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, अपर पुलिस महानिदेशक, महानिरीक्षक रेलवे, महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव एवं निदेशक, सचिव श्रम विभाग, श्रम आयुक्त, निदेशक शिक्षा उत्तर प्रदेश, सीडब्ल्यूसी, एएचटीयू, डीसीपीयू, जिला श्रम विभाग , जेजेबी, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया, गैर सरकारी संगठन, स्वयंसेवक, अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां और देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों को जल्द से जल्द न्याय, मुफ्त कानूनी सहायता और मुआवजा दिलाने के लिए अदालतों में कानूनी प्रक्रियाओं की सुविधा प्रदान करना।
यूनिसेफ उत्तर प्रदेश द्वारा प्रायोजित राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय परियोजना के साथ अपने पिछले कार्यभार में, सूर्य प्रताप मिश्र ने विभिन्न बाल देखभाल संस्थानों में काम किया, कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों और बच्चों के मामलों को संभाला। मेरे पास प्रशिक्षण के माध्यम से सरकारी विभागों को मजबूत करने, जिला/ब्लॉक/वार्ड/ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समितियों को सक्रिय करने और सरकारी अधिकारियों, पुलिस, न्यायपालिका, सार्वजनिक अभियोजकों, गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों की क्षमता निर्माण का व्यापक अनुभव है।
राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय पुरस्कार:
(2)छात्रवृत्ति कार्यक्रम "एजुकेशन फ्यूचर इंटरनेशनल स्कॉलरशिप" के राउंड 2 के लिए सफलतापूर्वक चुना गया, मान्यता प्राप्त यूनेस्को द्वारा "गैर-राज्य अभिनेताओं की जांच" श्रेणी के तहत विश्व स्तर पर शीर्ष 5 प्रभाव छात्रवृत्ति में से एक वैश्विक शिक्षा निगरानी रिपोर्ट 2022 में अंतर्राष्ट्रीय उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति में योगदान।
(3) उत्तर प्रदेश में बाल अधिकारों पर कार्य करने एवं बाल संरक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु माननीय राज्यपाल उत्तर प्रदेश से प्रशंसा पत्र प्राप्त हुआ। (4) उत्तर प्रदेश एटा जिले में ईंट भट्टे से 131 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराने के लिए माननीय न्यायमूर्ति बाला कृष्ण नारायण (अध्यक्ष उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग) से प्रशंसा पत्र प्राप्त हुआ। (5) उत्तर प्रदेश के बस/रेलवे स्टेशनों पर बचाव अभियान शुरू करने के माध्यम से बाल तस्करी से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मेरे समर्थन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री अनिल राजभर से सम्मानित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 194 बच्चों को कोविड-19 के बाद तस्करी से बचाया गया।
उपलब्धियाँ : (1) एक मानव अधिकार संरक्षक के रूप में सूर्य प्रताप मिश्र ने जिला और राज्य स्तर पर बाल केंद्र कानून पर 46 भौतिक क्षमता-निर्माण कार्यशालाओं की सुविधा प्रदान की और 1558 बाल संरक्षण हितधारकों को संवेदनशील बनाया। (2) नीति-आधारित अनुशंसाओं की वकालत और साझा की गई, जिस पर यूपी राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (डब्ल्यूसीएसओ), एसएसबी के महानिरीक्षक, के सहयोग से पांच राज्य-स्तरीय अभियान शुरू किए गए। एडीजी - राजकीय रेलवे पुलिस, जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस आयुक्त/एसएसपी/एसपी, एएचटीयू, गैर सरकारी संगठन और उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के स्वयंसेवक, जिसके परिणामस्वरूप बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति, आदि के विभिन्न रूपों में लगे 7023 बच्चों को बचाया गया। डीसीपीओ, सीडब्ल्यूसी और डीसीपीयू के सहयोग से तस्करी किए जा रहे बच्चों और उनके पुनर्वास की सुविधा प्रदान करना।
