Markandey rai
Markandey rai 2 अप्रैल 2009 से सदस्य हैं
कुछ ख़ास नही ....साधारण आदमी ......जो अपने को जानने की कोशीश कर रहा है । कुछ हद तक परेशान है ....नए रास्ते खोज रहा .....उसी क्रम में भारतीय प्रशासनीक सेवा का साक्छात्कार भी दीया । लिखने में मन लगता है ....... कुछ नया करना चाहता है ......जहाँ बाजारवाद न हो । सचिन और किशोर दा का फैन है ......जिंदगी अभावों में कट रही है .......इसका भी लुफ्त उठाता है ......सोचता है ....दुनिया से दो कदम पीछे रह गया .....पर कोई मलाल नही । लेखन का शायद दशमलव भी नही जानता पर ......हाथ मार रहा ....कोई राह नही दीखती पर .....चलते जा रहा है । ..................... और यही करता रहेगा ......... जबतक जीवन रहा ...........