28-29 जनवरी, 2019 को नई दिल्ली में बाघ संरक्षण पर अंतर्राष्ट्रीय समीक्षा सम्मेलनका आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि बाघ संरक्षण पर यह तीसरा अंतर्राष्ट्रीय समीक्षा सम्मेलन था।

  • सरकार द्वारा बाघ संरक्षण के लिये किये जा रहे प्रयासों के परिणामस्वरूप बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर हर चार वर्ष बाद आधुनिक तरीकों से बाघों की संख्या की गिनती की जाती है।
  • बाघ रेंज के देशों ने 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग में घोषणा के दौरान 2022 तक अपनी-अपनी रेंज में बाघों की संख्या दोगुनी करने का संकल्प व्यक्त किया था।
  • सेंट पीटर्सबर्ग चर्चा के समय भारत में 1411 बाघ होने का अनुमान था जो कि अखिल भारतीय बाघ अनुमान 2014 के तीसरे चक्र के बाद दोगुना होकर 2226 हो गया है।
  • वर्तमान में अखिल भारतीय बाघ अनुमान 2018 (All India Tiger Estimation) का चौथा चक्र जारी है।
    • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में संशोधन किया गया ताकि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और बाघ एवं अन्य लुप्तप्राय प्रजाति अपराध नियंत्रण ब्यूरो (वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो) का गठन किया जा सके।
    • बाघ आरक्षित वन क्षेत्र या बाघों की अधिक संख्या वाले क्षेत्र से संबंधित अपराधों के मामले में सजा में बढ़ोत्तरी की गई।
      • भारत सरकार ने 1973 में राष्ट्रीय पशु बाघ को संरक्षित करने के लिये 'प्रोजेक्ट टाइगर' लॉन्च किया।
      • 'प्रोजेक्ट टाइगर' पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक सतत केंद्र प्रायोजित योजना है जो नामित बाघ राज्यों में बाघ संरक्षण के लिये केंद्रीय सहायता प्रदान करती है। ट्रैफिक-इंडिया के सहयोग से एक ऑनलाइन बाघ अपराध डाटा बेस की शुरुआत की गई है और बाघ आरक्षित क्षेत्रों के लिये सुरक्षा योजना बनाने के लिये दिशा-निर्देश तैयार किये गए हैं।
      • सक्रिय प्रबंधन के अंतर्गत सरिस्का और पन्ना बाघ आरक्षित वन क्षेत्रों में, जहाँ स्थानीय रूप से बाघ लुप्त हो चुके थे, बाघ और बाघिनों के जोड़ों को वहाँ फिर से बसाया गया है।
      • जिन बाघ आरक्षित वन क्षेत्रों में बाघों और शिकार किये जाने वाले अन्य जीवों की संख्या कम है वहाँ सक्रिय प्रबंधन के ज़रिये उनकी संख्या बढ़ाने के संबंध में विशेष परामर्श और निर्देश जारी किये गए हैं।
        • चीन के साथ बाघ संरक्षण से संबंधित एक समझौते के अलावा सीमापार से वन्य जीवों के गैरकानूनी व्यापार को रोकने और वन्य जीव संरक्षण के लिये भारत ने नेपाल के साथ भी आपसी समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
        • सुंदरवन के रायल बंगाल टाइगर के संरक्षण के लिये बांग्लादेश के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
        • बाघ/चीता संरक्षण के संबंध में रूसी संघ के साथ सहयोग के लिये एक उप-समूह बनाया गया है।कैलाश सांखला कैलाश सांखला (30 जनवरी 1925 - 15 अगस्त 1994) एक भारतीय प्रकृतिवादी और संरक्षणवादी थे। ये दिल्ली जूलॉजिकल पार्क के निदेशक और राजस्थान के चीफ वन्यजीव वार्डन थे। ये बाघों के संरक्षण के लिए काफी लोकप्रिय हुए हैं।
        • हम बाघों को भी बचाते हैं। सरकार और अन्य देश सरकार बाघों को बचाने की कोशिश करती हैं, लेकिन हममें से कुछ बाघों को मार देते हैं, ये प्राकृतिक सुंदरता है इसलिए बाघ को बचाएं।