Himaashwath30
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Hima
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नाम हिमा अशवत्
जन्मनाम हिमा
लिंग स्त्रि
जन्म तिथि ३० अगस्त १९९७
जन्म स्थान बैंगलोर
देश साँचा:Country data भारत्
नागरिकता भारतिय
शिक्षा तथा पेशा
पेशा विद्यर्थि
महाविद्यालय क्र्र्राईस्ट विश्वविद्यालय
विश्वविद्यालय क्र्र्राईस्ट विश्वविद्यालय
उच्च माध्यामिक विद्यालय सि एम अर नाशनल पबलिक सकूल्
शौक, पसंद, और आस्था
धर्म हिन्दु
राजनीती स्वतंत्र
रुचियाँ

राजनीति विज्ञान

सम्पर्क विवरण
ईमेल himaashwath30@gmail.com


परिचय: मेरा नाम हिमा अशवत है। मै दक्शिन भारत के एक खूबसूरत शहर,बैंगलोर कि रहने वालि हूँ। मेरा जन्म इस शहर में १८ साल पेहले हुआँ था। तबसे लेकर अबतक मैनें इस शहर को हिन्दुस्थान कि सिलिकॅअन वैलि में बदलता देखा है। बैंगलोर को सब उसके भौगोलिक स्थान,यहाँ के ठ्ंडे मौसम,वातावरण और शुभचित्ंक लोग के लिए जाना जाता है।यहा के मौसम बहुत अच्छा है। यहाँ ज्यादा गर्मी या ठंड नहीं रह्ती हैं। बैंगलोर भारत की सबसे खूबसूरत राजधानी है।मेरा घर कल्यान नगर नामक क्षेत्र में है जो कि उत्तर बैंगलोर में स्तिथ है। यह एक व्यस्त क्षेत्र है जहाँ पर बहुत सारे बाजारे सामान करिद्ने केलिये मिल्थ हैं,सड्कें बहुत व्यस्थ होथे हैं। करिददारि और व्यापार के लिए यह क्षेत्र जाना जाता है। मै एक सुचा नामक सामाजिक समूह का हिस्सा हूँ जो अपनी पर्ंपरा और संस्क्ऱिति को कायम रखते हैं।हम भगवान पर भरोसा रखना और उसके नाम के त्यौहारों को धूम धाम से मनाने में विशवास रखते हैं। यह हमार मानना हैं। शैक्षिक योग्यता: मै क्र्र्राईस्ट विश्वविद्यालय मे कला स्नातक (बैचलर अफॅ आटसॅ) की पहली कक्षा की छात्र हूँ। यहाँ का अद्ययन का मोहल्ले बहुत उत्तम हैं। यह भारत के सबसे अच्छे विश्वविद्यालयो मे से एक हैं। यहाँ पर हर छात्र को उन्के अनेक अवसर मिलते है जिसकी वजह से वो अपने अंदर की प्रतिभा को वृत्तिक कर् सके। मेरे विषय,अर्तशास्त्र्र (ईकानामिक्स),राजनिति विज्ञान(पोलिटीकल सैंस),समाज शास्त्र्र (सोशियौलाजी)हैं जओ मुझे समाज को समझने में मदद करते है।समाज कैसे सोचता है,लोग कैसे काम करता है,स्ंस्क्र्ऱिति आदि के बारे मे मुझे पढना पडता हैं।यह मुजे एक अच्छा इंसान बनने मे मदद करता हैं। हितों: मैं राजनीति में रुची रखती हूँ।औंर दुनियाभर राजनीति विज्ञान की जानकारी रखती हूँ।मैं भारत और विश्व की राजनीतिक रणनीति के बारे मे जानना चाहती हूँ। मुझे नृत्य और गाना बहुत पस्ंद हैं। भरतनाट्य्म मे मेरे अरंगेट्र्र्म कत्म हुआँ हैं। करनाटिक संगित मै मेरा द्वितीय परिक्षा कत्म किय हैं। मेरे बचपन से हि इन दोनो कलाओ मे बहुत शौक थी। मै दिन के लिये जीने वालि हूँ। यहि मेरा विश्वास बिना कोई खेद के जीना मुझे पस्ंद है।मैं अल्पकालिक लक्ष्य रखती हूँ और अपने जीवन को मैं खूब आनंद से जीना चाहती हूँ और एक अच्छी व्यक्ति बनना चाहती हुँ।