सर गॉडफ्रे क्नेल्लार द्वारा ,१६८४ इंग्लैंड के राजा, शासनकाल  : ६ फरवरी १६८५ - ११ दिसंबर १६८८ कोरोनेशन  : २३ अप्रैल १६८५ पूर्ववर्ती :चार्ल्स द्वितीय उत्तराधिकारियों : विलियम तृतीय और द्वितीय और मेरी द्वितीय

जेम्स २ (इंगलैंड)

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[[ब्रिटेन]] का शासक।

जेम्स द्वितीय और सप्तम (१४ अक्टूबर १६३३ -१६ सितंबर १७०१),जेम्स द्वितीय के रूप में इंगलैंड और आयरलैंड के, और जेम्स सप्तम के रूप में स्कॉटलैंड के राजा थे।[1] ये सब ६ फरवरी १६८५ से उन्हें १६८८ के शानवार क्रांति के दौरान उपदस्थ करने तक था। वह आखरी रोमन कैथोलिक सम्राट थे जिन्होने इंगलैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड पर राज्य किया। वे चार्ल्स १ के दूसरे जीवित बेटे थे और अपने भाई चार्ल्स २ की

मौत के बाद सिंहासन सम्भाला। [2]ब्रिटेन के प्रोटेस्टेंट राजनीतिक अभिजान वर्ग के सदस्यों को उनपार फ्रेंच समर्थक और कैथोलिक समर्थक होने का शक करने लगे और एक संदिग्ध निरपेक्ष सम्राट होने का प्रयास

करने का शक भी किया। जब उन्होंने एक कैथोलिक वारिस का उत्पादन किया तब अग्रणी रईसों ने ऑरेंज के उनके दामाद विलियम से नीदरलैंड से आक्रमण करने को कहा जो उन्होने १६८८ के क्रांति में किया।

जेम्स इंगलैंड से भाग गये (इस तरह उन्के गद्दी त्याग देने का शक हुआ)। उनका सिंहासन उनकी बेटी मेरी और दामाद ऑरेंज के विलियम ने सम्भाला।जेम्स ने अपनी गद्दी को वापस हतियाने का प्रयास एक बार आयरलैंड में मेरी और विलियम से १६८९ में उतरने पर किया। उन्होने अपना बाकी का जीवन अपने चचेरे भाई और सहयोगी कहलाने वाले राजा लूई १४ की अदालन में दावेदार के रूप में गुज़ारा। जेम्स को अंग्रेज़ी संसद को बनाने के उनके संघर्ष के लिए जाना जाता है और अंग्रेज़ी रोमन कैथोलिक के लिए थार्मिक स्वतंत्रता बनाने के लिए भी जाना जाता है। हालांकि, उन्होंने स्कॉटलैंड में प्रोस्बिटेरियन कोवेनॉनटसी होने वाली अत्याचार के खिलाफ उत्पीड़न जारी रखा। संसद, अन्य यूरोपीय देशों में होने वाली तानाशाही के खिलाफ थी और इंगलैंड के चर्च के कानूनी वर्चस्व की हानि के विकास का विरोध कर रही थी। अंग्रेज़ी सांसद

पारंपरिक अंग्रेज़ी स्वतंत्रताओं को संरक्षित करने का विरोध करने लगी। इस तरह के तनाव की वजह से जेम्स के चार साल के शासनकाल में अंग्रेज़ी सांसद और ताज के बीच संघर्ष होने लगा,जिस वजह से उनका

निक्षेप हुआ और अधिकार का विधेयक जारी होने से उनकी बेटी और उसके पति राजा और रानी बन गये।

प्रारंभिक जीवन

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उसके पिता ,चार्ल्स १ के साथ सर पीटर द्वारा ,१६४७

जेम्स, राजा चार्ल्स १ और उसकी पत्नी हेनरीटटा मारिया जो की फ्रांस से है, के इसरे जीवित बेटे थे और उनका जन्म लंडन के सेंट जेम्स पैलेस में १४ अक्टूबर १६३३ में हुआ था। बाद में उसी वर्ष , अंग्रेज़ी कैंटरबरी के आर्कबिशप विलियम लॉड द्वारा बपतिस्मा दिया गया। उनकी पढ़ाई निजी शिक्षकों द्वारा अपने भाई, जो भावी में राजा चार्ल्स २ के नाम से जाने गये और बकिंघम के डचूक के दो बेटों जॉर्ज और फ्रांसिस विलियर्स के संग हुआ था। तीन साल की उम्र में, जेम्स को भगवान उच्च एड़मिरल नियुक्त किया गया था, जो शुरू में मानद था, लेकिन जेम्स के वयस्क होने पर बहाली के बाद एक ठोस कार्यालय बन जाएगा। उसे जन्म के समय डयूक ऑफ यॉर्क नामित किया गया था, १६४२ में गार्टर के आदेश के साथ और औपचारिक रूप से जनवरी १६४४ में डयूक ऑफ यॉर्क बनाया गया।

नागरिक युद्ध

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अंग्रेजी संसद के साथ राजा के विवादों में व्र्ध्वि हुई तब जेम्स, एक राजभक्त गढ,ऑक्सफोर्ड में रुके थे।१६४६ में शहर की घेरानंदी के बाद जन ऑक्सफोर्ड में आत्मसमर्पण किया,तब संदसदीय नेताओं ने डयूक ऑफ यॉर्क को सेंट जेम्स पैलस में ही सीमित होने का आदेश दिया। [3]

फ्रांस में निर्वासन

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तुरिन्ने, फ्रांस में जेम्स के कमांडर

अपने भाई की तरह,जेम्स ने फ्रांस में शरण की मांग कि, तुरिन्ने के तहत फ्रांसीसी सेना में सेवारत हुए और बाद में उनके स्पेनिश सहयोगियों के खिलाफ ।एक पर्थवेक्षक के अनुसार फ्रांसीसी सेना में जेम्स की पहली सच्ची लड़ाई का अनुभव था,उन्होंने कहा,"जहां कुछ भी किया जा रहा है वहां खुद उघमों और रमणीरंजनतापूर्वक छर्गीत किया"।

पहली शादी

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१६६० में जेम्स और ऐनी हाइड, सर पीटर लेली द्वारा

१६५९ में लॉर्ड रक्षक के रूप में रिचर्ड क्रँमवेल के इस्तीफ और १६६० में राष्ट्रमंडल के बाद के पतन के पथचत, चार्ल्स २ को अंग्रेजी सिंहासन पर बहाल किया गया।हालांकि जेम्स प्रकल्पित वारिस थे,पर यह संभावना नहीं लगा रहा था कि वह ताज के वारिस होंगे क्योंकि चार्ल्स अभी भी एक नवजवान थे जो एक पिता बनने की सक्षमता रखते थे।

  1. http://www.bbc.co.uk/history/historic_figures/james_ii.shtml
  2. https://www.britannica.com/biography/James-II-king-of-Great-Britain
  3. http://www.historylearningsite.co.uk/stuart-england/james-ii/