मै आचार्य हरिकृष्ण फरशुराम साधु कुटुंब से हूँ। मै बचपन से मेरे काका दादा श्री महंन्त श्री नारणदासजी से सितार, हर्मोनियम्, तबला, गायन मुख्य रुप से भक्ति संगीत की कडी शिक्षा हासिल की है। मैने स्नातक और अनुस्नातक की पदवी शास्त्रीय गायन मे महाराजा सयाजीराय विश्वविद्यालय से हासिल की है। गायन संगीत के सिवा मैने कई वादन के साधनो मे सिद्धि हासिल की है। आज ४, ५ साल गुजरात मे संगीत शिक्षक के रुप मे काम करने के बाद मे मै मालदीव्स मे संगीत शिक्षक के रुप मे काम कर रहा हूँ।