भारतीय हिंदी साहित्य, कुमार अवनीश को युवा कवि के रूप में जानती है । अवनीश का जन्म भागलपुर बिहार के एक छोटे से गॉव खगड़ा में 26 अक्टूबर 1997 को हुआ । परन्तु अपनी दशवीं तक कि शिक्षा , बिहार के ही बांका जिले के एक गॉव भतकुंडी से किया ।

        अवनीश को बचपन से साहित्य से लगाव रहा है । इन्होंने अपनी पहली रचना उस समय किया जब वो दूसरी कक्षा का छात्र था । अपनी 9 कहानियों के इस किताब का प्रकाशन हुआ पर ये कामयाब नही रहा । फिर अपनी अगली रचना 7 वीं कक्षा दी जो भक्ति गाने के रूप में था । परन्तु उनकी सबसे सफल और कामयाब रचना "मेरी भूल" रही । ये रचना उन्होंने अपनी बी. ए. के प्रथम वर्ष में किया । इस रचना के बाद अवनीश को पूरे देश पहली बार जाना । इसके पीछे की खास वजह ये रही कि इस रचना के माध्यम से उसने देश हर युवाओं जोड़ा । इस रचना में इन्होंने हर उन गलतियों को बड़ी स्पष्टता से रखा , जो छात्र अपने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के दौरान किया करते हैं । और यही वजह रही कि छात्र से ज्यादा अभिभावक ने इन कविताओं की सराहा ।

उसके बाद इनकी रचना - चलते रहो, दो कट्ठे की भूमि, दर्द पिता का, रणभूमि,पत्थर पर आग, बूढ़ा बृक्ष, मेरी गंगा, प्यारी बहन, बसंत आया, शाहिद, रणभूमि,कृतांजली इत्यादि कई रचना प्रकाश में आया । अवनीश ने कविता के माध्यम से समाज को एक दिशा प्रदान की ।

     कई सरकारी तथा निजी चैनल पर इनकी कविता व इंटरव्यू प्रसारित की गई है ।
        अवनीश ना सिर्फ एक कवि है अपितु अपने शहर के सामान्य तर्कशक्ति और गणित विषय के सबसे युवा शिक्षक के रूप में भी जाने जाते हैं । ऐसे छात्र जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते हैं 18 वर्ष के उम्र से ही ये एक शिक्षक के रूप में शिक्षा दे रहे हैं  के शिक्षक के रूप में शांत और सहयोगी विचारधारा होने के कारण अवनीश युवाओं के बीच बहुत ही प्रिय हैं ।