सदस्य:Preranaa.gupta/प्रयोगपृष्ठ
मेरा नाम प्रेरणा गुप्ता है। मैं बेंगलुरु,भारत की रहने वाली हूं। मैं क्राइस्ट यूनिवर्सिटी,बेंगलुरु में बी.ए (सी.ई.पी) में पहले साल के अपने पहले सेमेस्टर में हूं। मैं अपने बचपन,परिवार,रुचियाँ,उपलब्धियाँ,शिक्षा और लक्ष्य से आपका परिचय कराना चाहती हूं।
बचपन
संपादित करेंमेरा जन्म दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य के मद्रास शहर,१ फरवरी,सन् १९९८ मे हुआ। मैं आँठवे महिने में पैदा होने के कारण असामायिक शिशु थी। घर की एकलौती पुत्री होने के कारण सब की लाड़ली थी मैं। बचपन से ही मुझे अधिक लाड़ व प्रेम मिला। मेरा दादी ने मेरा नाम प्रेरणा इसलिए रखा क्यूकि उनका मानना था की मैं सबको अपनी प्रतिभा से दूसरो को प्रेरणा प्रदान करूँगी। जब में दो साल की थी तो मेरा परिवार बेंगलुरु में रहने लगा और तब से में यहीं पली-बड़ी हूँ।
परिवार
संपादित करेंमेरे पिता का नाम अजय गुप्ता है। वह पेशे से व्यापारी है। मेरी माँ,विनीता गुप्ता,एक गृहिणी है। मेरा एक बड़ा भाई भी है जिसका नाम निखिल गुप्ता है। मेरे माता-पिता की सबसे महत्वपूर्ण सीख यह थी की जीवन में हर कठिनई का सामना निडर होकर करो, कभी हार मत मनो और हमेशा खुश रहो। इसके अतिरिक्त उन्होंने मुझे अपने जीवन का सम्मान करने की सीख दी है।
शिक्षा
संपादित करेंमैंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा बेंगलुरु के नेशनल हिल व्यू पब्लिक स्कूल से प्राप्त की। मैंने अपनी हाईस्कूल की पढ़ाई बेंगलुरु के क्राइस्ट जूनियर कॉलेज हे पूर्ण की है। अब मैं बेंगलुरु की क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में कम्युनिकेशन व मीडिया,अंग्रेजी और मनोविज्ञान में बी. ए की डिग्री कर रही हूँ। यह विश्वविद्यालय भारत के सबसे श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक है और आमतौर पर सबसे शैक्षिक सर्वोक्षण में सर्वश्रेठ में से एक के रूप में सूचीबध्द किया जाता है। यह कॉलेज हमारे शैक्षिक विकास के साथ-साथ हमारे समग्र विकास पर भी ध्यान देता है।
रुचियाँ
संपादित करेंमुझे नृत्य करना,चित्रकारी करना,संगीत सुनना,हर प्रकार के खेल जैसे बास्केटबॉल,क्रिकेट,बैडमिंटन आदि खेलना पसंद है। मेरी रूचि पौराणिक वस्तुओं के बारे में जानने व पढने में है। मुझे इस समाज से लिंग टकसाली हटाने की आस है जिससे समाज का विकास हो सके और हर मनुष्य को सम्मान मिले।
उपलब्धियाँ
संपादित करेंमैंने अपने जीवन में विभिन प्रकार की कठिनाइओ का सामना किया हैं और उनके ऊपर जीत भी पाई हैं। जब भी मुझे किसी कठिन परिस्तिथि का सामना करने की हिम्मत न होती तब में केवल अपने माता-पिता द्वारा दी गई सीख का स्मर्ण करती एंड अपने लक्ष्य को पूरा करने में जुट जाती। इसी सीख के साथ मैंने अपने अब तक के जीवन काल में अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। मेरी कुछ उपलब्धियाँ यह है- १)हाउस कप्तान के रूप में स्कूल के कार्य करना २)स्कूल की बास्केटबॉल टीम का हिस्सा रहना ३)स्कूल में वार्षिक दिवस की कोरियोग्राफर बनाना ४)क्राइस्ट जूनियर कॉलेज में "स्टूडनेट वेलफेयर ऑफिस" की मुख्य सदस्य की उपादी प्राप्त करना
इन सारी उपलब्धियों के अतिरिक्त , मुझे दूसरो के मुख पर खुशी लाना , अपने माता- पिता का सिर गर्व से ऊँचा रखना आदि भी उपलब्धि के सम्मान लगते हैं।
लक्ष्य
संपादित करेंमैंने कम्युनिकेशन व मीडिया अंग्रेजी और मनोविज्ञान लिया हैं। इन तीनो विषयों में से मेरा ध्यान सबसे अधिक मनोविज्ञान पर हैं। मनोविज्ञान से हम मनुष्य की मानसिक स्तिथि व उनके व्यव्हार को समझ सकते हैं। मनोविज्ञान अब एक ऐसा क्षेत्र बन गया हैं जिसकी आवश्यकता मानव जाति को हैं। मुझे इस क्षेत्र में आगे बढ़कर कुछ अनोखा करना हैं जिससे मानवता को लाभ हो। भौतिक रोग को सब रोग मानते हैं परंतु मानसिक रोग को सब केवल पागलपन समझते हैं और इसी सोच के कारण मनोविज्ञान का विकार स्तिर हो गया हैं। मुझे इस स्तिरता को तीव्र गति से आगे बड़ाना है।