कानपुर जिसकी पहचान कभी भारत के मैनचेस्टर के रुप में होती थी आज धूल, जाम, एवं बिजली रहित शहर के रुप पहचाना जा रहा है. परन्तु इसके अलावा भी इसकी पहचान उभर रही है और वो है आज कैरियर कोचिंग के रूप में. कानपुर का इतिहास में भी एक स्थान रहा है। यहाँ रक्षा मंत्रालय की पाँच निर्माणियाँ है। ऐतिहासिक स्थान के रूप में मैमोरियल वैल है। नानाराव पार्क एवं कानपुर से लगा हुया बिठूर जिसका इतिहास के अलावा पौरोणिक महत्व भी है।

[कानपुर][1] के दर्शनीय स्थल संपादित करें

नानाराव पार्क (कम्पनी बाग) चिड़ियाघर (Zoo) जेके मन्दिर (राधा-कृष्ण मन्दिर) सनाधर्म मन्दिर काँच का मन्दिर श्री हनुमान मन्दिर पनकी सिद्धनाथ मन्दिर जाजमऊ आनन्देश्वर मन्दिर परमट जागेश्वर मन्दिर चिड़ियाघर के पास सिद्धेश्वर मन्दिर चौबेपुर के पास बिठूर साँई मन्दिर, मन्धना [[[कानपुर]]][2] तकनीकी एवं शैक्षिक संस्थान श्री छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय पूर्व में कानपुर विश्वविद्यालय भारतीय तकनीकी संस्थान (IIT) हरकोर्ट बटलर तकनीकी संस्थान(HBTI) चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के कुछ प्रमुख डा. एवं [अस्पताल][3] गंगा बैराज,

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कानपुर कुछ ब्लागरों के नामः [अनूप शुक्ला][4] [अजीत कुमार मिश्रा][5]

कानपुर का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में योगदान रहा है। प्रमुख थे नानाजी, तात्या टोपो [यहाँ देखे][6]