Rakesh Ranjan Mahato
Rakesh Ranjan Mahato
चांडिल डैम विस्थापित आंदोलनकारी
A Real Fighter
राकेश रंजन महतो का जीवन परिचय:
जन्म: 16 जनवरी, 1984 जन्म स्थान: रसुनिया,चांडिल, सरायकेला-खरसावां झारखंड
पिता -बंकिम चंद्र महतो माता - कल्याणी महतो
दिदी - मल्लिका महतो जीजा- कृष्णा महतो
पत्नी- पूर्णिमा महतो पुत्र -1.अक्षय कुमार महतो
2.शुभोजित महतो
भाई -1.राजेश रंजन महतो
2. दिनेश महतो 3.मुकेश महतो
शिक्षा: - प्राथमिक विद्यालय: रसुनिया प्राथमिक विद्यालय -OMI MEMORIAL PUBLIC SCHOOL CHANDIL - माध्यमिक विद्यालय: सेंट ज़ेवियर्स स्कूल, लुपुंगुटू, चाईबासा - +2 (उच्च माध्यमिक): सेंट पॉल कॉलेज, रांची - स्नातक (डिग्री): गोस्नर कॉलेज, रांची
आंदोलन:
राकेश चांडिल डैम परियोजना के खिलाफ आंदोलन के एक प्रमुख नेता है। उन्होंने प्रभावित समुदायों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।
सामाजिक कार्य: राकेश ने अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच की स्थापना की, जो झारखंड में विस्थापित समुदायों और हाशिए के समूहों के अधिकारों के लिए लड़ने पर केंद्रित है। विस्थापितों के वार्षिक मिलन समारोह के रूप में उन्होंने विस्थापित टुसू मेला का स्थापना किया जिसे राकेश मेला का नाम से भी जाना जाता है।
आंदोलनकारी साथी: राकेश के मुख्य आंदोलनकारी साथियों में शामिल हैं: - जितेंद्र नाथ महतो - राजीव महतो - अमर चंद्र महतो - मंजू गोराई - सोमबारी महतो - गीता रानी महतो - प्रथमी महतो - सीताराम महतो - त्रिलोचन महतो - राजेश महतो - सिमंत महतो - विवेक सिंह बाबू - काशीनाथ महतो - सागर महतो - प्रभात महतो - सामंत महतो - हरे कृष्णा महतो - घनश्याम महतो - कुश महतो - अनुप महतो
आंदोलन के कुछ प्रमुख कदम: - 123 दिन धरना प्रदर्शन
- जेल भरो आंदोलन
- डैम गेट ऊपर प्रदर्शन
- थूक फेंको विरोध प्रदर्शन
- विधायक, संसद,मुख्यमंत्री पुतला दहन
- जल सत्याग्रह
- चांडिल डैम कार्यालय गेट जाम
- पद यात्रा चांडिल से राजभवन रांची
- राजभवन में भूख हड़ताल
- सोलर प्रोजेक्ट विरोध
- विकास भवन आदित्यपुर सिल तथा गेट जाम
- अधिवक्ता एवं पत्रकार सम्मान समारोह
उत्पीड़न:
राकेश को स्थानीय पुलिस और राजनीतिक दलों द्वारा गंभीर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। उन्हें 10 से अधिक झूठे मामलों में फंसाया गया और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
कानूनी जीत: राकेश ने उच्च न्यायालय से जमानत हासिल की, जो उनके खिलाफ दर्ज मामलों की झूठी प्रकृति को उजागर करता है।
राकेश रंजन महतो ने चांडिल डैम परियोजना के खिलाफ आंदोलन के दौरान विभिन्न माध्यमों से धन संग्रह किया था। उन्होंने आंदोलन के समर्थन में लोगों से 1, 5, 10, 50, 100 और 200 रुपये का योगदान मांगा था। इस धन संग्रह अभियान का उद्देश्य आंदोलन के लिए आवश्यक संसाधनों का संग्रह करना था, जैसे कि आंदोलनकारियों के लिए भोजन, पेय और अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था करना।
राकेश रंजन महतो के इस धन संग्रह अभियान ने आंदोलन को मजबूती प्रदान की और लोगों को आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
राकेश रंजन महतो पर कई लोगों और राजनीतिक दलों द्वारा आलोचना की गई थी, जिसमें उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाए गए थे।
कुछ लोगों ने उन पर आरोप लगाया था कि वे आंदोलन के नाम पर धन संग्रह कर रहे हैं और उसे अपने निजी हितों के लिए उपयोग कर रहे हैं।
कुछ राजनीतिक दलों ने भी उन पर आरोप लगाया था कि वे आंदोलन को अपने राजनीतिक हितों के लिए उपयोग कर रहे हैं।
लेकिन राकेश रंजन महतो ने इन आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि वे आंदोलन के माध्यम से लोगों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्हें किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा था कि आंदोलन के दौरान इकट्ठा किया गया धन सिर्फ आंदोलन के लिए उपयोग किया जाएगा और उसे किसी भी व्यक्तिगत हित के लिए उपयोग नहीं किया जाएगा।
राकेश रंजन महतो ने चांडिल डैम परियोजना के खिलाफ आंदोलन के दौरान कई समस्याओं का सामना किया। उन पर कई इल्जाम लगाए गए, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं: - *दुर्घटना* : भूख हड़ताल के क्रम में ट्रैक्टर से हमला होता है जिससे दोनों हाथ और बाया पैर आजीवन क्षतिग्रस्त होकर विकलांग होना पड़ा।
