अडेला फ्लोरेन्स निकोलसन का जन्म ९ अप्रैल, १८६५ में हुआ था। उनका देहांत ४ अक्टूबर , १९०४ में हुआ था।
वह एक अंग्रेज़ी की कवयित्री थी। वह लौरेंस होप के नाम से अपनी कविताओं लिखती थी।
उनकी मृत्युमद्रास में हुई थी।
१८६५ स्तोक बिशौप , ग्लोचेसतरशायर में हुआ था। उनके पिता का नाम कोलोनेल आर्थर कोरी और फैनी एलिज़ाबेथ ग्रिफफिन की तीसरी बेटी थी।
उनके पिता लाहोर में अंग्रेज़ों की सेना के लिए काम करते थे। इसलिए उनके रिश्तेदार ने उनका ब्रिटेन में किया था। १८८१ में वो दोबारा भारत अपने पिते के पास आयी।
उनके पिता 'द सिविल अन्द मिलितरी गेज़ित' में संपादक थे। उन्होंने रुद्यार्द किप्लिंग को पत्रकार का पहला दर्जा दिया था। उसके बहने ऐनी और इसाबेल कोरी लेखिआएं थी।
ऐनी ने प्रसिद्ध उपन्यास 'विकतोरिया क्रोस' के नाम से लिखे है। इसाबेल ने अपने पिता के साथ लिखना शुरु किया सिन्द गेज़ित के लिए।
अडेला का विवाह कोलोनेल मैलकोम हैस्सल्स के साथ हुआ था। वह उससे उमर में दो गुना ज़्यादा थे। वह सेनानायक थे, बालुच रेगिमंत, अप्रै १८८९ में।
वह एक बहुत हुनहार भाषाविद थे। उन्होनें ही उनका भारत के लिए अपना प्यार जताया , और उनको भारतीय रीतियों और भोजन के बारे में जानकारी दी थी। इसलिए इन प्रेमियों
को अकसर अदबुध माना जाता था। वह म्होव में दस साल तक एक साथ रहते थे।
उनके प्रोसट्रेट के आपरेशन के बाद उनकी मृत्यु हो गई थी। अडेला को बचपन से तनहाई की तखलीफ थी। उन्होनें १९०४ में आत्महयत्य मद्रास में की थी। उनके बेटे मेलकोम ने
उनकी कविताएँ १९९२ में प्रकाशित की थी।
सन १९०१ में , अडेला ने 'गारदेन ओफ कामा प्रकाशित की थी अम्रिका में , इंडिया'स लव लिरिक्स' के नाम से। उन्होंने यह कोशिश की थी कि वह यह दूसरे कवियों के
अनुवाद कह , मगर सब को शक पर गया था कि यह सच नहीं है। इनकी कविताओं में बहुत छवियाँ और चिन्ह् का प्रयोग किया जाता है। इन पर सूफी कवियों का अनेक प्र्भाव
पाया जाता है। उत्तर-पुरब भारत का भी उन पर अनेक प्रभाव रहा है। वह छायावाद कवयित्रीयों में बहुत नाम रखती है, एदवर्दिय्न समय की। उनकी कविताओं में अकसर दुख
और एक तरफा प्यार के बारे में लिखा होता है। मृत्यु के बारे में भी अकसर पाया जाता है। यह उनकी आत्मखता या खुदके राज़ जैसे होते है।
उनहोनें अपनी आत्महत्या से पहले, अपने पति को अपनी आखरी कविता समर्पित की थी। उनकी कई कविताएँ उनके व्यक्तिगत जीवन से जुरी हुई है। १९०४ में अपने पति की मृत्यु के दो महिने के बाद , उन्होनें भी ज़हर खा लिया था, ३९ की उमर में। उनके शरीर को मद्रास, भारत में दफनाया गया है।
ब्रिटन की संगीतकार , एमी वुदफोर्द- फिनदेन उनसे प्रभावित होकर अपने गानों में 'द गारदेन अफ कामा के अकशर लिए है।
सोमरसेथ मौघम की ' द कोलोनेल्स लेडी' - अडेला के ज़िन्द्गी पर निर्धारित है। तिम ओरछिद की ' दैत ब्लडी फीमेल पोएत' और मेरी क्रोस की फेट नोस नो तिर्स' भी इनके जीवन से जुरी है।
१९१० में, उनके गार्दिन ओफ कामा पर नाच रचे गए थे, रुथ देनिस , तेद शौन, मार्था ग्राह्म और मिछिओ इतो द्वारा।