इस संसार का प्रत्येक किसी न किसी के अंतर्गत होता है इसलिए कभी भी हम इस भूल में न रहे कि हम ही सबसे बड़े है, यह उसका अपना घमंड होता है जो उसे उसके पतन (विनाश) की ओर ले जाता है।