जलेबी इस व्यंजन का उत्तर भारत के कई हिस्सों में दूध के साथ बतौर नाश्ता बडे चाव के साथ खाया जाता है। जलेबी के घोल को कुछ घंटों के लिए खमीर आने तक छोड दिया जाता है। फिर घोल को एक छेद वाले कपडे में डाला जाता है। और फिर उस छेद के जरिए ही कपडे को दबाकर घोल को गोल-घुमावदार शक्ल में गरम घी या तेल में तला जाता है। जब यह पक कर सुनहरे भूरे रंग की हो जाती है तो इसे दो तार वाली गरम-गरम चाश्नी में कुछ देर डुबोकर रखा जाता है। इस तरह यह गोल-घुमावदार एक स्वादिष्ट व्यंजन के तौर पर तैयार हो जाता है। आमतौर पर तो जलेबी सादी ही बनाई व पसंद की जाती है, पर पनीर जलेबी को भी लोग बडे चाव से खाते हैं।