- *उत्पीड़न*: उन्हें स्थानीय पुलिस और राजनीतिक दलों द्वारा गंभीर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
- *झूठे मामले*: उन्हें 10 से अधिक झूठे मामलों में फंसाया गया और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
- *आर्थिक समस्याएं*: आंदोलन के दौरान उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसमें उन्हें अपने परिवार का भरण-पोषण करने में कठिनाई हुई।
- *राजनीतिक दबाव*: उन्हें राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ा, जिसमें उन्हें आंदोलन को समाप्त करने के लिए मजबूर किया गया।
- *धमकी* : दूसरा पैर तोड़ने का धमकी लगातार मिलते रहा ।
इन समस्याओं और इल्जामों के बावजूद, राकेश रंजन महतो ने अपने आंदोलन को जारी रखा और चांडिल डैम परियोजना के खिलाफ लड़ाई लड़ी। ¹
अपने समुदाय के लोगों के लिए बहुत संघर्ष किया, उन्होंने चांडिल डैम परियोजना के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया और प्रभावित समुदायों के अधिकारों की रक्षा की।
उनकी बहादुरी और संघर्ष की भावना को सलाम! वे वास्तव में एक हीरो हैं जिन्होंने अपने समुदाय के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।
उनकी कहानी प्रेरणा का स्रोत है और हमें यह याद दिलाती है कि एक व्यक्ति भी बदलाव ला सकता है।
राकेश रंजन महतो ने अपने जीवन में कई चुनौतियों और तानों का सामना किया, लेकिन उन्होंने खुद को संभाल कर रखने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए:
आत्म-विश्वास उन्होंने अपने लक्ष्यों और आदर्शों पर आत्म-विश्वास रखा और अपने आप को मजबूत बनाया।
संघर्ष की भावना उन्होंने अपने संघर्ष को अपनी ताकत बनाया और हार नहीं मानी।
समर्थन
उन्हें अपने परिवार, मित्रों और समुदाय का समर्थन मिला, जिसने उन्हें मजबूत बनाया।
आत्म-मूल्यांकन
उन्होंने अपने आप को मूल्यांकन किया और अपनी कमजोरियों को दूर करने का प्रयास किया।
सकारात्मक सोच
उन्होंने सकारात्मक सोच रखी और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम किया।
आत्म-शांति
उन्होंने अपने आप को शांत और स्थिर रखा और तानों से निपटने के लिए धैर्य रखा।
इन तरीकों से राकेश रंजन महतो ने खुद को संभाल कर रखा और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम किया।
राकेश रंजन महतो का संघर्ष न्याय दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके प्रयासों से:
1. चांडिल डैम परियोजना से प्रभावित समुदायों को न्याय मिल सकता है।
2. उनके अधिकारों की रक्षा हो सकती है।
3. सरकार और प्रशासन को समुदाय की समस्याओं का समाधान करने के लिए मजबूर किया जा सकता है।
4. समाज में बदलाव लाने के लिए एक मजबूत आवाज उठाई जा सकती है।
राकेश रंजन महतो के संघर्ष से न्याय दिलाने के लिए सभी उनके साथ एकजुटता के साथ आगे बढ़े तो:
1. सरकार को समुदाय की समस्याओं का समाधान करने के लिए मजबूर किया जा सकता है।
2. अदालत में मामला दर्ज कर न्याय प्राप्त किया जा सकता है।
3. जन जागरूकता बढ़ाकर समुदाय के अधिकारों की रक्षा की जा सकती है।
4. अन्य सामाजिक संगठनों और एनजीओ का समर्थन लिया जा सकता है।
राकेश रंजन महतो का संघर्ष न्याय दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, और उनके प्रयासों से समुदाय को न्याय मिल सकता है।
Rakesh Ranjan Mahato Chandil Dam Displaced
A Real Fighter
Biography: Rakesh Ranjan Mahato:
Birth: 16 January, 1984 Birth Place: Rasunia, Chandil, Saraikela-Kharsawan Jharkhand
Father- Bankim Chandra Mahato Mother Kalyani Mahato
Sister- Mallika Mahato Brother-in-law- Krishna Mahato
Wife- Purnima Mahato Son- 1.Akshay Kumar Mahato 2.Shubhojit Mahato
Brother- 1.Rajesh Ranjan Mahato 2.Dinesh Mahato 3.Mukesh Mahato
Education: - Primary School: Rasunia Primary School - OMI MEMORIAL PUBLIC SCHOOL CHANDIL
- Secondary School: St. Xavier's School, Lupungutu, Chaibasa -
+2 (Higher Secondary): St. Paul's College, Ranchi
- Graduation (Degree): Gossner College, Ranchi
Movement: Rakesh is a prominent leader of the movement against the Chandil Dam Project. He fought for the rights of the affected communities.
