Bethelbritto1831378
जन्मनाम बेथेल ब्रित्तो
जन्म तिथि २४।०९।२०००
जन्म स्थान केरेल
देश  भारत
शिक्षा तथा पेशा
विश्वविद्यालय क्राइस्ट कॉलेज
उच्च माध्यामिक विद्यालय एग्नेस कॉलेज



मेरा परिचय

संपादित करें

मेरा नाम बेथल ब्रीटो है। मेरा जन्म २४ सितंबर २००० में हुआ था। मेरा जन्म केरल मे हुआ। केरल मेरी माँ का घर है इसलिए मेरा जन्म वहा हुआ था। मेरे पिताजी का नाम जोसलिन लोबो और मॉ का नाम शांति लोबो है।मेरा एक बड़ा भाई ,एक छोटी बहन और एक छोटा भाई है। हम साथ में ४ बच्चे हैं। मेरा बड़ा भाई इंजीनियरिंग कर रहा है, मेरी छोटी बहन सातवीं कक्षा में पढ़ रही है और मेरा छोटा भाई ७ साल का है। जब हम छोटे थे हम एक दूसरे के साथ बहुत लड़ते थे। पर अब हम एक दूसरे के साथ बहुत प्यार से रहते हैं। जब से मैं छोटी थी मेरे घर में बहुत पशु और पक्षिया थे, पर अब सिर्फ दो कुत्ते है। मेरे पिताजी कॉलेज में प्रोफेसर का काम कर रहे हैं और मेरी माँ स्कूल में अध्यापिका का काम करती हैं। मैं और मेरा परिवार बहुत प्यार से रहते है। अब जब मैं घर छोड़ कर पढ़ने आई,मैं अपने परिवार वालों को बहुत याद करती हूं। मैं क्रिस्मस की छुट्टियों का इंतजार कर रही हूं क्योंकि मैं तब घर जा सकती हूं।


मेरी पढ़ाई मैंगलोर मैं हुई थी। मेरी प्राथमिक शिक्षा संत मेरिसा पाठशाला में हुई थी। मुझे बचपन में साइकिल से खेलने का बहुत शौक था। मुझे खाना पकाने का खेल भी अच्छा लगता था। मैं और मेरे दोस्त अलग-अलग तरह के खेल खेलते थे। जब मैं छोटी थी हमारे घर में टीवी नहीं था इसलिए मैं बाहर जाकर पेड़ो पे या मिट्टी में खेलती थी। मुझे गाना गाने का और नाचने का शौक था। जब मैं छोटी थी,छुट्टियाँ मिलने के समय मैं अपनी दादी के घर जाती थी। मुझे वहां जाना बहुत अच्छा लगता था। मुझे खेलने का शौक भी था। जब मैं 4 साल की थी मेरी माता जी ने मुझे और मेरे भाई को तैरना सिखाया। मेरा बचपन बहुत संतुष्ट रहा। जब मैं छोटी थी मुझे बहुत दोस्त थे। सभी दिन स्कूल के बाद हम खेलने के लिए जाते थे। जब मैं मेरे दोस्तों के साथ खेलती थी मुझे बहुत खुश होता था। हम लोग ज्यादातर दौड़ कर खेलते थे। मुझे गाना बजाने का शौक भी था इसीलिए मैं बचपन में गिटार खेलने के लिए सीखी। जब मैं छोटी थी मेरा सबसे प्यारा फिल्म “साउंड ऑफ म्यूजिक” था। जब मैं छोटी थी मैं बहुत बात करती थी इसीलिए मुझे कई सारे दोस्त थे।

जब मैं 15 साल का था तब मेरा परिवार छुट्टियों का समय में दिल्ली की यात्रा के लिए गये। इस यात्रा में मैं बहुत खुश थी। हम दिल्ली में बहुत गुमे। हम अलग-अलग तरह का खाना खाये। हम लोग दिल्ली में राष्ट्रपति भवन देखें उस का बाद हम आगरा गए जहां हम ने ताजमहल देखें। इस यात्रा में और मेरे परिवार वाले बहुत खुश थे।

10 कक्षा तक में मैं एक स्कूल में पड़ी थी और मेरे पी-यूसी के लिए मैं सेंट एग्नेस कॉलेज में आई थी। 10 वीं कक्षा के बाद मुझे मालूम हुआ कि मैं साइंस और कॉमर्स पढ़ नहीं सकती थी इसलिए मैंने आर्ट्स चुन लिया। मुझे पी-यूसी कॉलेज अच्छा लगता था क्योंकि हम लोग शिक्षा के साथ-साथ खेल-कूद भी करते थे। मेरे पीयूसी में, मैं आर्ट्स सेक्रेट्री थी। मुझे पढ़ने की बहुत लगन थी इसीलिए मैं मन लगाकर पढ़ती थी। मुझे यह मालूम था कि मैं अच्छे से पढ़के मेरी पिताजी और माता जी को खुश रख सकती हूं।

मेरे पीयूसी के बाद मुझे मालूम था की मुझे मीडिया में मेरी विद्या अभ्यास पूरी करनी थी। इसलिए मैंने क्राइस्ट कॉलेज में ऐड मिशन लिया। क्राइस्ट कॉलेज में आने से मुझे बहुत ख़ुशी मिली। पहले-पहले घर की बहुत याद आती थी पर समय बीतने पर मुझे यहां अच्छा लगने लगा। मैं कॉलेज के पीछे मैं एस.जी. पालिया नामक नगर में रहती हूं। मैं एक होस्टल में रहती हूं और उसका नाम सेंट जोसेफ स्टडी हाउस है। मेरे होस्टल सिस्टर लोग चलाते हैं। पहले जब मैं यहां आई थी मुझे एक भी दोस्त नहीं था पर समय बीतने पर मुझे कई सारे दोस्त मिल गई। मेरे होस्टल में ज्यादातर केरल के लोगों रहते हैं।कॉलेज मैं पढ़ाई के साथ साथ में सह पाठ्यक्रम गतिविधियों मैं भी भाग लेती हूं। मैं कॉलेज में सी.एस.ए. नामक एसोसिएशन में भी भाग लेती हूं।सी.एस.ए. में हम गरीब परिवार के बच्चे जिन्हें पढ़ाई नहीं मिलती है हम उन बच्चों को सिखाने के लिए जाते हैं। कॉलेज में भाषा उत्सव नामक एक कार्यक्रम था। मुझे भाषा उत्सव के दिन बहुत खुश लगा। मैं मेरी संस्कृति के कपड़े पहन के कॉलेज गई थी। उस दिन कॉलेज में बहुत गाना बजाया था और हम सब बहुत नाचे। मैं और मेरे दोस्त भी बहुत नाचे।


निष्कर्ष

संपादित करें

मेरी पढ़ाई के बाद मुझे समाचार पत्र के ऑफिस में काम करना है। मुझे हमारे देश में होने वाले सभी बुरी चीजों को हटाना है और इन बुरी चीजों को हटाने के लिए मैं समाचार पत्र में लिखूंगी। मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि मेरा आने वाले दिन भी खुश रहे और मेरा परिवार भी सुरक्षित रहे।