अनफाल

मै और मेरा परिवार

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मेरा नाम अनफाल है । मेरा जन्म १९९७ को होआ है और मै १८ वर्श का हु । मेरा पाय्धाइशि बिजपुर मै हुआ है जो करनातट्का मे है । मेरे पास एक बेहेन है जो मुझ्से बदि है । मै बेग्लोर मे रेह्ता हु । मै क्रिस्त कोल्लेगे मे

मेरी शिक्षा

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ब ऍ कर राहाहु । मै कित्ताबओ का शौकीन हु , बहोत सारे कितब मेरे अल्मरि मै है जिन्हे मै रोज़ रात सोने से फेहले पधताहु , ये आदत मुझे छोटे वर्श से हि है ! किताबो मे दिल्छस्पि मुझ्मे इस्लिये है क्युकि मेरि मा बच्पन से हि कहनिया सुनाथि थि । मेरे मन्पसन्द लेखक चेतन भगत है जो बोहुत से अच्छे किताब लिख्ते है ।

मेरी रुचियाँ

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मेरा मन्पसन्द खेल बस्केत बाल है , क्राइस्त टिम मे भि मुझे लिया जगया है , एक हफ्ता बाद मेरा मात्छ भि है जिस्केलिये मै रोज़ सुभे शाम अब्यस कर्ता हु । कोइ भे खेल खेल्ने से हमरि आरोग्य तन्दरोस्त रह्ता है हमे कोइ बिमरि नहि आयेगि , और हमे हमेशा गुनि रक्ता है , मुझे बहुत से पुरोस्कार बस्केत बाल , स्विमिनग और तबल टेन्निस मे मेले है जो मै बहुत मेह्नथ से , खून पसिना बहा कर कमया है , येह पुरुस्कार देख्कर मेरे माता और पिता बहुत हि कुश होगये थे क्युकि मुझे इन सब खेलो मे सब्से अच्छा खिलाडि क इनाम मिला था ।

मेरा सपना और मेरा लक्ष्य

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इस दुनिया मे लखो लोग है जिस्के पास खने और पिने के लिय नहि है , तो मेरे जेवन का एह लक्श्य है कि मै इन लोगो कि मद्द करो और उन्हे वो सारि चिजे दु जो उन्के पास नहि है ,बच्पन से हि मुझे येह काम कर्ने कि ख्वैश थि। मेरे सारे जीवन मे अब तक मैने बहुत से येसे चिजे किय है जो दोसरो के चेहरे पे मुस्कुरहट लाति है । मुझे खाने का बहुत शौक है , मा के हात का खना थो बहुत अछा है , लेकिन भाहर जाकर दोस्तओ के साथ खने का माजा कुछ और हि है , लेकिन ज्यधा बाहर खाने से हमारि सियथ खराब हो जायेगि । अप्नि सियथ को अच्छा रख्ने के लिये हमे सबज़ि रोज खाना चाहिये , सिर्फ खने से सेहथ अछि नहि रेह्ति साथ मे खेल कुद भि ज़रुरि है । मै हमेशा से एक कबिल इन्शान बन्ना चाह्ता था , और शयध कुछ साल बाद मेरा सप्ना सच हो जयेगा और मे बहुत अमिर बनजुगा । मुझे चित्र बनाना बहुत अछा लगता है , और जब मै स्कूल मे था तो मुझे बहुत सारे इनाम मिले है जो मैने चित्र कलकर मे जीथा था । मेरे पास एक बिल्लि है जो सफेद रग कि है , वो मुजे मेरे जनम दिन पर मिलि थि । तो यहि सब चिजो है जो मेर जीवन मे हुए है , और आशा करता हु कि आगे ज़िन्दगि मे भि सब कुछ अच्छ हो और मे एक कबिल इन्सान बन जाऊ ।