बचपन के दोरान बोदहिक विकास
 बोदहिक विकास कि पारिबासहा
  
  बचपन  कि दुनिया के बारेे मे  विचार ,समजने मे सारतहय हे।  किसि वयाकतिगात रुप से  ये  ापने  दिमाग , योजाना , विचार से ापनि दुनिया साब रहते हे, सामजाने मे सामारतहय हेे। बोदहिक विकास के दोोरान मानासिक रुप से विकास होता  हेेे। सकोल मे जो हम पदते हे येक तरह से गयान हे ,पर बचचे कुच बाहर से पदते हे। येह  कि बोदहिक विकास करते हे।
 बचपन के दोरान बोदहिक विकास्‌
 कहेल के महतवपोरनद रासते हे जिसके दोरान बचचे पदते  ,मानसिक विकास होता हे। कहेल के दाेरान बचचे ापनि सहाहरारिक ,मानासिक विकास, दोसरे लोगो के पराति , परागरााति वासुताो के पराति गयान राकत हे बचचाे के बोोदहिक ाजिवन मे  कुच वासतुवाे ,कुचह लोगो को याद राकना ुनकि विचाराे  को   ाजिवन मे दालना । जनम से बारह माहिने,तक जादे तर विकास देकने कि ाुर होता हेे। दो से तािन साल कि मे ालग _ालग सतर मे सोचने मे सामारतहय होता हे बचचे ापने विकास कि ाुर जगते हे,जेसे रगाे मे ावाज मे ,समय मे, ातर राकने मे सामारत  
हय हे। ुनकि पसनद, नापसनद, जररोत हे,यह सब चािजे मे बचचाे का विकास होता हे,बचचे जेसे बदते हे  वो ानजान लोगो ,ापने लोगो के बािच ानतर करना  सहुरु करते हे। बचचे सोचने ाुर समचने मे सामारतहय होता हे।  ा्‌्‌ बरोोक कहते हे बहुत सारे विचार करने वाले बचचाे के दाेरा ााते हे, बचचाे के विकास मे बहासहा येक मेहातटापोरनत बहोोमिका निबाति हे,ा मदद करते हे माािसक विकास मे जेेसे सामारतहय, यााद करना, मिल के काम करना ,बोोदिक विकास  के दोरान बचचे ानदाज लगते हे ,पर जब बचचे जावान होते हे,बाुहत सारे बहासहा का ुपयोगे करते हे, वयाकतिगात नााम रकने ाु परर ुनसे परसने पोसने मे।