सदस्य:Rupeksha Chawla/प्रयोगपृष्ठ
विलिस इ लाम्ब
संपादित करेंविख्यात वैज्ञानिक।
जीवनी
संपादित करेंविलिस ई लाम्ब का जन्म १२ जुलाई १९१३ को कैलिफोर्निया, लॉस एंजिलस में हुआ था। उनके पिता का नाम विलिस यूजीन था जो एक दूरभाष विभाग में इंजीनियर थे। उनकी मां मैरी हेलेन मेटकाफ नेब्रसका से आयी थी। इनकी पहले की तीन साल की शिक्षा ओकलैंड मे हुई थी। बाद में उन्होंने लांस ऐंजेलिस के पब्लिक स्कूल में शिक्षा ग्रहण की। उन्की दिलचस्पी गणित,भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान में थी। सन १९३० में उन्होंने कैलिफोर्निया के विश्वविद्यालय में दाखिला लिया जो बर्कले में है। सन १९३४ में उनहोंने रसायन विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनहोंने १९३८ में सैद्दांतिक भौतिकी में डाक्टरी की डिग्री राबर्ट ओपनहैमर के दिशा निर्देश में की जिन्हें राष्ट्रपति रूजवेलट ने मैनहट्टन परियोजना के लिए १९४२ में नियुक्त किया था।
उपलब्धियां
संपादित करें१९३८ में कोलंबिया विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर बने। १९४३ से १९४५ तक उन्होंने कोलंबिया विकिरण प्रयोगशाला में काम किया जहां रक्षा से संबंधित अनुसंधान, रडार के लिए उच्च आवृत्ति माइक्रोवेव सूत्रों को कैसे कम करने की समस्या पर ध्यान केंद्रित किया। १९४६ में उन्होनें एक कठिन शोध किया जिसमें उन्की सहायता उनके एक सहयोगी ने की। यह शोध हाइड्रोजन से ऑप्टिकल विकिरण के ठीक संरचना को पढने के लिये थी। वह सफल हुए। इस काम के लिए बाद में उन्हें १९५५ में नोबल पुरस्कार मिला था। उनकी खोज को लाम्ब शिफ्ट भी कहा जाता है। उन्होनें अपना पुरस्कार पोलीकार्प कुश जो एक जर्मन अमेरिकी भौतिक विज्ञानी थे उन्के साथ साझा ।उनका काम क्वांटम विद्युत, आधुनिक प्राथमिक कण भौतिकी का एक महत्वपूर्ण पहलू की नींव में से एक बन गया। १९५१ में वो स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर थे। उन्होंने १९५३ में कला और विज्ञान के अमेरिकन अकादमी के रमफोर्ड प्रीमियम प्राप्त किया। वह राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के एक सदस्य थे, और अमेरिकी भौतिक सोसाइटी के फैलो भी थे। उन्होंने १९५३-५४ तक हावर्ड विश्वविद्यालय में मॉरिस लोएब व्याख्याता का काम किया था। पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय ने १९५४ में उन्हें विज्ञान के डॉक्टर की उपाधि से सम्मानित किया। उन्हें १९५५ में अनुसंधान निगम पुरस्कार दिया गया। वह १९६२ में येल विश्वविद्यालय में भौतिकी के प्रोफेसर हेनरी फोर्रड द्वितीय बने ।१९७४-२००२ तक उन्होने एरिजोना विश्वविद्यालय में काम किया। उन्होंने यहां से निवृत्ति ली। अपने कैरियर के उत्तरार्द्ध में वह क्वांटम माप के क्षेत्र की ओर ध्यान देने लगे। विंग जो १९६८ में उनके पोस्ट डॉक्टरेट छात्र बने उन्हें भौतिक विज्ञानी के भौतिक विज्ञानी कहते हैं। १९९८ में उन्हें विलिस इ लाम्ब पुरस्कार, लेजर विज्ञान और क्वांटम के निर्माण से सम्मानित किया जो हर साल उस क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। उन्होने अपने दोस्तो के साथ विलिस लाम्ब छात्रवृत्ति ऑप्टिकल साइंसेज की शुरुवात की।
व्यक्तिगत जीवन
संपादित करेंउनकी पहली शादी १९३९ में उर्सुला शेफ़र, एक जर्मन छात्र, से हुई थी। १९९६ में पहली बीवी की मौत के बाद उन्होंने दूसरी शादी भौतिक विज्ञानी ब्रुरिया कॉफ़मैन से की जिससे उनका तलाक हो गया। २००० में उन्हें विज्ञान में राष्ट्रीय पदक मिला जो देश का सर्वोच्च वैज्ञानिक सम्मान था। २००८ उन्होंने एल्सी वाटसन से तीसरी शादी की। ।उनका निधन १५ मई २००८ में हुआ। वह तब ९४ वर्ष के थे। पित्त पथरी विकार में जटिलताओं के कारण उनकी मृत्यु हुई।
सन्दर्भ
संपादित करेंhttps://www.nobelprize.org/nobel_prizes/physics/laureates/1955/lamb-bio.html http://www.washingtonpost.com/wp-dyn/content/article/2008/05/18/AR2008051802345.html