Asavaree
नमश्कार सभी पाठकों! मैं इस निबंध में आपसे खुद का परिचय् कराउँगी और अपने बारे में खास जानकारी दूंगी। मेरा शुभ नाम है असावरी सक्सेना । मेरे उन्नीस साल के जीवन सफर में मेरा अकसर लोगों से सामना हुआ है, और वे मुझसे यह सवाल करते हैं कि आखिर मेरे इस अनोखे नाम का अर्थ क्या है? पर इसके बावजूद भी में उसी जोश और् गर्व् की भावना से केहती हूँ कि मेरा यह नाम दरअसल हिंदुस्तानी संगीत में प्रात्ःकाल के समय गाया जाने वाला एक मधुर राग है। यह सुंदर नाम् रखने का श्रेय मेरी माँ को जाता है। मेरे अनुसार यह नाम मेरे लिए उचित है क्योंकि जैसा मेरा नाम है, उसी प्रकार मेरा गायकी शौक और काम है। बचपन से लेकर आज तक मेरे गाना गाने और गुनगुनाने का एक खुमार् सा है, जिसका कोई अंत ही न हो। गाने के अलावा मुझे नृत्य और नाटक में भी रुचि है। मैं बैंग्लूर में पली-बढी हूँ पर मेरी पैदाइश भारत की राजधानी दिल्ली में हुई है। मेरी मतृभाषा हिंदी है। मैनें अपनी पढाई 'नैशनल पब्लिक स्कूल' और् अपनी 'प्रियूनिवर्सिटी' 'क्राईस्ट जूनियर कॉलेज' से की थी। इस समय 'टूरिसम' में प्रबंधन की पढाई बैंग्लूर के जाने-माने 'क्राईस्ट यूनिवर्सिटी' से कर् रही हूँ। मुझे अलग और अन्य जगहों जाना, घूमना, पर्यटन करना और लोगों से मिलना- जुलना और उनकी जीवन शैली को समझना बहुत पसंद है। मुझे यकीन है कि इतने प्रसिदध कॉलेज से शिक्षा प्राप्त करना भगवान की देन है, मैं धन्य हूँ कि इतने बडे कॉलेज से मैं उतना ही बडा नाम कमा पाऊँगी। मेरा दृष्य और सपना है- कि मैं अपनी मातृभूमि पर सभी देशवासियों को गरीबी और भ्रष्टाचार से मुक्त देख सकूँ। मुझे पशु- पक्षी बहुत प्रिय है। मुझे अनेक प्रांतों और देश-विदेश के लोगों से मिलना अच्छा लगता है व संसकृति का आदान-प्रदान करना भी अच्छा लगता है। मुझे अपने मन के खयालात कागज पर र्ंगीन करना पस्ंद है। मैं मीडिया के क्षेत्र् में उच्च कोटी प्राप्त करना चाह्ती हूँ।
र्ंग बिर्ंगे फूल हैं हम, हर क्यारी अपनी न्यारी है, हम शृंगार हैं भारत माँ के, सबके लिए सुगंध हमारी है।