Neeraj Pathak NP
Neeraj Pathak NP 18 अगस्त 2018 से सदस्य हैं
चल उडा एक और पंछी आसमानों की ओर।
आज फिर एक पूष्प टूट गया,
रास्ते मे ही हमारा साथ छूट गया,
पर मंझिल तक तो जाना है,
आज फिर एक नया भारत बनाना है,
वह भारत जहाँ हो एकता चारों ओर,
चल उडा एक और पंछी आसमानों की ओर।
दिये हमारा साथ जंग-संघ में,
रह जाते सारे दुश्मन दंग मे,
कभी हार का मुहँ नहीं दिखलाया,
अटल था वो अटल रहना ही सिखलाया,
विश्व में होगा अब भारत का शोर,
चल उडा एक और पंछी आसमानों की ओर।
by:-नीरज पाठक