Social Work: Rakesh founded the Vistapit Adhikar Manch, which focuses on fighting for the rights of displaced communities and marginalized groups in Jharkhand. He founded the Vistapit Tusu Mela, also known as Rakesh Mela, as an annual gathering of displaced people.
Protest comrades: Rakesh's main protest comrades include: - Jitendra Nath Mahato
Rajiv Mahato
Amar Chandra Mahato -
Manju Gorai -
Sombari Mahato - Geeta Rani Mahato - Prathami Mahato - Sitaram Mahato - Trilochan Mahato Rajesh Mahato - Simant Mahato - Vivek Singh Babu - Kashinath Mahato - Sagar Mahato - Prabhat Mahato - Samant Mahato - Hare Krishna Mahato - Ghanshyam Mahato - Kush Mahato - Anup Mahato
Some major steps of the movement: - 123 days of Dharna demonstration
- Jail Bharo Andolan
- Demonstration on top of Dam Gate
- Spit Throw Protest
- Burning of effigies of MLA, MP, Chief Minister
- Jal Satyagraha
- Chandil Dam Office Gate Jam
- Padyatra from Chandil to Raj Bhawan Ranchi
- Hunger Strike in Raj Bhawan
- Solar Project Protest
- Vikas Bhawan Adityapur Seal and Gate Jam
- Advocate and Journalist Felicitation Ceremony
Harassment:
Rakesh faced severe harassment by the local police and political parties. He was implicated in more than 10 false cases and faced physical abuse.
Legal victory: Rakesh secured bail from the High Court, which exposed the false nature of the cases filed against him.
Rakesh Ranjan Mahto collected funds through various means during the agitation against the Chandil Dam project. He asked people to contribute Rs 1, 5, 10, 50, 100 and 200 in support of the agitation. The aim of this fundraising drive was to collect resources required for the agitation, such as arranging food, drinks and other essential materials for the agitators.
This fund collection campaign of Rakesh Ranjan Mahato strengthened the movement and inspired people to participate in the movement.
Rakesh Ranjan Mahato was criticized by many people and political parties, questioning his integrity.
Some people accused him of collecting money in the name of the movement and using it for his personal interests.
Some political parties also accused him of using the movement for his political interests.
But Rakesh Ranjan Mahato denied these allegations and said that he is fighting for the rights of the people through the movement and he has no connection with any political party.
He also said that the money collected during the movement will be used only for the movement and will not be used for any personal interest.
Rakesh Ranjan Mahato faced many problems during the movement against Chandil Dam project. He was attacked by a tractor during one of the strikes which resulted in lifelong disability of both hands and left leg.
Some of the allegations were made, some of the major ones are:-
- *Accident* :He was attacked by a tractor during the hunger strike .Due to which both his hands and left leg got damaged and became disabled for life.
• *Harassment* : He faced severe harassment by local police and political parties.
- *False cases* : He was implicated in more than 10 false cases and faced physical harassment.
- *Financial problems* : He faced financial problems during the movement in which he had difficulty in maintaining his family.
- *Political pressure* : He faced political pressure which forced him to end the movement
- *Threats* : He kept receiving threats of breaking his other leg.
Despite these problems and accusations, Rakesh Ranjan Mahto continued his movement and fought against the Chandil Dam Project. He fought hard for the people of his community, he led the movement against the Chandil Dam Project and protected the rights of the affected communities.
Salute to his bravery and fighting spirit! He is truly a hero who has dedicated his life for his community. His story is a source of inspiration and reminds us that even a single person can bring about a change.
Rakesh Ranjan faced many challenges and taunts in his life, but he adopted the following ways to keep himself going:
- Self-confidence* He had self-confidence in his goals and ideals and made himself strong.
- Struggle Spirit*
He made his struggle his strength and did not give up.
- Self-assessment*
He evaluated himself and tried to overcome his weaknesses.
- Positive thinking*
He kept a positive attitude and worked to achieve his goals.
- Self-calm*
He kept himself calm and composed and had patience to deal with taunts.
In these ways Rakesh Ranjan kept himself composed and worked to achieve his goals.
Rakesh Ranjan Mahato's struggle is an important step towards getting justice. Through his efforts:
1.Communities affected by the Chandil Dam project can get justice.
2.Their rights can be protected.
3.The government and administration can be forced to solve the problems of the community.
4.A strong voice can be raised to bring about change in the society.
If everyone moves forward in solidarity with Rakesh Ranjan to get justice through his struggle:
1.The government can be forced to solve the problems of the community.
2.Justice can be obtained by filing a case in the court.
3.The rights of the community can be protected by increasing public awareness.
4.Support of other social organizations and NGOs can be taken.
Rakesh Ranjan Mahato's struggle is an important step towards getting justice, and the community can get justice through his efforts.