Gladwin0509
नाम आर नैव ग्लाद्वीन
जन्मनाम आर नैव ग्लाद्वीन
लिंग पुरुष
जन्म तिथि ०५ सितंबर २०००
जन्म स्थान बैंगलोर
देश  भारत
शिक्षा तथा पेशा
महाविद्यालय क्राइस्ट
विश्वविद्यालय क्राइस्ट यूनिवर्सिटी
उच्च माध्यामिक विद्यालय एमी पब्लिक स्कूल


मेरा नाम आर नैव ग्लाद्वीन है। मे 18 साल का हू मेरा जन्म 05 सेपटेम्बर 2000 मे हुआ था। मे अब मे चरिस्त यूनिवर्सिटी में पढ़थ हू।

मेरे पिता का नाम यस रॉबर्ट जॉन है। वह 19 साल तक भारतीय सेना मे काम कर रहे थे। अब वह रेतिरेड़ हो गए है। वह अब बैंक मे डकैत के नोक्क़रि कर रहे है। मेरे मता का नाम आर अमल है। वह 10 कक्षा तक पढे है। वह घर पतनी है। मेरा एक छोटा भाई है उसका नाम आर नोर्बेर्ट बीजो है। वह अब 11 कक्षा संत फ्रंचीस पि यू कोल्ज मे पढ़ रहा है।

मेने अपनी बचपन मे अपने पीता फौजी मे होने के कारण उनके साथ कही जगहे पर गए है। मे अपनी यू के जी वैस्ट बंगाल में पढ़ था। वहा का वातावरण बहुत ही अच्छा था। वहा पर लोगो श्याम 6 बजे के बद घर से नही निकलते है क्योकि हम जहा पर रहते वह एक जंगल हिलके के पस था। वहां से कबी कबी बाग और हाथी निकलकर आर्मी क़ुअतेर्स के पस आ जाते थे। मेरी माँ बचपन जल्दी सो जाने के लिए डरती थी वरण वह जंगली जनवर आ के डरएगे।

फिर मेरे पीता का पोस्टिंग पुणे,महारास्ट्र मे हुआ। मे वहा पर 1 से 3 कक्षा तक पढ़ा था। मे वहा पर नीले रंग के हाउस मे था। तब से मुझे नीला रंग पसंद है। अब तक पता नही पर मुझ नीला रंग बहुत पसंद है। मे तब एक तिथ्ली का चित्र बनाया था वहा बहुत सुन्दर होने का करण उसे हमरी स्कूल मग्ज़ीने मे ढल दिया। तक से चित्र बनाने की कोशिश और इत्चा बहुत बड़ी और इस करण पढाई में धयन बहुत काम हुआ इसके करण पीता ने बहुत डहंट। फिर से बहुत महन्त करके पढ्ने लगा।

फिर हम बेंगलुरु आ गए याह पर मे अपनी 4 से 10 तक का पढाई प्राप्त किया। जब हम याह पर आये तो थे तब मुझे उस वातावरण के दएंकर बहुत डार लगा पर वाह का लोगो बहुत अत्चे थे। मे वहा पर भी कही आदी चीजो में इस्स लिया और जिथा है। मेरे को वहा पर कही बहुत अच्छे दोस्तो मिले पर उने में भी 3 मेरे बहुत करीब है। उनका नाम पद्मनाभं,गणेश,दिनेश है। हम चर लोगो हमेशा एक सात रहते ते। हमे कही भार अध्यापक ने बाहर जाने के बोला है क्यौंकि हम जाबि दहेको भाते करते रहते थे। हमारी सबसे अच्छई याददाश हमारी स्कूल ट्रिप है। हम तब बहुत मजा किया था। मेने अपनी स्कूल मे न्च्च या सर्टिफ़िकेट किया है। इसमे भी हम सब दोस्त एक साथ थे। मेरे दोस्त पद्मनाभं ने मुझे बास्केटबॉल खेलना सिकया था। तब से मुझे इस खेले पर एक अलग ही दिलचस्प है।

मे अपनी पी यू करने संत फ्रंचीस कॉलेज मे पढ़ा। करीब 7 साल एक जगह पर रहने के बाद अलग जाघा जाने मे थोडी मुश्किल हुआ। फिर भी मुझे यहा पर कई बहुत अचहे दोस्तो मिले। पर यहा के प्रिंसिपल बहुत ही कधुस थे। उन्के कर्ने हम सब छुप थे। पर वहां के सरे अधौआपक़ बहुत ही अच्छे तरीके से हुम पढते थे उन्के करण हमे अपनी 12 मे थोडा अत्छ अंक पृप्प्थ किया। मेने याह पर अपनी न्च्च बी सर्टिफ़िकेट किया था। हुम न्च्च मे बी बहुत मस्ती करतें थे। और हुम एक क्रमप बी गए थे। वहां पर हमे बहुत रगड़ दिया था। और हुम कब मस्ती भी किये थे।

लक्ष्य और सपना

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मेरे को मेरे घरवालो ने चरिस्त मे पढ्ने के बोला। मेरे को यहा कही बहुत ही अच्छे दोस्तो मिले है। मुझे याह का वातावरण अपनी स्कूल की याद दिलाती है। याह पर सरे लोग बहुत अच्छे है। यहा के सरि अधयपक़ बी बहुत अच्छे है। मुझे यहा पर आकर अपनी कोई दिस्ती फिर्र से मिलने का मेहसोस होता है।

मेरे को बास्केटबॉल खेलना बहुत पसंद है। कबी कबी कविता बी लिकता हू। मेरे को चित्र बनना बहुत पसंद है।