SiddhantVashistha1831319
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देश | भारत |
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परिचय
संपादित करेंमेरा नाम सिद्धांत वशिष्ठ है। मेरा जन्म वर्ष १९९९ में हुआ था। मैं भारतीय हूँ और जयपुर शहर का निवासी हूँ। मेरे पिता एक व्यवसायी हैं और मेरी माता एक गृहणी हैं। बचपन से ही मेरी अलग अलग विषयों और चीज़ों के बारे में जानने की रूचि रही है और इसी वजह से मेने पत्रकारिता करने का निर्णय लिया। मुझे ऐसी सामग्री का उपभोग करने में दिलचस्पी है जो की गुणवत्ता के पैमाने से उत्तम हो, ऐसे में चाहे वो नाटक हों, किताबें हों, चलचित्र हों या फिर कुछ भी और हो। ऐसा इसलिए भी है की मेरा ऐसा मानना है की हमारे पास इस धरती पर एक निश्चित समय ही होता और इसमें हमे अच्छी चीज़ें जो की आलोचनात्मक आधार पर अच्छी हों, की खपत करनी चाहिए। जहां बात खपत की आती है, में अपना हर मुमकिन प्रयास करता हूँ की वह में कम से कम करूँ चूँकि इस धरती की क्षमता भी हमारी ही तरह सिमित है। आज का मनुष्य इतना आत्म केन्द्रित हों चूका है की उसकी सारा सामाजिक और प्राकृतिक सम्मान धीरे धीरे समाप्त हों रहा है। मैं अपने पत्रकार बनने पर प्रकृति से जुड़े विषयों पर बिलकुल लिखना चाहूंगा। मैं अपनी शिक्षा के लिए घर से इस समय घर से बहार पढ़ रहा हूँ। शुरुआती दिनों में मेरे लिए मेरे परिवार से दूर जाकर रहना बहुत ही कठिन था लेकिन अब उतना मुश्किल नहीं है। बाहर रहने से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है जैसे अनुकूल स्तिथि ना होने पर कैसे प्रभंधन करते हैं और अपनी देख-भाल बिना किसी और की मदद के करना। मैं घुमक्कड़ी का भी शौक रखता हूँ। इसका एक कारण यह भी है की मैं बड़ा ही जिज्ञासु प्रवृति का हूँ और लोगों, संस्कृतियों, खान-पान इत्यादि के बारे में जानना मुझे अच्छा लगता है। और तो और मेरे कुछ दोस्तों का तो यह भी कहना है की मुझे अखबार दे दिया जाए तो मुझे और कुछ भी नहीं चाहिए होगा। मेरा कद ६ फुट २ इंच है जो की शायद भारतीयों में लम्बा कद है इसकी वजह से मुझे प्रतिदिन लगभग तीन चार बार तो इसके बारे में बात करनी ही पड़ती है तो मेने सोचा इधर भी पहले ही बता देता हूँ जिससे की यदि हमारा कभी मिलना हुआ तो आप यह न पूछे।
शिक्षा
संपादित करेंमैं अभी क्राइस्ट विश्वविद्यालय में पढ़ रहा हूँ। इस समय मैं अपना कला स्नातक पत्रकारिता, मनोविज्ञान और अंग्रेजी में कर रहा हूँ। यह एक अच्छा विश्वविद्यालय है जहाँ किसी व्यक्ति को अवसरों की एक श्रृंखला मिलती है और बढ़ती जाती है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य प्रत्येक शिष्य में समग्र शिक्षा का प्रसार करना है। इसमें एक विशाल पुस्तकालय भी है जहाँ साहित्य में रुचि रखने वाले लोगों के पास एक अच्छा समय हो सकता है। मैं अपने महाविद्यालय में संगीत भी सीख रहा हूँ। यह पूर्णतः पश्चिमी शास्त्रीय संगीत है। इसके साथ साथ मेरा वाद्ययन्त्र टेनर सैक्सोफोन है। मैं यह अपना सौभाग्य मानता हूँ की मुझे इतना दुर्लभ अवसर मिला है।
परिवार
संपादित करेंमेरे परिवार में मेरे पिता, माँ, बहन, चचेरे भाई, दादी, चाची और मेरे साथ 6 लोग शामिल हैं। ये सभी जयपुर में रहते हैं। मेरे पिताजी इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ काम करने वाले एक व्यवसाय के मालिक हैं, जिसमें फैक्स मशीन, प्रिंटर, मुद्रा गणना मशीन शामिल हैं, वे एक इंजीनियर भी हैं। मेरी बहन भी एक इंजीनियर है और एक कंटेंट मार्केटिंग फर्म में काम करती है। मेरी माँ ने हिंदी में मास्टर्स किया है और शायद जिसने हिंदी साहित्य में मेरी रुचि को एक धार दी है।
शौक
संपादित करेंभाषाओं, इतिहास और पर्यावरण में मेरी ख़ास दिलचस्पी है।जयपुर से होने की वजह से मेने छुटपन से ही संस्कृति और इतिहास को बहुत पास से देखा है। अंग्रेजी में विलियम डार्लिम्पल और अरविंद अडिगा मेरे पसंदीदा लेखक हैं, वहीं हिंदुस्तानी में मुझे मुंशी प्रेमचंद और सआदत हसन मंटो बहुत पसंद हैं।मुझे खाने का भी शौक है और आप कह सकते हैं की मैं कम क्षमता होने के बावजूद भी ऐसे लोगों में आता हूँ जो खाने के लिए जीते हैं। जब भारतीय भोजन की बात आती है, तो मुझे छोले भटूरे और गुलाब जामुन जैसे व्यंजन पसंद हैं। विविधता के मायने से देखें तो मुझे पाव भाजी, मसाला दोसा, मंचूरियन भुने चावल के साथ और बर्गर सभी खाना पसंद है। इसके साथ ही में एक शाकाहारी भी हूँ। मुझे खेलों में भी बहुत दिलचस्पी है। मैं फुटबॉल में प्रीमियर लीग और चैंपियन लीग देखता हूं। फुटबॉल और टेनिस मेरे पसंदीदा खेल हैं। जब मैं स्कूल में था तब मैं बहुत फुटबॉल खेलता था। मेरे पसंदीदा खिलाड़ी क्रिश्चियन एरिकसेन और हैरी केन हैं। मुझे सबसे ज्यादा दिलचस्पी है। पर्यावरण पत्रकारिता जब करियर के रूप में पत्रकारिता को आगे बढ़ाने की बात आती है। मैं हमेशा सोचता हूं कि हम इंसानों ने पर्यावरण को काफी हद तक नष्ट कर दिया है और अब पृथ्वी को बचाने के लिए सबसे अच्छा समय है। मेरे पसंदीदा पत्रकार जुग सुरैया हैं।