सदस्य:Badal padma soni/बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण

Badal padma soni
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण सम्पादन
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण सम्पादन

बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण

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बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण सम्पादन स्वायत्त सर्वोच्च सांविधिक निकाय है जो बीमा उद्योग नियंत्रित एवं विकसित करता है। यह संसद के विशेष अधिनियम से बनाई गई है। इसका मुख्यालय हैदराबाद, तेलंगाना में है जो पह्ले दिल्ली में था। इरडा या बीमा उद्योग में पहले २६% विदेशी निवेश(एफडीआई) था इसे बडा कर ४९% किया गया था। वर्तमान में विदेशी निवेश(एफडीआई) का प्रावधान १००% कर दिया गया है।

  • १९९१-भारत सरकार ने आर्थिक सुधार कार्यक्रम और वित्तीय क्षेत्र में सुधार शुरू किया।
  • १९९३-श्री आर एन मल्होत्रा के नेतृत्व में एक समिति बीमा क्षेत्र में सुधार करने के लिए सेटअप किया गया था।
  • १९९४- मल्होत्रा ​​समिति क्षेत्र का अध्ययन किया और हितधारकों के बाहर सुनवाई कुछ सुधारों की सिफारिश की।
  • कुछ सिफारिश सुधारों


संगठनात्मक संरचना

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आईआरडीए अधिनियम ' 1999 की धारा 4 के अनुसार,बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण सम्पादन(आईआरडीए , जो संसद के एक अधिनियम द्वारा गठित किया गया था प्राधिकरण की संरचना निर्दिष्ट दस लोगों के हाथ में होगी। वे इस प्रकार में है:

  • एक अध्यक्ष - टी.एस. विजयन
  • पांच पूर्णकालिक सदस्यों - आर नायर , एम राम प्रसाद , एस रॉय चौधरी, डी.डी. सिंह।
  • चार अंशकालिक सदस्यों - अनूप वाधवान , एस.बी. माथुर , प्रो वि.के.गुप्ता , सीए सुबोध केआर.अग्रवाल


अध्यक्ष और अन्य सदस्यों का कार्यकाल

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  1. अध्यक्ष और अन्य पूर्णकालिक सदस्यों का कार्यकाल ५ वर्ष है और वे पुनर्नियुक्ति के लिए पात्र हैं, मगर उनकी आयु ६५ से ज्यादा नहीं होनी चाहिये।
  2. अंशकालिक सदस्यों का कार्यकाल ५ वर्ष है, लेकिन वह पुनर्नियुक्ति के लिए पात्र नहीं है।
  3. सदस्य अपने कार्यालय त्याग सकता है किन्तु उसे केन्द्रीया सरकार को ३ महिने पहले सुचित करना होगा।

हटाने या कार्यालय से बर्खास्त

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  1. अगर सदस्य दिवालिया घोषित किया जाते है।
  2. अगर किसी भी अपराध का दोषी पाया गया हो।
  3. अगर उसने जनता के हित के खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग किया हो।
  4. अगर उसने वित्तीय स्थिति किसी कंपनी में अधिग्रहण किया हो।


बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण सम्पादन की भूमिका और कार्यों

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  • पंजीकरण को संशोधित करने, नवीनीकृत, वापस लेने, निलंबित या किसी भी तरह के पंजीकरण कि अयोग्य समझा जाता है तो पंजीकरण को रद्द करने का अधिकार भी है।
  • बीमा पॉलिसी के बताए से संबंधित मामलों में पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करता है, बीमा दावे का निपटारा,बीमा योग्य ब्याज इत्यादि।
  • यह सर्वे करनेवालो और नुकसान मूल्यांकनकर्ताओं के लिए आचार संहिता देता है।
  • यह बीमा कारोबार में दक्षता को बढ़ावा देता है।
  • जीवन बीमा कारोबार और सामान्य (या गैर - जीवन) बीमा कारोबार का प्रतिशत को निर्दिष्ट ग्रामीण या सामाजिक क्षेत्र में बीमा कंपनी द्वारा किए जा सके।
  • प्रभावी ढंग से टैरिफ सलाहकार समिति के कामकाज की निगरानी रखथा है।
  • शोधन क्षमता के मार्जिन के रखरखाव के विनियमन करना।
  • बीमा कंपनी और बीमा (ग्राहक) के बीच विवादों का निपटारा करता है।
  • बीमा कंपनियों द्वारा धन के निवेश को नियंत्रण और औरविनियमित रखना।

http://www.medindia.net/patients/insurance/insurance-concepts-and-irda-duties-power-function.htm https://en.wikipedia.org/wiki/Insurance_Regulatory_and_Development_Authority