सदस्य:Raghawendra/प्रयोगपृष्ठ
शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने भृगुसंहिता के रचयितामहर्षि भृगु परशुराम की जन्मभूमि महाभारत महाकाव्य के रचयिता वेदव्यास की जन्मभूमि , अयोध्या के राजा राम के पुत्रों कुश लव की जन्मभूमि पर शोधकार्य किया है । इसके अतिरिक्त स्वतंत्रता आन्दोलन पर इनकी पुस्तकें मंगल पाण्डे की जीवनी क्रांति का प्रथम नायक मंगल पाण्डे,1942 की अगस्त क्रांति और बलिया राज्य अभिलेखागार की क्षेत्रीय ईकाई क्षेत्रीय अभिलेखागार वाराणसी से प्रकाशित हुई है । संस्कृति विभाग उत्तरप्रदेश के अयोध्या शोध संस्थान लखनऊ ने इनकी कृति उत्तरप्रदेश का स्वतंत्रता संग्राम:बलिया वाणी प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित किया है। इनकी एक पुस्तक जिसमें बलिया जिले के पाँच हजार वर्ष का इतिहास और जिले के प्रमुख आस्था पर्यटन स्थल का वर्णन है बलिया विरासत काफी लोकप्रिय है।
शिवकुमार सिंह कौशिकेय (Shivkumar Singh kaushikey)
संपादित करेंप्रसिद्ध साहित्यकार आध्यात्मतत्ववेत्ता शिवकुमार सिंह कौशिकेय का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिला मुख्यालय के बलिया नगर पलिका क्षेत्र के बालेश्वर घाट मुहल्ले मे हुआ था। इनके माता क नाम श्रीमती पौढरीया देवी तथा पिता श्री रामाशीष सिंह था जो बलिया शहर के ख्यातनाम व्यवसायी, समाजसेवी और स्वतन्त्रा संग्राम सेनानी थे। कौशिकेय के जन्म तिथि के सन्दर्भ मे स्थिति थोडी भ्रान्तिपुर्ण है। हिन्दी महिने के हिसाब से इनका जन्म कार्तिक महिने मे १० नवंबर १९६३ माना जाता है। जबकी इनके स्कूली शिक्षा के अभिलेखो मे इनकी जन्मतिथि १ जुलाई १९६६ है।
शोध कार्य्
संपादित करेंइन्होने सबसे पहले लगभग सन् 2000 ई0 में भगवान शंकर की तपस्या स्थली कामदहन भूमि ‘कामेश्वरधाम कारों’ की खोज प्रारम्भ किया तथा कामदहन भूमि कामाश्रम नाम से पुस्तक का लेखन किया जो सन् 2007 में प्रकाशित हुयी। एक मोटे अनुमान के अनुसार इनकी इस कृति की 5000 प्रतियां मात्र 2 वर्षो में बिक गई थी।
तदोपरान्त कौशिकेय जी द्वारा ज्योतिष के ग्रंथ भृगु संहिता के रचयिता महर्षि भृगु, महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास की जन्मभूमि, महर्षि ़परशुराम, 1857 के प्रथम नायक मंगल पाण्डेय, दुर्गा पूजा की परम्परा, छठ की परम्परा, अंग्रेजो के विरुद्ध बलिया में प्रारम्भ हुई ऐतिहासिक महावीरी झण्डा जुलुस ददरी मेला का इतिहास, बाबा बालेश्वरनाथ, शोक हरणनाथ, पचरुखा देवी, विश्व के अद्वभुद मंदिर अद्वैत शिवशक्ति परमधाम डूहा बिहरा समेत सैकड़ो प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्थलों पर शोध किया है।