मेरा परिचय

मेरा नाम हर्षित सबरवाल हैं। मैं क्राईस्ट युनिवर्सिटी से वाणिज्य की पढाई कर रहा हूँ। मैं १८ साल का हूँ। मेरा जन्म भोपाल, मध्य प्रदेश में हुआ था पर मैंने अपना बचपन महाराष्ट्र और हरियाणा में बिताया है। मेरे माता-पिता अभियंता हैं। मुझे फुटबाल और बीटबौकसिंग का शौक है। मैंने अपनी शिक्षा दिल्ली पबलिक स्कूल से की है जो की गुरगाँव हरियाणा में है। क्योंकि मेरे पिताजी का नौकरी संबध तबदला होता रेहता है, इस वजह से मैं कई शहर देखें हुए हैं। गुरगाँव के पेहले मैंने अपनी शिक्षा पुणे और फरीदाबाद में की थी। मुझे महापुर्षों के उपन्यासों पढने का शौक है,जिसमे मेरा पसंदीदा है 'मिन कैफं' जो अडोल्फ हिटलर की आत्मकथा है।

मेरा जनम १ जनवरी १९९७,भोपाल में हुआ था। भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी है। उसको 'सिटी आफ लेक्स' के नाम से भी जाना जाता है। इस शहर में तालाब के सुंदर नज़ारे देखने को मिलते है,एवं नावों के पानी पर चलने के भी आकर्शित झलक देखने को मिलते हैं। जब मैं ३ साल का था तब मेरे पिताजी का नौकरी संबंधी तबादला हो गया और मैं फरीदाबाद आ गया। यहाँ पर मैंने अपनी शिक्षा शुरू की। फरीदाबाद में मैं ८ साल तक रहा जिसके बाद मैं पुणे चला गया। यह मेरे जीवन सबसे यादगार दौर था क्योंकि यहाँ पर मैंने अपने सबसे करीबी मित्र बनाये। और मैं जिस स्कूल में पढा, वहाँ मैं अपने विध्यार्थी जीवन के सबसे अच्छे एवं सुनेहरे पल बितायें। मैं अपनी स्कूल की फुटबाल टीम का हिस्सा था। इसके अलावा मैं अपने स्कूल के नाटक 'लाइन किंग' में टीमौन का किर्दार निभाया था। पुणे में २ साल रेहने के बाद मेरे पितजी का तबादला गुरगाँंव में हुआ। गुरगाँव माहाभारत में वो स्थान था जहाँ पर पांडवो ने अपना बचपन बिताया था। गुरगाँव में मैंने दिल्ली पबलिक स्कूल में भरती हुआ और मैं यँहा पर कक्षा १२ तक पढा। यह हरियाणा के प्रगित शहरों में आता है। मैं अपने स्कूल का प्रीफ्कट था,और मैंने कई स्कूलों की प्रतयोगिताओं में भाग लिया था। मैंने कक्षा १० में हरियाणा की ओर से ३ फुटबाल के मैच खेले थे क्योंकि कुछ समय बाद मेरे स्कूल में परीक्षा शुरु हो गई और मुझे टीम को छोडना पढा। मैंने स्कूल के नाटक 'ब्लेड' का भाग था। मेरे १२ कक्षा में ८८% आये थे। गुरगाँव के बाद मैंने क्राईस्ट युनिवर्सिटी में दाखिला करवाया।

बेंगेलुरू मेरे लिये एक नया अनुभव रह चुका है। यहाँ पर मैं एक पीजी में रह रहा हूँ। कौलेज का वातावरण काफी चुनौतियों वाला है एंव साधारण सा है। यँहा पर लोग शिक्षा पर अधिक रुची रखते हैं और जानते है कि परिश्रम करने वाले ही जीवन में सफल होते हैं। मैं कौलेज में राष्ट्रीय कैडेट कोर्प्स का हिस्सा हूँ। मैंने कौलेज में बीटबौकसिंग भी करता हूँ। मैं कौलेज में जरमन भाषा भी सीख रहा हूँ। मैंने यँहा पर भी कई अच्छे मित्र बनाये है।

मैं भविषय में एक आ पी एस अफसर बनना चाहूँगा जिसके वजह से मैंने राष्ट्रीय कैडेट कोर्प्स में भाग लिया है।