Rahul Gandhi raga
नाम | राहुल गांधी |
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जन्म तिथि | २७/०८/०० |
जन्म स्थान | सूरत, गुजरात |
निवास स्थान | बेंगलुरु |
देश | साँचा:Country data इंडिया |
नागरिकता | इंदीयन |
जातियता | मारवाड़ी |
शिक्षा तथा पेशा | |
पेशा | स्टूडेंट |
शिक्षा | बऐ सी ई पी |
विश्वविद्यालय | क्राइस्ट(डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) |
उच्च माध्यामिक विद्यालय | दिल्ली पब्लिक स्कूल, सूरत |
शौक, पसंद, और आस्था | |
शौक | राइटिंग, ऐक्टिंग, डान्सिंग |
धर्म | हिंदू |
परिचय
संपादित करेंमैं, राहुल गांधी, सूरत, गुजरात का निवासी हूं। मैं एक एकल परिवार में रहता हूं। घर में मेरे अलावा ३ सदस्य और हैं- मेरे माता- पिता एवं बड़े भाई। मेरी मां का नाम श्रीमती ज्योति गांधी है जो एक गृहिणी हैं, मेरे पिताजी का नाम श्री रवीन्द्र गांधी है जो एक डॉक्टर हैं। मेरे बड़े भाई, रोहित गांधी, हाल - फ़िलहाल सी. ए. की पढ़ाई कर रहे हैं। भले ही आज मैं उन से दूर, अलग शहर में रहता हूं, हमारे बीच जो प्रेम है वो सिर्फ और सिर्फ बढ़ा है। हम सभी को फ़िल्में देखने का बहुत शौक है। हमें लूडो एवं चाइनीज़ चेकर्स खेलने के बहुत शौकीन हैं। हर शनिवर और इतवार हम सब साथ मिल कर एक छोटी महफ़िल सी जमाते हैं।
प्रारंभिक जीवन
संपादित करेंबचपन से ही मैं एक बहिर्मुखी लड़का रहा हूं और मुझे लोगों से घुलने मिलने में आसानी होती है। पाठशाला में मैं काफ़ी क्रियाशील था और हर छोटे - बड़े कार्यक्रम का हिस्सा हुआ करता था। मैंने अपने विद्यालय जीवन में ढेर सारे इनाम और खिताब जीते हैं। मैं अपने पुराने विद्यालय का 'हेड बॉय' रह चूका हूँ एवं अपने नए विद्यालय का 'प्रिफ़ेक्ट'। कॉलेज आने के बाद मुझे एक अलग अनुभव मिला। मैं चीज़ों को एक अलग नज़रिए से देखने लगा। यहां एक अलग वातावरण है जहां आपको ख़ुद अपनी एक नई छवि बनानी है और शुरू से शुरुआत करनी है। क्राइस्ट यूनिवर्सिटी एक ऐसा कॉलेज है जहां आपको हर किस्म और हर जगह के लोग मिलेंगे। विद्यालय में आपकी होड़ आपके ही शहर और तरह के लोग मिलते हैं। यहां तरह तरह के लोग हैं जिसकी बदौलत यहां होड़ भी बहुत है। कॉलेज में हमेशा कुछ न कुछ होता रहता है। कभी नृत्य प्रदर्शन तो कभी संगीत प्रदर्शन तो कभी नुक्कड़ नाटक तो कभी रंगमंच। एक अलग दुनिया के अनोखे सफ़र पर निकलने जैसा है क्राइस्ट। जब मुझे पहली दफा पता चला था कि मेरा एडमिशन क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में हो गया है तो में फूला ना समा पा रहा था। सी. ई. पी. एक ऐसा कोर्स है जिसके बारे में मैं कक्षा १० वीं से ही अचल था। जो विषय यह प्रस्तुत करता है वो हर कहीं उपलब्ध नहीं है।
लक्ष्य
संपादित करेंक्राइस्ट आने के बाद मैंने कई चीज़ें सीखी और एक अलग व्यक्तित्व और नज़रिया धारण किया। अब जो मैं यहां आ गया हूं, मैं पीछे मुड़ कर नहीं देखना चाहता। अब मैं सिर्फ़ आगे बढ़कर ज़िन्दगी को जीना चाहता हूं और इससे कुछ बनाना चाहता हूं। मैं इतना काबिल बनना चाहता हूं कि दोबारा कोई मेरे खिलाफ जाने से पहले १० बार सोचे। और सबसे महत्त्वपूर्ण बात, मैं अपने माता पिता के लिए इतना मात्र करना चाहता हूं कि जब भी वो बाहर कदम रखें दुनिया वाले उन्हें देख कर बोलें, "वो देखो राहुल के मा – बाप जा रहे हैं"। उनके चहरे की मुस्कान और उनके दिल में सुकून से बढ़कर मेरे लिए कुछ नहीं है।
क्राइस्ट विश्वविद्यालय का अनुभव
संपादित करेंकॉलेज आने के बाद मुझे एक अलग अनुभव मिला। मैं चीज़ों को एक अलग नज़रिए से देखने लगा। यहां एक अलग वातावरण है जहां आपको ख़ुद अपनी एक नई छवि बनानी है और शुरू से शुरुआत करनी है। क्राइस्ट यूनिवर्सिटी एक ऐसा कॉलेज है जहां आपको हर किस्म और हर जगह के लोग मिलेंगे। विद्यालय में आपकी होड़ आपके ही शहर और तरह के लोग मिलते हैं। यहां तरह तरह के लोग हैं जिसकी बदौलत यहां होड़ भी बहुत है। कॉलेज में हमेशा कुछ न कुछ होता रहता है। कभी नृत्य प्रदर्शन तो कभी संगीत प्रदर्शन तो कभी नुक्कड़ नाटक तो कभी रंगमंच। एक अलग दुनिया के अनोखे सफ़र पर निकलने जैसा है क्राइस्ट। जब मुझे पहली दफा पता चला था कि मेरा एडमिशन क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में हो गया है तो में फूला ना समा पा रहा था। सी. ई. पी. एक ऐसा कोर्स है जिसके बारे में मैं कक्षा १० वीं से ही अचल था। जो विषय यह प्रस्तुत करता है वो हर कहीं उपलब्ध नहीं है। शौख मुझे फ़िल्मों एवं नाच - गाने में बड़ी दिलचस्पी। मैं शोख से एक लेखक एवं फ़िल्मकार हूँ। फुटबॉल का मैं बहुत बड़ा दीवाना हूँ और मुझे क्रिकेट खेलना भी बहुत पसंद है।