Sudhabhujel1831539
जन्मनाम सुधा भुजेल
लिंग महिला
जन्म तिथि ०१/०१/२००१
जन्म स्थान असम
देश  भारत
नागरिकता भारतीय
जातियता भरतिय
शिक्षा तथा पेशा
पेशा छात्र
शिक्षा बी ए
विश्वविद्यालय क्राइस्ट यूनिवर्सिटी
उच्च माध्यामिक विद्यालय केन्द्रिय विद्यालय
शौक, पसंद, और आस्था
धर्म हिन्दु

नमास्ते ! मैं हुँ सुधा भूजेल। मैं अठारह साल की हुँ। वर्तमान में मैं बेंगलुरु के क्राइस्ट (डीम्ड टू बी) यूनिवर्सिटी या क्राइस्ट विश्वविद्यालय में पढ़ रही हूँ। मैंने संगीत (पश्चिमी शास्त्रीय), मनोविज्ञान और अंग्रेजी - ये तीन विषय में प्रमुखता ली हैं। यह कार्यप्रणाली मानव विभाग के अंतर्गत आता हैं। हालाँकि मैं जन्म से ही में असम में पली बड़ी हूँ , पर उच्च शिक्षा के लिए मैंने इस शहर में आने का सोचा। बचपन से ही मुझे संगीत में बहुत रूचि रही हैं और मुझे इस विषय में आगे बढ़ने की काफी चाह भी थी। धीरे धीरे मुझे अंग्रेजी विषय से भी लगाव होने लगा। माना पहले कभी मनोविज्ञान विषय पढ़ने का मौका नहीं मिला, लेकिन जो कुछ भी थोड़ी जानकारी थी वह काफी दिलचस्प लगती थी और इसके बारे में जानने की बहुत इच्छा भी थी। अतः , चुकी भारत वर्ष में सिर्फ यही एक विश्वविद्यालय हैं जो ये तीनों विषयों में एक साथ प्रमुखता लेने का सुविधा देता हैं, तोह यह शहर चुनना मेरे लिए स्वाभाविक था। दसवीं तक मैंने स्टेट बोर्ड के स्कूलों में ही पढ़ा। उच्च माध्यमिक मैंने केंद्रीय विदयाल (सीबीएसई) से विज्ञान में पूर्ण की।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

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मेरा जनम असम में हुआ। मेरे परिवार में मेरे अलावा मेरे माता-पिता और मेरा बड़ा भाई हैं। मेरी माता का नाम अंजली शर्मा भूजेल है और वह गृहिणी हैं। मेरे पिताजी का नाम केदार सिंह भुजेल है और वे असम बोर्ड में सहायक रसायनज्ञ के पद सरकारी नौकरी करते हैं। मेरे बड़े भाई का नाम अंकेज भूूजेल हैं और फ़िलहाल वह बी.टेक कर रहा हैं। हमारी मातृ भाषा नेपाली हैं और घर पे हम यही भाषा में वार्तालाप करते हैं। देखा जाए तो मेरे परिवार की जड़ें नेपाल में बसी हैं। आज भी मेरे समीप के रिश्तेदार नेपाल में ही बेस हैं अतः मेरा वहा कभी कभार आना जाना होता हैं। मेरे परिवार के सरे सदस्य भारत में ही जन्म हुए और हमने यही की नागरिकता चुनी।

वर्तमान मै पांच भाषायें - नेपाली, हिंदी, अंग्रेज़ी, एसामीस और बंगाली बोल सकती हू।

शौक और उपलब्धियां

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मैंने भातखंडे से हिंदुस्तानी संगीत में विशारद की हैं। मैंने इसी स्कूल से कुछ वर्षों तक कथक नृत्य सीखी जाहा मुझे प्रथमा में प्रथम पोजिशन के साथ साथ डिस्टिंक्शन भी मिली थी। द्वितीय वर्ष तक पेंटिंग भी सीखी। मैं एक जिम्मेदार लड़की हूँ । मुझे अपना अपना काम खुद के तारीके से करना पसंद है। मैं आशावादी हूँ। अतः जीवन के कठिन तथा चुनौतीपूर्ण अवस्थाओं में मैं धीरज रखने की कोशिश करती हूं। कॉलेज की अनुसूची कठिन हैं। खास कर मेरा कोर्स बहुत चुनौतीपूर्ण हैं। मुझे तीनों विषयों में समान रूप से ध्यान देना होता हैं । लेकिन संगीत खुद में एक इतना बड़ा विषय हैं,वो भी वेस्टर्न क्लास्सिकल जो हिंदुस्तानी मुख्य धारा से बिल्कुल अलग है, कि कभी कभी लगातार प्रैक्टिस की वजह से बाकी दो विषयों में ध्यान देना मुश्किल पड़ जाता है। लेकिन दूसरी ओर से देखा जाए तो जीवन की यही छोटी बड़ी चुनौतियाँ ही हमें मजबूत बनती हैं। पर चुकी मुझे नाचना - गाना और इससे जुरित रहना पसंद हैं इसलिए मुझे यह रूटीन उबाऊ या थकाऊ नहीं लगता। इसी प्रकार भले ही समय का संचालन करना इतना आसान नहीं है पर इन सब के बीच ही व्यस्त रेहके अपना आप को विकसित होते हुए अनुभव करना बहुत तसल्ली - पूर्ण लगता हैं। उम्मीद है कि आगे भी मैं बिना हार माने ऐसे ही विकास की ओर बढ़ती जाऊं ।

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