मध्यप्रदेश गान सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है मां की गोद पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश हैं। विन्ध्याचल सा बाल नर्मदा का जल जिसके पास है यहां ज्ञान विज्ञान कला का लिखा गया इतिहास है ।

उर्वर भूमि, सघन वन, रत्न, संपदा जहां अशेष है स्वर-सौरभ-सुषमा से मंडित मेरा मध्यप्रदेश है

सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है मां की गोद पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश है। चंबल की कल कल से गुंजित कथा तान बलिदान की खजुराहो में कथा कला के चित्रकूट में राम की भीमबेटका कला का पत्थर पर अभिषेक है अमृत कुंड अमरकंटक में ऐसा मध्यप्रदेश है चित्रों में अमृत घट जल का मिला कृष्ण को ज्ञान है आप महाकाल को तिलक लगाने मिला हमें वरदान या कविता न्याय वीरता गायन सब कुछ या उसे हर देश का यहां हमें इसका मेरा मध्यप्रदेश है सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है मां की गोद पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश है।

                 Sandeep pandram