Ria fernandez
नाम sharon fernandez
जन्मनाम

sharon fernandez

real_name = sharon fernandez
लिंग स्त्रि
जन्म तिथि ५ १० १९९७
जन्म स्थान बेंगलूर्
निवास स्थान बेंगलूर्
देश  भारत
नागरिकता भारतीय
जातियता भारतीय
शिक्षा तथा पेशा
पेशा छात्र
महाविद्यालय क्राइस्ट
विश्वविद्यालय क्राइस्ट यूनिवर्सिटी
शौक, पसंद, और आस्था
शौक संगीत सुनना, किताब पढना,केल्ना
धर्म इसाइ
राजनीती स्वतंत्र
चलचित्र तथा प्रस्तुति मनोरंजन के लिएँ (तेलुगु-आनंद, मिथुनम, बाहुबलि)
पुस्तक रविंदर सिंग के पुस्तक
रुचियाँ

केल्

मेरा नाम शारिन है।मेरा जन्म ५ अक्टूबर १९९७ को बेंगलूरू में हुआ था।मेरे पिताजी गोद्रेज कम्पनी में काम करते हैं और मेरी माँ केन्द्रीय सदन के राष्ट्रभाषा विभाग में पिछले बीस सालों से काम कर रही हैं।मैने अपनी प्रारंभिक शिक्शा क्लूनी कान्वेन्ट हाई स्कूल से प्राप्त किया।दस्वी कक्शा में ८२ प्रतिशत प्राप्त हुआ था।बाद में मैने अपना पियूसी संत जोसेफ से की थी और ८९ प्रतिशत प्राप्त हुआ था।बचपन से मुझे चित्र बनाना बहुत पसंद है और चित्रकला में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। मुझे कहानी लिखने और संगीत में भी रूचि है। मुझे अपने बचपन के दिन बहुत पसन्द थे। मुझे बचपन की यादों में अपनी नानी घर की यादें सबसे ज्यादा पसन्द है।बचपन में गर्मी की छुट्टियों में अपनी नानी के घर जाया करती थी। मेरा नानी घर केरला के कासर्गोड जिल्ले में हैं। कासर्गोड बहुत सुन्दर जगह है। कासर्गोड केरला के प्रसिढ्ध पर्यटक स्थल है।मेरी एक बहुत अच्छी बचपन की सहेली है जिसका नाम मिकी है।वो मेरा हमेशा साथ देती है।वो बहुत ही शांत स्वभाव की है।वो पढने के अलावा खेल कूद और संगीत और भाषण में अच्छी है।हम बचपन में सारे बदमाशियाँ साथ में करते थे।लोग अक्सर हमें बहनें समझाते थे।जब हम नरसरी में थे तब हम बहुत शरारती थे जिसकी वजह से हमें हमेशा सजा मिलती थी।हम स्कूल के सबसे प्रसिध्द बच्चे थे।हमे पी ती ए में विशेष नोटीस मिलता था।एक बार जब स्कूल से पिकनिक पर गये थे तब हम गुम गये थे।वो हमारी सबसे डरावनी यादें है।जब हम गुम गये थे तब रोने लगे थे और बहुत भूखे और डरे हुए थे,तब एक औरत ने हमारी मदद की। उन्होंने हमें वडा पाव खिलाई थी,और हमें हमारे घर तक पहुंचाने का इंतजाम की थी।घर पहुंचने पर बहुत मार खाए थे और स्कूल में भी प्रधानाचार्य ने हमें मंच पर बुलाकर पूरे स्कूल के सामने डाँटे थे,पर स्कूल के बच्चों के लिए हम हीरो बन चुके थे। पर इस घटना के बाद शरारतें कम हो गयी।मिकी पी यू में टॉप्पर थी।हम एम बी बी एस एम्स से कर रहे हैं। हम उच्च अध्ययन केलिए विदेश जाना चाहते हैं। हम गरीबों केलिए मुफ्त में उपचार करना चाहते हैं। मै अपनी माँ बाप की एक ही बेटी हूँ , इसीलिए मैं अपनी दोस्त में बहन की छवि देखती हूँ । मेरे माँ बाप को भी मिकी बहुत पसंद है।वो हमारे घर की एक सदस्य जैसी है। जब मै छोटी थी तब मेरे दादा दादी ने मेरे देखभाल किये थे।इसी वजह से मुझे माँ बाप से ज्यादा लगाव अपने दादा दादी से ही है। पढने में भी दादा दादी हमेशा मेरी मदद करते थे। इसीलिए मैं अपनी जीवन में किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले दादा दादी से राय और आशीर्वाद लेती हूँ। मुझे जानवर बहुत पसन्द है , मेरे घर में चार कुत्तें ,दो बंदर , मछलियाँ और एक तोता है । जब मैं स्कूल में थी तब अपने दादी के साथ पूरे उत्तर भारत घूमी थी । बहुत सारे जगह देखे थे । जैसे शिमंला , राजस्थान , मनाली , आगरा , पंजाब , हरयाणा , मथुरा आदि जगह घूमें थे । और वे मेरे जीवन के सबसे अच्छे दिन थे । राजस्थान में हम जयपुर , उदयपुर, थार मरुस्थल , अबु पर्वत आदि जगह देखे थे । और आगरा में ताज महल और आगरा का किला देखे थे और यह बहुत सुँदर जगह हैं । मथुरा के एक मंदिर गई थी जहाँ भगवान पैदा हुए थे । और मै शिमला भी गयी थी जहाँ हिमालय पर्वत हैं।और वहाँ मॉल रोड भी गयी थी । शिमला बहुत ही ठंडी जगह है जिसकी वजह से हमारे टूरिस्ट बस के सारे लोग बीमार पढ रहे थे । दिल्ली से शिमला जाने केलिए बस से एक दिन का सफर है । शिमला पहुँचते ही हम सब थक गए थे इसीलिए हमने अपनी यात्रा अगले दिन से शुरू किये थे । शिमला बहुत प्रसिध्द जगह होने के कारण वहाँ पर सारी चीजे बहुत मँहगी होती है । बस यही मेरी जिंदगी हैं ।