दोस्ती हम दो तरह से परिभाषित कर सकते हैं पहला जो एक ही gender के लोग शामिल होते हैं। जैसे लड़के का दोस्त लड़का और लड़की की दोस्त लड़की। यह दोस्ती प्रश्न चिन्ह के निशाने पर नहीं है समाज को कोई आपत्ति नहीं है ना किसी के घर वालों को कोई आपत्ति है और ना ही बाहर वालों को।

दूसरे प्रकार कि दोस्ती में अलग-अलग जेंडर वाले लोग शामिल होते हैं जैसे लड़के और लड़की की दोस्ती अब चाहे कितनी भी पवित्र हो, उन दोनो के मन में चाहे कोई भी असामाजिक तत्वों ना हो फिर भी लोग उनको गंदी निगाहों से देखेंगे उनकी दोस्ती पर हमेशा प्रश्न खड़े करेंगे । यह एक खराब माइंडसेट का उदाहरण है, यहां पर लोगों की दशकों पुरानी सोच दिखाई पड़ती है। अब ऐसा इसलिए है की तालाब को कुछ मछलियों ने गंदा कर रखा है तो बाहर से लोगों को ऐसा लगता है कि सारी मछलियां ही गंदी है।

नमस्कार दोस्तो मेरा नाम है भारत चौधरी और इस लेख में आप पढ़ेंगे कि आखिर दोस्ती के वह क्या कारक हैं जो एक दोस्त को दूसरे दोस्त से बांधते हैं भावनात्मक रूप से और सामाजिक रूप से भी। कहते हैं जिसको अच्छा दोस्त मिल गया उसको भगवान मिल क्योंकि अच्छे दोस्त आपके जीवन के ग्राफ को कभी लगातार नीचे नहीं गिरने देते हैं। अच्छे दोस्त की व्याख्या भौतिक रूप से की जाए तो यह तो इंटरकनेक्टेड (अंदर से जुड़े) नलो की तरह होते हैंं। जो बराबर पानी देगा भले ही पानी के स्रोत अलग अलग कर दिया जाए दोनों आपस में मिल ही जाएंगे। दोस्त की व्याख्या भावनात्मक रूप से की जाए तो इसके लिए शब्द कम पड़ जाएंगे। यह अनुभव करने के लिए पहले अच्छा दोस्त चुनना होगा कोई एक, अच्छे दोस्त बहुत सारे होते और उसके साथ शाम को बातें करके देख लो, दिन भर की बेचैनी और थकावट न मिट जाए तो कहना। दोस्त वो नही जो लड़कियों को देखकर कहे यह तेरी वाली और ये मेरी। ऐसे दोस्त आपकी lifestyle को ऊपर की ओर नहीं बल्कि उसको नीचे की ओर ही ले जाएंगे। दोस्ती कभी मन के खिलाफ जाकर नहीं करना चाहिए जब मन करे तभी करें, ये नहीं की किसी से मिले दो उंगलियों को मिलाकर यूं हाथ मिलाया और फिर बन गए दोस्त। ऐसी दोस्ती कर भी ली तो उसमें एक दूसरे को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए फिर उसी के अनुरूप हमें व्यवहार करना चाहिए। बिना समझे हमें कोई ऐसे कदम नहीं उठाने चाहिए जिससे एक दूसरे में से किसी को भी ठेस लगे क्योंकि दोस्ती हल्की नहीं होती। यह सबके बस की बात नहीं होती है। दोस्ती की कोई वैधता नहीं होती यह तो मरने के बाद भी साथ देने का एक वादा होता है। दोस्ती girlfriend boyfriend की परंपरा से कही ऊपर है। दोस्ती की तुलना नदियों में श्रेष्ठ गंगा से कर सकते है। आशा करता हूं की लोग अपनी सोच से ऊपर उठकर कुछ नया सोचेंगे। क्योंकि हमे और आपको मिलकर यह दुनिया बदलनी हैं।

जय हिंद