(3) कोविड-19 आपदा के दौरान उत्तर प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ सहयोग किया और उत्तर प्रदेश के 32 जिलों में 52 सीसीआई कोविड-19 चिकित्सा राहत किट के वितरण की सुविधा प्रदान की।
(4) उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग में सदस्य, बच्चों के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को समाप्त करने के लिए विभिन्न राज्य स्तरीय सलाहकार समिति में। (5) पूरे उत्तर प्रदेश में 42 गैर सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी विकसित की और विश्वविद्यालयों, एनएसएस इकाइयों और एनसीसी इकाइयों के सामाजिक कार्य विभागों से 500 स्वयंसेवकों को शामिल किया। (6) रेडक्रॉस सोसायटी उत्तर प्रदेश में आजीवन सदस्य। (7) एनसीसी "सी" प्रमाणपत्र प्राप्तकर्ता, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से "ए" ग्रेड के साथ पर्वतारोहण किया।
प्रेस विज्ञप्ति:
अफ्रीका महाद्वीप के सर्वोच्च शिखर माउंट किलिमंजारो पर भारतीय तिरंगा लहरा चमके सूर्य प्रताप मिश्र
कुशीनगर : वैसे तो जिंदगी में कामयाबी पाने के लिए कई चीजों की आवश्यकता होती है, लेकिन इसमें दो चीज बेहद जरूरी होती है, जूनून और दृढ़ इच्छाशक्ति अगर किसी इंसान में जूनून और दृढ़ इच्छाशक्ति आ जाता है तो फिर वो बड़े से बड़े काम को लाख कठिनाइयों के बाद भी पूरा कर देता है। दरअसल, कुशीनगर जनपद के ग्राम रहसु के मूल निवासी सूर्य प्रताप मिश्रा ने अपने मजबूत इच्छा शक्ति के बल पर अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर तिरंगा फहराकर कीर्तिमान स्थापित कर अपने परिवार, जनपद और देश का मान बढ़ाया है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सूर्य के मानव अधिकार संरक्षण के संकल्प को पूरा करने हेतु आर्थिक सहयोग किया सूर्य ने इसके लिए खुदको शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार किया अनुशासन के साथ रोज योगा व एक्सरसाइज के साथ ही खान-पान पर विशेष ध्यान दिया।
आपको बता दे माउंट किलिमंजारो दुनियां की सबसे ऊंची फ्री स्टैंडिंग ज्वालामुखी पर्वत श्रींखला है, जो अफ्रीका महाद्विप के तंज़ानिया देश में स्थित है.
- दृढ़ इच्छाशक्ति ने दिलाई सफलता*
सूर्या बताते है 15 मार्च की सुबह मोसी तंजानिया के मारंगो गेट से चढ़ाई शुरू कर 7 दिनों की कठिन चढ़ाई सिर्फ 5 दिनों , जैसे-जैसे मंजिल की तरफ बढ़ रहे थे, मुश्किलें भी उतनी ही ज्यादा हो रही थी। 10 किलो के बैग को लेकर पहाड़ पर बैलेंस बनाकर चलना आसान नहीं था, क्योंकि वहां ऑक्सीजन की कमी भी थी। इसके साथ ही किलिमंजारो सूखा और चट्टानी पहाड़ (rocky mountain) है, इसलिए कई बार मनोबल भी कम हुआ, लेकिन जज्बा और जुनून बरकरार रखते हुए लगातार 5 दिन की चढ़ाई की। इसके बाद 18 मार्च 2024 की सुबह माउंट किलिमंजारों चोटी पर भारतीय तिरंगा फहराया और 19 को सुबह वापस लौट आये।
सूर्य की बुनियादी शिक्षा सैनिक स्कूल लखनऊ से हुई है, लखनऊ यूनिवर्सिटी से उन्होंने स्नातक व परास्नातक पूरा किया सूर्यप्रताप ने पुलिस, यूपी राज्य मानवाधिकार आयोग, यूपी राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग तथा अन्य के सहयोग से लगभग 10 हजार से अधिक बच्चों को तस्करी तथा बाल मजदूरी से बचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है। अभी हाल ही में 12 जनवरी 2024 को उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ ने सूर्यप्रताप को प्रदेश के सर्वोच्च युवा पुरस्कार स्वामी विवेकानंद युवा पुरस्कार से सम्मानित भी किया है।
सूर्य मानव अधिकार संरक्षण,महिला सशक्तिकरण और बाल अधिकार संरक्षण के संकल्प को लेकर पूरे दुनिया के प्रधानमंत्री,राष्ट्रपतियों, का ध्यान आकर्षित कर मानव अधिकार संरक्षण हेतु और मज़बूत नीतियों को बनाकर उनका सुचारू रूप से पालन करने का संदेश देने हेतु सातो महाद्वीपों के सर्वोच्च पर्वतों की चोटी पर चढ़ाई कर भारतीय "तिरंगा" फहरा ने की इच्छा व्यक्त की।