SudarshanKrishna1830380
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नाम सुदर्शन कृष्णा
लिंग पुरुष
जन्म तिथि २६-०६-२०००
जन्म स्थान बैंगलोर
देश  भारत
नागरिकता भारतीय
शिक्षा तथा पेशा
विश्वविद्यालय क्राइस्ट यूनिवर्सिटी
उच्च माध्यामिक विद्यालय प्रेसीडेंसी स्कूल, आर.टी नगर
सम्पर्क विवरण
ईमेल sudarshan.krishna@arts.christuniversity.in

बचपन

मेरा नाम सुदर्शन कृष्णा है। मैं बैंगलोर से हूं। जब मैं पहली बार स्कूल गया था तब मैं लगभग चार साल का था। अभी भी मैं उन आँसुओं को नहीं भूल सकता क्योंकि मैंने अपने माता-पिता को छोड़ दिया और एक अनजान जगह पर चला गया और वह था - स्कूल। मेरा बचपन किसी दूसरे बच्चे के बचपन से अलग नहीं था। लेकिन जब मैं छोटा था और अब तक भी मेरी प्रेरणा हमेशा मेरी दादी माँ थी और रहेगी । वह हमेशा दयालु थी और उन्होने मेरे व्यक्तित्व को बहुत आकार दिया। मैं एक कॉलोनी में रहता था और मेरे बहुत सारे दोस्त थे। मैं पूरे दिन खेलता था और परेशानी में पड़ जाता था। मैं पांचवीं कक्षा तक कॉलोनी में रहता था। जिसके बाद मैं एक अपार्टमेंट में रहने लगा। लेकिन मैं अभी भी कॉलोनी में बिताए समय की यादों को नहीं भूल सकता। हर कोई सबको जानता था। यह उस समय की याद दिलाता है जब हम अपने पड़ोसियों से बात करते थे और साथ में लंच या डिनर करते थे। हम साल में एक बार स्टार गेजिंग शो करते थे, जिसका हम सभी इंतजार करते थे। हम कॉलोनी में साइकिल से घूमते थे। हमने साइकिल दौड़ भी लगाई। हम लड़ते थे लेकिन भोजन या खेल साझा करके फिर से दोस्त बन जाते थे। मैंने कक्षा दस तक की पढ़ाई प्रेसीडेंसी स्कूल में की है, जो कि बैंगलोर में है। जिसके बाद मैंने पि.यु स्ट्रीम में विज्ञान का अध्ययन किया और वर्तमान में आर्ट्स कर रहा हूं। मैंने अपने बचपन में शास्त्रीय संगीत सीखा है और इसमें एक पाठ्यक्रम या स्तर पूरा करने के लिए एक प्रमाण पत्र प्राप्त किया है। मैंने आठवीं कक्षा तक संगीत का अभ्यास किया है। जिसके बाद मुझे अपनी बोर्ड परीक्षा पर ध्यान केंद्रित करना पड़ा और संगीत का इतना पालन नहीं किया।


परिवार

मेरे पिता का नाम प्रभाकर है। मेरी मां का नाम श्रीदेवी है। वे दोनों इंजीनियर के रूप में काम करते हैं। मेरी एक छोटी बहन भी हें जो मुझसे सात साल छोटी है। मैं एक हिंदू पृष्ठभूमि का हूं। मैं अपने माता-पिता, बहन और दादा-दादी के साथ घर पर रहता हूं। मेरे माता-पिता दोनों इंजीनियर के रूप में काम करते हैं। मेरे माता-पिता मेरा लगातार सहारा कर रहे हैं, भले ही उनको मनोविज्ञान के बारे में इतने जानकारी नही हैं। मुझे इंजीनियरिंग करना चाहते थे, लेकिन मेरे कला पढने मे भी सहारा करते हैं। वे मुझे किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता पाने के लिए बताते हैं, चाहे वह कला या विज्ञान हो।वे बताते है कि यह महत्वपूर्ण कि जो हमे पसंद है वही करना चाहिए और उसके लिए कड़ी मेहनत करना चाहिए। हम सब बैंगलौर में रहते हैं। लेकिन मेरे पिता का जन्म तमिल नाडू में हुआ था और मेरी माँ का जन्म आन्द्रप्रदेश में हुआ था।


