मेरा नाम किंजल पसारी हैं। मैं क्राइस्ट विश्वविद्यालय बंगलौर मे बीकाँम कर रही हू। में दांडेली की रहने वली हू। मेरा जन्म महाराष्ट्र के कराड नामक शहर में हुआ था। मगर मे दांडेली में पली-बडी हु। मैने मेरी प्राथमिक शिक्षा दांडेली में प्राप्ता की है। में मारवाडी परिवार से हू। मै मेरे परिवार में सबसे छोटी हु और सबकी लाडलि भी हु। मुझे चलचित्र देखने का कोइ शौक नही है। मे टीवी भी देखना पसंद नही करती। मे बहूत बोलती हु। नए लोगो मे,नए माहोल मे बहुत जल्द घुल-मिल जाति हु। मे बचपन से कुछ रचनात्मका करने की उत्सुकता रखती हु।

taken in my hostel

मेरे परिवारा मे मुझे मिलाकर ५ सदास्या रहते है। वे है:

  • श्री हरिकृष्ण पसारी-दादाजी
  • श्री रवि पसारी-पिताज
  • श्रीमती शीतल पसारी-माताजी
  • कुमारी शैजल पसारी-बहन
       मेरे दादाजी ७५ बरस के है और सेवानिवृत्त है। वे बहुत ही शांत व्यक्ति हैं। वे बहुत ही ग्यानि भी है। बहुत से बार वे मुझे पढाई मे मदत भी करते है। मेरे पिताजी भारत के एक प्रस्धि कागद कारखाने में खजांची के पध पर है। दांडेली मे उन्का बहुत अच्छा नाम है। वे काफी महनती व्यक्ति है। उन्होने मुझे कभी कोइ बी चीज की कमि महसुस होने नही दी। उनकी यहि आशा है कि मै खूब अच्छे से पढाई करु और खुद के पैरो पर खडी हु। मेरी माताजी होम मेकर है। वे बहुत ही अच्छा और स्वादीष्ठ खाना बनती है। मेरी बहन मेरेसे २ साल बडी हैं। वह अब एमबीए के लिये क्राइस्ट आने वाली है। मै मेरे परिवार के सभी सदस्यो से बेहद प्यार करति हु।

मेरी पसंदे

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  • चित्रकला
  • खाना बनाना
  • बाते करना
  • लंबी सैर पर जाना
  • ग्रीटिंग कार्ड बनाना
        मै हर काम मन लगा कर करती हु। मुझी दुसरो पर आधारित रहना पसंद नही हे। मै स्वयम मेरे सभी काम कराति हु। मुझे बडे होकर शिक्षक बनना है। मै अपने जीवन मे सफल होकर अपने पैरो पर खडा होना चाहती हु।