Kanchan.m97
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नाम कंचन
जन्मनाम कंचन
लिंग स्त्री
जन्म तिथि १८ मार्च १९९७
जन्म स्थान आनेकल
निवास स्थान कर्नाटक
देश  भारत
नागरिकता भारतीय
जातियता भारतीय
शिक्षा तथा पेशा
पेशा छात्रः
शिक्षा बिकोम्
महाविद्यालय क्राइस्ट वर्श्विद्यालये, बेंगलुरू
विश्वविद्यालय क्राइस्ट वर्श्विद्यालये, बेंगलुरू
उच्च माध्यामिक विद्यालय आनेकल प्बलिक
शौक, पसंद, और आस्था
शौक संगीत श्रवणम्, चित्रलेखन
धर्म हिन्धु
राजनीती स्वतंत्र
चलचित्र तथा प्रस्तुति मनोरंजनाय
सम्पर्क विवरण
ईमेल kanchanseervi@gamil.com

जन्म:

मै कंचन २ बिकाम 'अ' कक्षा मे पडती हूँ । मै राजास्थान की रहने वाली हूँ, पर मेरा जन्म कर्नाटक मे हुआ । मै अपने पूरे परिवार के साथ रहती हूँ । मेरा परिवार बड़ा है । इसलिए मै अपने परिवार को 'बरगद पेड़' की तरह मानती हूँ क्योंकी आज भी मेरा पूरा परिवार पक्षियों की तरह मिल- जुलकर, एक दूसरे के साथ रहते है ।मेरा जीवन.. मेरी बचपना.. रोशनी से भरी हुई है । मेरे स्कूल का जीवन सुन्दर जीवन था । मुझे वास्तव मैं मेरे स्कूल के दिनों की याद आती है ।यह मेरी सबसे अद्भुत जीवन था । उस समय, मै पढ़ाई में इतनी अच्छी नही थी ।लेकिन मै नृत्य,खेल-कूद की तरह अन्य गतिविधियों में अधिक रुचि थी । मुझे कई पुरस्कार भी मिले है । मैंने राज्य स्तर कर्नाटक दक्षिण नृत्य में प्रदर्शन किया है ।

पढाई:

इसकी वजह से मुझे जीवन में कुछ सफलदायक व्यक्ति बनने की प्रेरणा मिली ।उसके बाद मैंने खूब मन लगाकर पढ़ी और बारवी कक्षा मे ९५% अंक से उत्तीर्ण हुई ।इतना गर्व मेह्सूस मैंने आजतक अपनी जिन्दगी में कभी नही किया जितना उस दिन हुआ । फिर उसके बाद मैने कई नवीन व्यवसायिक उद्यम की आत्मकथा के बारे मे जानने लगी। और फिर मुझे सबसे अमीर व्यवसायिक उद्यम बनने की महात्वाकांक्षा रही । इसके कारण मेरे पिताजी थे । उन्होंने व्यवसाय के क्षेत्र में मुझे प्रेरित किया । बस, अब जीवन में यहीं लक्ष्य प्राप्त करने मेंलगी हुइ हूँ ।मैंने अपने जीवन मे यह सीख संदेश पाया है कि- "हम चाहे तो अपने आत्मविश्वास और मेहनत के बल पर अपना भाग्य खुद लिख सकते है और अगर हमको अपना भाग्य लिखना नहीं आता है तो परिस्थितियां हमारा भाग्य लिख देगीं "।

शौक:

    मुझे उपन्यास, प्रेरणादायक किताबें पढ़ना, महान व्यक्तियों के जीवन के बारे मे जानना अच्छा लगता है । मैं इस तरह के रूप में कई किताबें पढी। उनमें से कुछ हैं 'द पवर', ' डिस्कर योउर देस्तिनी','द गोअल'आदि । मैं एक किताब से बहुत प्रेरित हुई और वों है-' वीन्नेर्स डोन्त डु डिफ्फेर्न्त थिङ्स, दे डु थिङ्स डिफ्फेरन्टली' ।यह किताब मुझें बहुत कुछ सिखाया गया है ।