शिक्षा

मैं इस समय क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर में मनोविज्ञान, समाजशास्त्र और अंग्रेजी में बी.ए पध रहा हूँ। क्राइस्ट यूनिवर्सिटी वास्तव में एक अच्छी संस्था है। यह आपको पुस्तकों जैसी बुनियादी आवश्यकताओं के साथ भी प्रदान करता है। क्राइस्ट यूनिवर्सिटी केवल अध्ययन के बजाय एक व्यक्ति की बेहतरी पर केंद्रित है। यह आपको पढ़ाई, खेल और नैतिक मूल्यों पर भी ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। विज्ञान में उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले माता-पिता की पृष्ठभूमि से आते हुए, मैंने कला को पढने के लिए चुना है क्योंकि मुझे मनोविज्ञान पसंद है। मैं फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक को नौकरी के रूप में लेना चाहता हूं क्योंकि अपराध करने वाला मानवीय आग्रह मुझे आकर्षित करता है। साहित्य मे मुझे अत्यादिक दिलचस्पी है, खासकर कविता मे। कैसे कवि कुछ छोटे पंक्तियो के माध्यम से इतना कह सकता है खासकर सुरीले और तुक मिलाने वाले शब्द के सात। मुझे प्रकृति के साथ समय बिताना पसंद है, सर्दियों की ठंडी हवा और वसंत के ताजा रंग असल में सुंदर हैं। मुझे कबीर के दोहे पढ़ना पसंद करता हूं।


शौक

मेरे शौक साइकिल चलाना, शास्त्रीय संगीत सुनना और फोटोग्राफी यानी तस्वीरे मे है। मैं अपने फोटोग्राफी कौशल में सुधार करना चाहता हूं और शायद उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर चित्रित करना चाहता हूं। मुझे लगता है कि आपको जो चीजें दिखाई देती हैं उन्हें तस्वीरो मे पकड़ना चाहिए और अपने अनुभव या सुंदरता को दूसरों के सात बँटना चाहिए। मुझे फुटबॉल भी पसंद है और अक्सर खेलता भी हूं।

दुनिया की यात्रा हमेशा मेरा सपना रहा है और मैं किसी दिन उस सपने को पूरा करना चाहता हूं। दुनिया के सभी शेहरो, उसके चमत्कार, और उसके सभी सुंदर रचनाएं अपनी आंखों के माध्यम से और लेंस के माध्यम से पकड़ने की मैं दिल से आग्रह करता हूं। दुनिया मे विभिन्न संस्कृतियों, विभिन्न जलवायु और अलग-अलग लोग है। इस सुंदरताओ के कारण से ही मुझे दुनिया भर घूमने की उत्सुकता रहती है। मुझे लगता है कि हमारे पास सीमित समय है और करने के लिए बहुत कुछ है यानी बहुत सारे उपलब्धियों प्राप्त करने के लिए। इसलिए, हमें बस वही करना चाहिए जो हमे पसंद हो, लेकिन याद रखना चाहिए कि हम प्रकृति के नियमों को न तोडे। मुझे यह भी लगता है कि लोगों को अलग-अलग चीजें करना चाहिए वरना यह एक नीरस जीवन की ओर ले जाएगा। लोगों को विभिन्न करियर का रस्तो पर चलना चाहिए और उनके कई खूबसूरतिओ को अनुभव करना चाहिए हैं। मैं यह सब भी करना चाहता हूं।

इसके अलावा। मैं समाज और इसकी सोच को विकसित करना या बदलना चाहता हूं। मैं पूरी दुनिया को हर किसी के लिए शांतिपूर्ण स्थान बनाना चाहता हूं। हालांकि मुझे पता है कि यह एक कठिन काम है, मैं अपनी पूरी शक्ति के सात योगदान करने के लिए तैयार हूं।