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पुसतक भनडार


मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

आचार्य रामलोचन सरन द्वारा स्थापित प्रकाशन।

महत्व संपादित करें

हमारे जीवन मे पुस्तक का बहुत महत्व है । पुस्तक ज्ञान का भंडार है । वह हमारा सब से अच्छा मित्र है , पुस्तक हमारे जीवन मे बहुत अनमोल है । व्यक्ति जीवन मे आते और जाते रहते है परन्तु उनका कार्य,विचार,ज्ञान,संस्कृति,पुस्तको मे पाया जाता है । जिसका कोई विनाश नही कर सकता है । पुस्तक हमेशा हमे सही मार्गदर्शन करता है , हिम्मत देता ओर पुस्तक को पढने से बहुत आन्नंद मिलता है ओर पुस्तक व्यक्ति की तरह हमारा साथ कभी नही छोडता। पुस्तक हमेशा हमे प्रकाश और प्रेरणा देता है। पुस्तक से अच्छा मित्र और कोइ नही है। देश मे सारी प्रकार की भाषाओ की पुस्तक मिलती है। जिसमे हिन्दी और अग्रेंजी की पुस्तक सब से ज्यादा है। पुस्तक भंडार वह जगह है जो लोग हमेशा पुस्तको को खरीदने के लिए जाते है। पुस्तक पढने वाला व्यक्ति हमेशा बुध्दिमान हो जाता है। और वह व्यक्ति हमेशा उन्नति के पथ पर चलता रहता है।

विशेषताओं संपादित करें

पुस्तक हमारा मार्गदर्शन करता है। जो व्यक्ति जीवन मे  पुस्तको से प्यार करता है वह  पुस्तक का महत्व जानता है। दुनिया मे हर जगह  पुस्तक का भंडार पाया जाता है जिसमे अन्य भाषाओ मे कई कवी दुवारा लिखा गाया है। फिल्मो से संस्कृति तक भगवान और समाचार तक की हर प्रकार की किताब  पुस्तक भडांर मे पाया जाता है। दुनिया मे कई कवी और कवियत्री बुहत सारे  पुस्तके लिखते जो व्यक्ति के जीवन मे प्रकाश और रंग भरता है।  पुस्तक का कभी भी विनाश नही हो सकता, हर पिढी का, हर अतित का, हर  प्रकार के जीवन की सुचना हमे देता है। व्यक्ति एक ना एक दिन चले जाता है,अपने कार्य से  पुस्तक के दुवारा वह अमर हो जाता है।  पुस्तक पढंने से कइ चमत्कार होते है।  पुस्तक हमारे आत्मा को स्वच्छ बनाती है।  पुस्तक ही हमारे जीवन को नए रंगो से भरती है,जीवन  पुस्तक के बिना कोई असतित्व ही नही है।  पुस्तक हर जगह आसानी से ले जा सकते है, और व्यक्ति को हर तरह से मनोरंजन करता है।  पुस्तक से व्यक्ति महान बन जाता है।  पुस्तक छोटे बच्चे से लेकर बुढ़े व्यक्ति तक का सहारा बन सकता है।  पुस्तक से हमे सच्ची खुशी प्राप्त होती है  और  आदर से प्रेरणाच्छे विचार उत्पन्न होते है। जीव जनतु का विनाश हो जा सकता परंतु  पुस्तक का कभी भी विनाश नही हो सकता है। अज्ञानी होने वाला व्यक्ति  पुस्तक की सहायता से बुध्दिमान हो सकता है। पुस्तक की किमत हिरे से भी किमती है। जीवन मे पुस्तक का मुल्य बुहत अधिक है। पुस्तक हमारे संसार का सबसे बंडा हिस्सा है।

किस्मों संपादित करें

पुस्तक की दुनिया मे सिर्फ आन्नंद ही आन्नंद पाया जाता है। पुस्तक मे लेखको के जीवन भर का अनुभव पाया जाता है। पुस्तक न किसी से देव्ष करती है औ न ही शत्रुता। पुस्तको मे  कभी भी स्वार्थी नही है। अच्छी पुस्तके हमे रास्ता दिखाने के साथ साथ हमारा मनोरंजन भी करते है। पुस्तक बदले मे कुछ भी नही लेते या परेशान करते बल्कि हमारे साथ एक सच्चा और अच्छा मित्र जेसे रहते है। पुस्तक  की भंडार होते है। पुस्तक  के कारणा एक पीढी की ज्ञान दुसरी पीढी तक फेलता है। पुस्तक पढ़कर जीवन मे कुछ महान कर्म करने की भावना जागती है। पुस्तक सबको काम आता है। पुस्तक सफलता की कुंजी है। पुस्तक के अनेक रुप है। पुस्तक मे हिन्दुयों के लिए रामायण और गीता है तो मुसलमानो के लिए  कुरान। पुस्तक अनेक प्रकार से मावनमात्र का हित करता है । पुस्तक पढने वाले का मनोरंजन करता है। पुस्तक से हम समय का सदप्रयोग कर सकता है। और ज्ञान भी बढा सकते है। जब भी हमे चाहिए हम पुस्तक हाथ मे लेकर उसका उपयोग कर सकते है। पुस्तक भाडंर मे कई पुस्तक है और उनका अनेक रुप पाया जाता है। पुस्तक को जो आदर करता है,पुस्तक उनका आदर करता है। पुस्तक हम सबको ज्ञान की सुचना देते हुऐ, हमे लाभ करते है। पुस्तक हमारे जीवन का मुख्य आधार है । इनके बिना हम विकास और उन्नति प्राप्त नही  कर सकते है। मनुष्य अपने अनुभवों के आधार पर सीखता है और अधिकार पुस्तको से पढ़कर जानता है । पुस्तक जहाऍ भी होगी , वह स्वर्ग बन जाएगा। जो पुस्तक सबसे अधिक सोचने पर मजबुर करे, वही उत्तम पुस्तक है। अच्छी पुस्तक एक महान आत्मा का अमुल्य जीवन रस है । पुस्तक विश्वस्त दर्पण हैं।

संदर्भ संपादित करें

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  1. http://www.yourarticlelibrary.com/essay/essay-on-the-importance-of-library/44846/
  2. http://www.importantindia.com/8819/short-essay-library/