Shweta Kamboj
नाम श्वेता कम्बोज
लिंग महिला
जन्म तिथि १६ जून २००१
निवास स्थान बैंगलोर
देश  भारत
नागरिकता भारतीय
शिक्षा तथा पेशा
महाविद्यालय श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल
विश्वविद्यालय क्राइस्ट यूनिवर्सिटी
उच्च माध्यामिक विद्यालय मार्गदर्शन सेंट्रल स्कूल
शौक, पसंद, और आस्था
शौक दोहे और कविताएँ लिखना, किताबें पढ़ना और पेंटिंग बनाना


मेरा नाम श्वेता कम्बोज है | मैं क्राइस्ट विश्वविद्यालय की छात्रा हूँ और अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान और समाज शास्त्र में बी.ए. की पढ़ाई कर रही हूँ | बचपन से ही मुझे किताबें पढ़ने का बहुत शौक है | आठवीं कक्षा से ही मैंने दोहे और कविताएँ लिखने की शुरुवात की| मैं एक मेहनती और रचनात्मक लड़की हूँ और हमेशा अपने सभी कामों को समय से पहले कर लेती हूँ | मुझे अपना काम व्यवस्थित रूप से करना अच्छा लगता है| मैं एक सिद्धान्तों और आदर्शों पर चलने वाली लड़की हूँ, मुझे अपने कामों के लिए किसी अन्य पर आश्रित रहना बिलकुल भी पसंद नहीं है|

मेरा जन्म १६ जून २००१ को एक पंजाबी परिवार में हुआ| मैं एक संयुक्त परिवार में रहती हूँ | मेरे पिता का नाम धर्मेंद्र कुमार है और वे पेशे से एक व्यवसायी है| मेरी माता का नाम भावना कम्बोज है और वे एक गृहिणी है| मेरा एक भाई है, जो अभी बारहवीं कक्षा में पढ़ रहा है | मेरे परिवार में मेरी दादी है, जो मुझसे बेहद प्रेम करती है | दादी के साथ-साथ मेरे दो चाचा और दो चाची है| हर मुश्किल एवं कठिनाई में मेरा परिवार हमेशा मेरे साथ खड़ा रहता है और हर कदम पर मेरी मदद करता है |

मैंने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मार्गदर्शन सेंट्रल स्कूल से की, जो उत्तरी कर्नाटक में है| स्कूली दिनों से ही मुझे पढ़ाई में बहुत दिलचस्पी थी| स्कूल में अपनी मेहनत और लगन के कारण हमेशा मुझे अच्छे अंक प्राप्त होते थे| आठवीं कक्षा से ही मैंने दोहे एवं कविताएँ लिखने की शुरुवात की| दोहे लिखने की प्रेरणा मुझे आठवीं कक्षा की हिंदी पुस्तक में दिए गए कबीरदास जी के दोहों से मिली| स्कूल में मैं एक जिम्मेदार एवं जिज्ञासु छात्रा थी| दसवीं कक्षा में मैंने ९.८ सी.जी.पी.ए. हासिल किये| इसके बाद, श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल से मैंने विज्ञान की पढ़ाई पूरी की| वर्तमान समय में मैं क्राइस्ट विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान और समाज शास्त्र में स्नातक कर रही हूँ|

मुझे खाली समय में किताबें पढ़ना, पेंटिंग बनाना और कविताएँ लिखना पसंद है| इसके साथ-साथ मुझे बैडमिंटन खेलने में बहुत मज़ा आता है| मैं अपने दोहों और कविताओं द्वारा अपने विचारों और भावों को प्रकट करने का प्रयास करती हूँ| इसके साथ -साथ मैं दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहती हूँ|मेरी हमेशा एक सफल और आदर्श इंसान बनने की कोशिश रहती है|

श्वेता के दोहे

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कबीरदास जी से प्रेरणा लेकर मैंने अपने दोहों की शुरुवात की| आठवीं कक्षा से लेकर आजतक मैंने कुल मिलाकर ४० दोहे लिखे है, जो बहुत ही सामान्य एवं सरल भाषा में लिखे गए है और बहुत गहरा और अभिव्यंजक अर्थ प्रदान करते है| मेरे ज्यादा से ज्यादा दोहे सामाजिक, धार्मिक और प्राकृतिक मुद्दों पर आधारित है| मेरे कुछ दोहे इस प्रकार है:

  • साधू को न मानिए , ढोंग करै सब होय |
  स्मरण करो भगवान का , इच्छा पूर्ण होए||
  • मानुष, पशु सब एक है , मत लो उनके प्राण |
  प्राण हरण से कछु न होवै , कीमती सबकी जान ||
  • प्यास बुझावै लोगों की , पानी कीमती सुझाए |
  समझै नाँहिं मनुष्य है , व्यर्थ करै है जाए ||
  • निंदा करौ न एक की , औरन को दुःख होय |
 तन मन सीतल होय नाँहिं , स्वार्थ सिद्ध जीव होय ||
  • दीपक बाती जलत है , जलै सदैव नाँहिं |
  वैसे जग संसार है , बुझै है पृथ्वी माँहिं ||