Riddhiman11
जन्मनाम | रिद्धिमान द्त्ता |
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लिंग | पुरुश् |
जन्म तिथि | ११ नवम्बर,१९९७ |
जन्म स्थान | कोलकाता,पश्चिम बंगाल् |
निवास स्थान | बैंगलूरू, कर्नाटक |
देश | भारत |
नागरिकता | भारतीय |
जातियता | बंगाली |
शिक्षा तथा पेशा | |
पेशा | छात्र |
नियोक्ता | - |
शिक्षा | १२ पास, स्नातक |
महाविद्यालय | द फ्यूचर किड्स स्कूल, हैदराबाद |
विश्वविद्यालय | क्राइस्ट यूनिवर्सिटी (विश्वविद्यालय), बैंगलुरू |
उच्च माध्यामिक विद्यालय | द फ्यूचर किड्स स्कूल, हैदराबाद |
शौक, पसंद, और आस्था | |
शौक | गाना, नाचना,चित्रकारी,किताबे पढ्ना,कहानियाँ लिखना,बास्केट्बाल,स्विम्मिंग् |
धर्म | हिन्दू |
राजनीती | स्वतंत्र |
उपनाम | जीजो |
चलचित्र तथा प्रस्तुति | हिन्दि, अंग्रेज़ी, बंगाली |
पुस्तक | हिन्दि, अंग्रेज़ी, बंगाली |
नमस्कार मेरा नाम ऋद्दीमान द्त्ता है। मै अट्ठारा वर्श का हू और बेगंलूरू के क्राइसस्ट युनिवर्सिटी का छात्र हू। मेरा जन्म पश्चिम बंगाल के कोलकाता शेहेर मे हुआ था। जब मै चार साल क था तब मेरे पिताजी के ट्रान्स्फर हो जाने के कारण मुझे हैदराबाद चले जाना पडा। मेरी शिक्षा, पर्वरिश और अधिक्तर बचपन हैदराबाद मे रेहते-रेहते ही हुआ। वर्तमान मे मै क्राइस्ट यूनिवर्सिटी मे, कला प्रदर्शन,अंगरेज़ी साहित्य एवं मनोविग्यान मे उपाधी प्रप्त कर ने के लिये पढ रहा हू। मेरे पिताजी एक नौवहन कम्पनी मे वित्तीय निर्देशक की भूमिका निभाते है और मेरि मा एक गृहणी है।
मुझे बचपन से ही संगीत मे अधिक रुची है और मै एक गायक हू। मै कई वर्शो से शास्त्रीय संगीत मे प्रशिक्षण ले रहा हू। मै ने कई संगीत प्रतियोगिताओ मे भाग लिया है उन मे जीत भी हासिल किया है।भारतीय शास्त्रीय संगीत के अलावा मुझे पश्चिमी संगीत का भी बडा शौक है। गायकी के अलावा मे तान्पुरा, पीयानो, वीणा और गोपीचांद एकतार जैसे संगीत वाद्यंत्र भि बजाता हू। संगीत के साथ-साथ मेरि अन्य रुचियाँ है, कहानियाँ लिखना, पुस्त्के पढना, चित्र बनाना, नृत्य, नाटक आदी है। मुझे हमेश से ही अलग और नई चीज़े आज़माने का शौक है। मुझे खाना पकाने का और खाने का भि शौकीन हू।
मै स्वभाव से बडा चुलबुला, मज़ाकिया और बातूनी हू लेकिन जितना मै हस्ता हसाता और खेलता हू, ज़रूरि और गंभीर कार्यो के दोहरान मै उतना ही समर्पित, और एकग्र रेहता हू। मुझे नये लोगो से मिलना और नये दोस्त बनाना भि बहुत पसन्द है।मुझ मे अपने समाज और देश के प्रती कुछ करने कि चाह है। पिछले कुछ सालो मे मैने कई सामाजिक और दान संग्ठनो के साथ मिल कर गरीब, अनाथ और वंचित बच्छो की शायता की है। मै दूसरो को समझता हू और लोगो सहायता करने के लिये हमेशा तत्पर रेहता हू। मै लोगो के चरित्रो को भि अच्छे से परख सकता हू। मेरे इन्ही गुणो के सहारे, भविश्य मे मुझे एक सफल मनोवैग्यानिक बनना है।